किस तरह खेलते हैं खेल के मैदान में विकलांग और नेत्रहीन खिलाड़ी

कुछ लोग अक्सर किसी दुर्घटना का शिकार होकर विकलांग हो जाते हैं और वे अपने खेलों के जुनून या शौक को पूरा करने के लिए उसी तरह शरीर की योग्यता के अनुसार गेम का चयन कर लेते हैं। इसी श्रेणी में वे लोग भी आ जाते हैं जो कम आयु में ही पोलियो के शिकार हो जाते हैं और वे भी एथलैटिक के क्षेत्र में उपलब्धियां प्राप्त कर रहे हैं। अब मैं बात कर रहा हूं कि आंखों से अपाहिज खिलाड़ी खेल के मैदान में कैसे खेलते हैं यंिद विश्व के नेत्रहीन लोगों की बात की जाए तो नेत्रहीन लोगों ने विज्ञान, विद्वान, साहित्य, कला के प्रत्येक क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं। आज नेत्रहीन खिलाड़ियों ने भी विशेषकर भारत के खिलाड़ियों ने भी पूरे विश्व में बुलंदियों को छूआ है। 
विशेष बात है कि नेत्रहीन लोगों के लिए जब बरेल लिपि भाषा अस्तित्व में आई तो नेत्रहीन विद्यार्थियों को हर बात ही आसान और समझ आने लगी क्योंकि बरेल लिपि हाथों से छू कर ही प्रत्येक बात पड़ी और देख ली जाती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि नेत्रहीन लोग विशेषकर नौजवान लड़के एवं लड़कियां आम इन्सान से बहुत ज़्यादा आज्ञाकारी और संवेदनशील हो जाते हैं कि वे दिमाग और छू लेने की शक्ति से ही अपने आसपास विचरण करना शुरू कर देते हैं। अब दो मोबाइल फोनों में भी नेत्रहीन लोगों के लिए ऐसे साफ्टवेयर आ गए हैं कि वे स्वयं ही फोन लगा कर बात कर लेते हैं और स्वयं ही कोई नम्बर फीड कर लेते हैं। अब बात करते हैं खेलों की। नेत्रहीन खिलाड़ी बहुत सी खेलों जैसै एथलैटिक्स, ब्लांइड फुटबाल, ब्लांइड क्रिकेट, जूडो, पावर लिफ्ंिटग, तैराकी, शतरंज, कबड्डी, लॉन टैनिस, गोल बाल और सो डाऊन खेलें खेलते आ रहे हैं और इसके साथ ही मनोरंजन के लिए खेलें लूडो, ताश, सांप-सीढ़ी, पज़ल्स और ड्राट बोर्ड भी शामिल हैं। अब बात दूं कि बहुत से पाठक  सोचते होंगे कि जिन्हें दिखाई नहीं देता, वे कैसे खेलते हैं। यदि क्रिकेट की बात की जाए नेत्रहीन खिलाड़ियों के लिए बाल, बैट और विकेट इस तरह से तैयार की जाती हैं कि बाल, बैट और विकेटों में छणकार की कोई वस्तु डाली होती है जब भी बाल बैट के साथ टकराती है तो छणकाहट पैदा होती है और जब बाल विकेटों में लगती है तो उससे पैदा होने वाली छणकाहट से भी खिलाड़ी आसानी से अनुमान लगा लेता है कि क्या घटित हुआ। इसी तरह अन्य खेलों जैसे बास्केटबाल, बैटमिंटन, फुटबाल भी इसी तरह छणकाहट भरी आवाज पैदा करती हैं जिसके सहारे ही खिलाड़ी खेलें खेलते हैं। 
-मो. 98551-14484