ज़िन्दगी ज़िंदाबाद

ज़िन्दगी रंगों की तरह रंगीन है। हंसना, रोना, खुशी, ़गम यही ज़िन्दगी के असली रंग हैं। ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है, बिल्कुल एक खिले हुये फूल की तरह। वास्तविकता में ज़िन्दगी के प्रति दृष्टिकोण ही ज़िन्दगी को आसान या मुश्किल बनाता है। जब हम ज़िन्दगी को जीने का जज्बा लेकर उसे आशावादी तरीके से देखते हैं तो ज़िन्दगी का हर रंग हमें बहुत खूबसूरत लगता है। ज़िन्दगी फूलों की सेज लगती है लेकिन उसी ज़िन्दगी को जब हम निराशावादी दृष्टिकोण से देखते हैं तो वही ज़िन्दगी हमारे लिए बोझ बन जाती है। सुख और दुख ज़िन्दगी की गाड़ी के दो पहिए हैं और इनमें तालमेल बिठाकर रखना हमारी अपनी ज़िम्मेदारी है। जब इन्सान की सोच ऊंची और अच्छी होती है तो मुश्किल से मुश्किल हालात भी इन्सान को उसकी मंजिल  तक पहुंचने से नहीं रोक सकते। ज़िन्दगी को खूबसूरत बनाने के लिए विचारों की खूबसूरती का होना बहुत ज़रूरी है। जिस इन्सान को दुख में भी मुस्कुराना आ गया उसे ज़िन्दगी की दौड़ में कोई नहीं हरा सकता। दृढ़ निश्चय और संतोष के साथ ही ज़िन्दगी की जंग लड़ी जा सकती है। ज़िन्दगी में कुछ भी असम्भव नहीं होता। हां, हमारे प्रयास में कमी हो सकती है। ज़िन्दगी व्यतीत करना तो हर कोई जानता है लेकिन ज़िन्दगी को जीना सीखें। अपने आत्म-विश्वास और आत्म-सम्मान को हमेशा जीवित रखें फिर ज़िन्दगी की हर मुश्किल छोटी लगेगी। स्वयं से प्यार करना, अपना सम्मान करना सीखें क्योंकि दूसरों से अपनी तुलना करना बेवकूफी है।
ज़िन्दगी के आंगन को अपनी मेहनत से खूबसूरत बनाओ। ज़िन्दगी है तो धूप-छांव, सुख-दुख सब होंगे, लेकिन दुख से निराश होने की बजाए इसका सामना करना सीखें। ज़िन्दगी तो हमेशा चलते रहने का नाम है। रुकी हुई ज़िन्दगी घड़ी जैसी होती है जिसे कोई पसंद नहीं करता। क्रियाशीलता ही जीवन का नियम है और क्रियाशील मनुष्य ही अपनी मंज़िल तक पहुंचता है। इसीलिए कभी भी निराश न हों। यदि किसी काम में सफलता न भी मिले तो अनुभव अवश्य मिलता है यही अनुभव ज़िन्दगी की जंग जीतने के लिए ज़रूरी होते हैं। यदि भगवान ने आपको स्वस्थ शरीर दिया है, पेट भरने के लिए दो वक्त की रोटी दी है, सिर ढकने के लिए छत दी है तो यकीन माने ज़िन्दगी खूबसूरत ही है। जब इन्सान को शिकायतों की जगह शुकराना करना आ गया तो ज़िन्दगी का महव समझ आ जाएगा। हालातों से लड़ने से ही ज़िन्दगी ज़िन्दाबाद है।