भारतीय निशानेबाज़ और खेल इतिहास    

 दुनिया के सबसे महंगे खेलों में शामिल एक खेल निशानेबाज़ी है, जो शूटिंग के नाम से ही जानी जाती है। दुनिया में सबसे पहले निशानेबाज़ी की शुरुआत यूनाइटड किंगडम की नैशनल राइफल एसोसिएशन (एन.आर.ए.) ने 1860 में की। फ्रांस के पिस्तौल चैम्पियन और आधुनिक ओलम्पिक के संस्थापक पियारे कबर्टिन ने खेल को प्रफुल्लित किया। वर्ष 1896 की ओलम्पिक्स की पांच इवेंटों को मान्यता दी गई। इस खेल में पहले मनुष्यों और जानवरों की डमी पर निशाना लगाया जाता था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इंटरनैशनल शूटिंग स्पोर्ट्स फैडरेशन (आई.एस.एस.एफ.), नैशनल राइफल एसोसिएशन  ऑफ इंडिया (एन.आर.ए.आई.) देश के भीतर खेलों का प्रबंध करती है। भारत में निशानेबाज़ी राजाओं-महाराजाओं के समय से चलती आ रही है। भारत के शूटिंग स्पोर्ट्स के तौर पर नैशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एन.आर.ए.आई.) की स्थापना 1951 में हुई थी। इस खेल का राजाओं-महाराजाओं से संबंध होने के कारण आज भी राजा रणधीर सिंह लम्बे समय तक सेवा करते रहे। अब एन.आर.ए.ई. प्रधान रणइंद्र सिंह हैं, जो पटियाला रॉयल परिवार से संबंधित हैं। नैशनल राइफल एसोसिएशन हर वर्ष कई मुकाबले जिनमें से ऑल इंडिया जी.वी. मावलंकर निशानेबाज़ी चैम्पियनशिप (ए.आई.जी.वी.एम.एस.सी.), सज्जन सिंह सेठी, मैमोरियल मास्टर्स निशानेबाज़ी चैम्पियनशिप सुरिन्द्र सिंह यादगारी निशानेबाज़ी चैम्पियनशिप, ऑल इंडिया कुमार सुरिन्द्र सिंह मैमोरियल इंटर स्कूल स्केटिंग शूटिंग राष्ट्रीय निशानेबाज़ी आदि मुकाबले करवाते हैं। निशानेबाज़ी ओलम्पिक खेलों में अहम भूमिका निभाती है। अभिनव बिंद्रा ने 2008 के ओलम्पिक खेलों में पुरुष 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में भारत के लिए पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता था। विश्व स्तर पर शानदार भारतीय निशानेबाज़ी में जीतू राय, राजवर्धन सिंह राठौर, विजय कुमार, गगन नारंग, अपूर्वी चंदेला, रंजन सोढी, अंजली भागवत, हिना सिधू, श्रेसी सिंह, मनू भाकर, अनीसा सैय्यद, राही सरनोबत और सौरभ चौधरी खिलाड़ियों ने भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया। राजवर्धन सिंह राठौर मौजूदा खेल मंत्री ने 2004 ओलम्पिक्स में मैन डब्ल ट्रैप इवेंट में रजत पदक जीता। 2012 लंदन ओलम्पिक्स में भारतीय निशानेबाज़ गगन नारंग ने 10 मीटर एयर राइफल मुकाबले में कांस्य पदक जीता था। विजय कुमार ने पुरुष 25 मीटर रैपिड फायर पिस्तौल इवेंट में रजत पदक जीता। एशियाई खेलों में भारतीय निशानेबाज़ सौरभ चौधरी ने 10 मीटर एयर पिस्तौल, सरनोबत महिलाओं की 25 मीटर पिस्तौल इवेंट में स्वर्ण पदक जीते। दीपक कुमार ने 10 मीटर एयर राइफल, लक्ष्य शीरिन, संजीव राजपुटिंग, शारदूल विहन ने रजत पदक और रवि कुमार अपूर्वी चंदेला ने 10 मीटर एयर राइफल मिक्सड टीम, अभिषेक वर्मा ने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक जीता। पिछले दिनों आई.एस.एस.एफ. जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में भी भारतीय निशानेबाज़ों ने भारत के लिए कुल 27 पदक जीते हैं, जिनमें 11 स्वर्ण, 9 रजत और 7 कांस्य पदक शामिल हैं। जूनियर पुरुषों के 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्तौल में 16 वर्षीय विजयवीर सिधू ने स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने जूनियर विश्व खिताब जीतने के लिए 572/600 का स्कोर बनाया। गुरप्रीत सिंह ने 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्तौल में रजत पदक जीता। विश्व चैम्पियनशिप में भारत का सर्वोत्तम प्रदर्शन रहा है। आशा करते हैं कि भारतीय निशानेबाज़ आने वाले 2020 ओलम्पिक खेलों में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतेंगे।