देश के ध्वज को ऊंचा उठाने वाली पी.वी. सिंधू

पुसरला वैंकटा सिंधू भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी है, जिसने ओलम्पिक में देश के लिए दो पदक जीते हैं। इससे पहले यह कारनामा पुरुष पहलवान सुशील कुमार ने किया है।  पी.वी. सिंधू का जन्म खेल पृष्ठभूमि वाले परिवार में 5 जुलाई, 1995 को हैदराबाद (आंध्र प्रदेश) में हुआ। पांच फुट, दस इंच लम्बी सिंधू के पिता पी.वी. रामन्ना ने 1986 के सियोल ओलम्पिक खेलों में बैडमिंटन मुकाबले में कांस्य पदक जीता था। मां पी.वी. विजया भी नैशनल स्तर पर वालीबाल खेल चुकी हैं। पी.वी. सिंधू पहले वालीबाल खेलने लग पड़ी थीं, परन्तु एक मुकाबले के दौरान पुलेल गोपीचंद की नज़र उस पर पड़ी और उसने बैडमिंटन खेलने हेतु प्रोत्साहित किया। सिंधू अपने घर से 56 किलोमीटर दूर गोपीचंद की अकादमी में प्रतिदिन अभ्यास करने जाती थी। उसके कोच पुलेला गोपीचंद ही हैं। वह उस समय चर्चा में आई थीं, जब गुआंगझू (चीन) में हुई विश्व चैम्पियनशिप 2013 में महिलाओं के बैडमिंटन एकल मुकाबले में पदक जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बनी थी। सन् 2012 में उसने विश्व बैडमिंटन फैडरेशन द्वारा जारी रैंकिंग में स्थान बानाया। विशेष बात यह भी है कि उसने विश्व की प्रत्येक बड़ी खिलाड़ी को हराया है। सिंधू स्पेन की कैरोलीना मारिन की सबसे कठिन प्रतियोगी, जबकि चीन की ली ज़ुएरेई के विरुद्ध जीत को यादगारी खेल उपलब्धि मानती है। सिंधू ने 17 वर्ष की आयु में अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी।  पी.वी.सिंधू ने राष्ट्रमंडल यूथ गेम्स डौगल्स 2011 के एकल वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। 2011 में लखनऊ में हुई एशियन जूनियर चैम्पियनशिप सिंगल्स और मिक्सड सिंग्लस में दो कांस्य पदक जीते। ज़ुबेर कप 2014 नई दिल्ली और 2016 को कूनशन में दो कांस्य पदक प्राप्त किये। विश्व चैम्पियनशिप 2013 में कांस्य, 2014 में कांस्य, 2017 में रजत, 2018 में रजत और 2019 में स्वर्ण पदक जीते। एशियन खेल 2014 इंचोइन में कांस्य और जकार्ता में रजत पदक जीता। राष्ट्रमंडल खेल 2014 ग्लासगो में कांस्य, 2018 गोल्ड कॉस्ट में स्वर्ण और रजत पदक जीते। 2014 की गिमचिओ एशियन चैम्पियनशिप में कांस्य पदक और 2016 में गुवाहाटी में हुए हुए साऊद एशियन खेलों में स्वर्ण और रजत पदक जीत कर देश की झोली में डाले। पी.वी. सिंधू ने 2016 के रियो ओलम्पिक में रजत और हाल ही में समाप्त हुए टोक्यो 2020 ओलम्पिक कांस्य पदक जीत कर देश के झंडे को ऊंचा किया है।