हौसले और साहस की मिसाल प्रगति केसरवानी

प्रगति केसरवानी हौसले और साहस की बड़ी मिसाल है जिसने पांवों की विकलांगता को हाथों से तोड़ कर एक ऐसा उदाहरण पेश किया कि आज भारत की इस गौरवशाली बेटी पर देश गर्व करता करता है। प्रगति केसरवानी का जन्म 22 फरवरी 1991 को पिता अनिल केसरवानी के घर माता आशा केसरवानी की कोख से उत्तर प्रदेश के शहर लखनऊ में हुआ। प्रगति केसरवानी की वाईं टांग पोलियो का शिकार है, परन्तु उसने जहां शिक्षा के क्षेत्र में ऊंची उड़ान भरी है, वहीं खेलों के क्षेत्र में भी टेबल टैनिस खेलते हुए गौरवशाली उपलब्धियां प्राप्त करके अपने देश का नाम रौशन किया है।  वह टेबल टैनिस की अंतर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय पैरा खिलाड़ी हैं  जिसने अपने मेहनती कोच पराग अग्रवाल के नेतृत्व में बड़ी जीतें दर्ज की हैं। उसने अपना खेल करियर वर्ष 2016 से शुरू किया था। बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में हुए पैरा खेलों में पहली बार कांस्य पदक अपने नाम किया तथा उसी स्थान पर जब वर्ष 2018 में पैरा खेल हुए तो उसने रजत पदक जीता। वर्ष 2018 में ही अभय प्रसाद स्टेडियम इंदौर में हुई पैरा नैशनल टेबल टैनिस चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीत कर अपनी जीत के दावों को बरकरार रखा। वर्ष 2020 अभय प्रसाद स्टेडियम में टेबल टैनिस में पुन: स्वर्ण पदक जीत कर पहला स्थान प्राप्त किया। वर्ष 2021 में उसी स्टेडियम में हुई पैरा नैशनल टेबल टैनिस चैम्पियनशिप में लगातार स्वर्ण पदक जीतने वाली गौवरशाली खिलाड़ी बनी। प्रगति केसरवानी हाल ही में जॉर्डन के शहर अमान में आयोजित हुई अल्तवनी पैरा चैम्पियनशिप में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपने जौहर दिखा चुकी है। अप्रैल 2022 में अभय प्रसाद स्टेडियम में ही उसने टेबल टैनिस में फिर स्वर्ण पदक जीत कर यह सिद्ध कर दिया कि हम भी किसी से कम नहीं। प्रगति केसरवानी का कहना है कि उसका सबसे बड़ा सपना है कि वह आगामी पैरा ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करके देश के लिए स्वर्ण पदक जीत कर राष्ट्रीय तिरंगा लहराए। प्रगति केसरवानी जहां अपनी खेल कला का लोहा मनवा रही है, वहीं वह बंगलौर की कम्पनी नैट एप प्राइवेट लिमटेड में साफ्टवेयर इंजीनियर है।  

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