300 टैस्ट विकेट क्लब में शामिल  ईशांत शर्मा

भारतीय तेज़ गेंदबाज ईशांत शर्मा ने जब 2007 में अपना पहला टैस्ट खेला था तो उनके शुरुआती करियर में उन पर यह आरोप लगते थे कि वह फुल्लर लेंथ पर गेंदबाजी नहीं करते हैं, जिससे वह स्वस्थ स्ट्राइक रेट से विकेट नहीं चटका पाते हैं। संभवत: इसी कारण (और निरंतर चोटिल हो जाने) से वह अपने लम्बे क्रिकेट करियर के दौरान टीम से अंदर व बाहर होते रहे और टीम का मुख्य स्ट्राइक बॉलर बनने में भी असफल रहे लेकिन उन्होंने आलोचनाओं को सकारात्मक दृष्टि से लिया, अपने मनोबल को टूटने नहीं दिया, लगातार मेहनत करते रहे और अपनी गेंदबाजी में सुधार लाते रहे, जिसका नतीजा यह है कि आज वह भारतीय टैस्ट टीम का मज़बूत स्तंभ हैं और मैदान में उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाजों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है। गौरतलब है कि 2018 के बाद ईशांत शर्मा ने जो 19 टैस्ट खेले हैं उनमें उन्होंने 42.8 के स्ट्राइक रेट (दो विकेट लेने के बीच फैंकी गईं गेंदों का औसत) से 74 विकेट लिए हैं और वह भी प्रति विकेट 20 रन से भी कम देकर।चेन्नई में खेल गये भारत बनाम इंग्लैंड शृंखला के पहले टैस्ट के चौथे दिन जब ईशांत शर्मा ने अपनी एक तेजी से अंदर आती हुई गेंद पर डैन लॉरेंस को पगबाधा आऊट किया तो यह उनके टैस्ट करियर का 300वां विकेट था, और इस तरह कपिल देव व ज़हीर खान के बाद 300 या उससे अधिक टैस्ट विकेट लेने वाले वह देश के तीसरे तेज़ गेंदबाज बने।  अफसोस, ईशांत शर्मा के 300वें टैस्ट विकेट पर तालियां बजाने के लिए स्टैंड्स में कोई नहीं था क्योंकि कोविड-19 के चलते स्टेडियम में दर्शकों को आने की अनुमति नहीं थी। ईशांत शर्मा ने अपना 300वां विकेट अपने 98वें टैस्ट में लिया। भारत के 300 विकेट क्लब में अनिल कुंबले (619 विकेट, 132 टैस्ट), कपिल देव (434 विकेट, 131 टैस्ट), हरभजन सिंह (417 विकेट, 103 टैस्ट), आर अश्विन (386 विकेट, 75 टैस्ट) और जहीर खान (311 विकेट, 92 टैस्ट) के बाद ईशांत शर्मा छठे स्थान पर हैं। दो टैस्ट खेलने के बाद वह अनिल कुंबले, कपिल देव व हरभजन सिंह के बाद भारत के लिए 100 या उससे अधिक टैस्ट खेलने वाले चौथे गेंदबाज बन जायेंगे और तेज़ गेंदबाज के रूप में तो मात्र दूसरे। ईशांत शर्मा ने अपना पहला टैस्ट विकेट अपने पहले ही टैस्ट में मशरफे मुर्तजा के रूप में 2007 में ढाका, बांग्लादेश में लिया था। उनके 50वें शिकार डेनियल वेटोरी थे (17वां टैस्ट, नेपियर, न्यूज़ीलैंड, 2008-09),100वां विकेट थे डारेन सैमी (33वां टैस्ट, ब्रिजटाऊन, वैस्टइंडीज, 2011), 150वां विकेट थे हामिश रदरफोर्ड (54वां टैस्ट, ऑकलैंड, न्यूज़ीलैंड, 2013-14), 200वां विकेट थे उपल थरंगा (65वां टैस्ट, कोलम्बो एसएससी, श्रीलंका, 2015-16), 250वां विकेट थे जो रूट (86वां टैस्ट, साऊथहेम्टन, इंग्लैंड, 2018) और 300वां विकेट थे डैन लारेंस (98वां टैस्ट, चेन्नई, भारत, 2021)। अपनी इस शानदार कामयाबी के बारे में 32 वर्षीय ईशांत शर्मा का कहना है, ‘हां, यह (14 साल का सफर) रोलर-कोस्टर राइड रही है अब तक मैंने इसका आनंद लिया है। मुझे अपने करियर में बहुत अनुभव हुए हैं। मुझे बहुत लोगों ने सिखाया है कि भारतीय उपमहाद्वीप में कैसे गेंदबाजी करनी है और विदेशी धरती पर कैसे।’ करियर में उतार-चढ़ाव व चोटों के बावजूद ईशांत शर्मा कभी अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे नहीं हटे हैं और इसी का नतीजा है यह कामयाबी। एक तेज़ गेंदबाज के लिए इतने लम्बे समय तक खेलते रहना बहुत बड़ी बात है। ईशांत शर्मा पूर्णत: टीम मैन हैं। टीम जो चाहती है, उसके लिए वह सबसे पहले हाथ उठाते हैं।

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