गर्मियों की यह धूप कहीं झुलसा न दे आपकी त्वचा

गर्मियों में त्वचा पर सबसे हानिकारक प्रभाव डालती हैं सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें। वैसे तो सूर्य की किरणें हमारी त्वचा को विटामिन डी की आपूर्ति करती हैं और हमारे शरीर के लिए आवश्यक भी हैं पर सूर्य की तेज किरणें हमारी त्वचा को झुलसाती हैं व त्वचा कैंसर तक की संभावना बढ़ाती हैं।
त्वचा का झुलसना, सनबर्न आदि के लिए उत्तरदायी है सूर्य की पराबैंगनी किरणें। अगर आप धूप में ज्यादा देर रहे तो यह धूप त्वचा की नमी भी उड़ा लेती है। सूर्य की इन हानिकारक किरणों से बचाव के लिए कास्मेटिक्स कंपनियां तरह-तरह की क्र ीम व लोशन निर्मित कर रही हैं ताकि सनबर्न से बचा जा सके। यू वी या अल्ट्रा वायलेट किरणें दो प्रकार की होती हैं यू वी ए व यू वी बी।
यू वी ए किरणें त्वचा को असमय ही झुर्रियाें का शिकार बना देती हैं व त्वचा पर जल्दी बुढ़ापे का प्रभाव झलकने लगता है। सूर्य की किरणों से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि धूप में कम से कम बाहर निकलें। 11 बजे से 3 बजे तक ये किरणें ज्यादा प्रभावी होती हैं इसलिए बेहतर है कि आप इस समय कम से कम बाहर निकलें। अगर बाहर निकलें तो छतरी या हैट का प्रयोग करें जिससे आपका चेहरा, गर्दन सूर्य की इन तीखी किरणों से अप्रभावित रहे।
सबसे जरूरी है बाहर निकलते समय सनस्क्र ीन का प्रयोग। गले, चेहरे, हाथ, पैरों सभी खुले अंगों पर सनस्क्र ीन का प्रयोग करें। सनस्क्र ीन का प्रयोग बाहर निकलने से लगभग आधा घंटा पूर्व करें। सनस्क्र ीन खरीदते समय यह भी ध्यान दें कि वह आपको कितने स्तर तक सुरक्षा दे रही हैं। यह पैक के ऊपर लिखा होता है जैसे एस पी एफ 15 यूवी बी किरणों से 93 प्रतिशत सुरक्षा देती है और एस पी एफ 30, 97 प्रतिशत, इसलिए अधिक सुरक्षा वाली सनस्क्र ीन का प्रयोग करें।    (उर्वशी)