रिश्तों में आई दरार कैसे दूर हो

कई बार हंसते-खेलते खुशियों से आनंद भरे परिवारों में छोटी-छोटी बातों के कारण बहुत-से गहरे रिश्ते फीके पड़ जाते हैं। अधिकतर रिश्तेदार तो अपनी समझ से इस दरार को मिटा लेते हैं। लेकिन कई परिवारों में उनके ही रिश्तेदार, सखे-संबंधी जलती पर तेल इस तरह डालते हैं कि हमारी थोड़ी बहुत दरार में भी बहुत ज्यादा अंतर डाल देते हैं। परिवारों में पड़ी दरार को मिटाने का प्रयास करना हो तो निम्नलिखित बातों पर ध्यान देकर काफी सीमा तक सफलता पाई जा सकती है।
गलतियों को भुलाएं
जब परिवारों में किसी बात से विश्वास की कमी आ जाए तब दरार पड़ने की शुरुआत होती है। वह गलतियों जो मन को ठेस पहुंचाती हैं वह दरार पड़ने का मुख्य कारण होती हैं। रिश्तों में मिले ज़ख्म भरने में समय लगता है। अगर उसी समय ऐसी गलतियों को भूलने-भुलाने का प्रयास किया जाए तो काफी सीमा तक रिश्तों में पड़ी दरार से बचा जा सकता है।
आपस में मिलकर बैठकर गलतियों को सुलझाने के तरीके
थोड़ा-सा गुस्सा भूला कर परिवार के साथ मिलकर बैठने से समझदार बुजुर्गों को बीच में बिठा कर हुई गलतियों को सुलझाने से इस पड़ने वाली दरार से बचा जा सकता है।
परिवार वालों की कमियों को निकालने की बजाय उनकी खूबियों को बताया जाए
परिवार की कमियों का ज़िक्र करते हुए उनके बीच दरार पड़ने वाली गांठ ओर भी पक्की होने लगती है। इसके विपरीत यदि परिवार की खूबियों की चर्चा की जाए तो उनके दिलों से ऩफरत काफी सीमा तक दूर हो जाती है। इससे उनके बीच दरार पड़ने की सम्भावना कम हो जाती है।
प्रयास करना चाहिए कि रिश्तों में मजबूती लाने के लिए किसी न किसी तरह अच्छी सोच का दामन पकड़ना चाहिए जो बहुत लाभप्रद रहेगा।