टोक्यो ओलम्पिक में माझा क्षेत्र का गौरव बना दिलप्रीत सिंह 

बाबा पल्लाह स्पोर्ट्स क्लब बुताला के खेल स्टेडियम से टोक्यो ओलम्पिक का सफर तय करने वाले दिलप्रीत सिंह पुत्र बलविन्द्र सिंह की भारतीय टीम में नियुक्ति हुई तो माझा क्षेत्र के गांव बुताला जिला अमृतसर का गर्व से सिर ऊंचा हो गया। दिलप्रीत सिंह अभी 21 वर्ष का नौजवान है। देश को उससे बहुत उम्मीदें हैं। ओलम्पिक खिलाड़ी दिलप्रीत के पिता बलविन्द्र सिंह बल्ल ने बताया कि माझा क्षेत्र के गांव बुताला के लिए गर्व की बात है कि गांव में समय-समय पर राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी पैदा हुए हैं। क्षेत्र वासियों को बड़ी उम्मीद थी कि गांव बुताला की धरती से कोई ओलम्पियन खिलाड़ी पैदा हो और यह उम्मीद उस समय हकीकत में बदल गई, जब दिलप्रीत सिंह बल्ल की टोक्यो ओलम्पिक में शमूलियत माझा क्षेत्र की हाकी और गांव बुताला के लिए सम्मान का कारण बनी। दिलप्रीत सिंह ने 30 सितम्बर, 2016 को ढाका (बंगलादेश) में जूनियर एशिया कप में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। राष्ट्रमंडल खेल (आस्ट्रेलिया, अप्रैल 2018 ) में भाग लिया। चैम्पियन ट्राफी ब्रीडा (हालैंड, जुलाई 2018) में रजत पदक, एशियन खेलों जकार्ता (इंडोनेशिया, सितम्बर 2018) में कांस्य पदक, एशियन चैम्पियन ट्राफी मस्कट (ओमान, अक्तूबर 2018) में विजेता और विश्व कप उड़ीसा (दिसम्बर 2018) में भाग लिया तथा अब 2021 में ओलम्पिक खेलों के लिए नियुक्ति होने पर हाकी खिलाड़ियों ने लड्डू बांट कर खुशी  मनाई थी। जब भारतीय हाकी टीम कांस्य पदक जीत कर श्री गुरु रामदास अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अमृतसर पर पहुंची तो हाकी प्रशंसकों ने उनका शानदार स्वागत किया। जब दिलप्रीत सिंह खुली जीप पर क्लब के अध्यक्ष बलविन्द्र सिंह एवं चेयरमैन गुरप्रीत सिंह के साथ अपने गांव बुताला जा रहे थे तो स्कूली बच्चों और खेल पे्रमियों ने उनका शानदार स्वागत किया। दिलप्रीत सिंह को ढोल की थाप पर नौजवान भंगड़ा डालते हुए उनके घर ले गये। लाभ सिंह स्पोर्ट्स क्लब सठियाला के सदस्य अमना बल्ल, ज्योति बल्ल और डिम्पल बल्ल द्वारा 6 फुट के सम्मान चिन्ह शील्ड, सोने के कैंठे से सम्मानित किया गया। पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह और खेल मंत्री राणा  गुरजीत सिंह सोढी द्वारा 12 अगस्त को चंडीगढ़ में भारतीय हाकी टीम को सम्मानित किया गया। 

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