चार शादी, तीन तलाक से गुजरने वाली   सलमा आगा

राज कपूर ने अपने बेटे ऋषि कपूर व नीतू सिंह की शादी का जश्न मनाने के लिए एक रिसेप्शन लंदन में भी दिया था, जिसमें उन्होंने वहां रह रहीं अपनी भतीजी जरीना आगा को भी आमंत्रित किया था, जो अपनी बेटी सलमा आगा के साथ पार्टी में आयीं थीं। अपनी नवासी सलमा आगा की सुंदर व प्रभावी शख्सियत को देखते ही राज कपूर के मन में उन्हें अपनी फिल्म ‘हिना’ में हीरोइन बनाने का ख्याल आया।
1932 में पहली ‘हीर रांझा’ फिल्म आयी थी, जिसमें जुगल किशोर मेहरा व अनवरी बेगम की प्रमुख भूमिकाएं थीं। मेहरा राज कपूर के कजिन थे। मेहरा को अनवरी बेगम से प्यार हो गया, उन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार करते हुए अपना नाम अहमद सलमान रखा और अनवरी बेगम से निकाह कर लिया। इन दोनों की बेटी जरीना आगा थीं, जो नसरीन के नाम से भी जानी जाती हैं। जरीना ने अमृतसर मूल के लियाकत गुल आगा से शादी की जो लंदन में रहकर हीरे जवाहरात का व्यापार करते थे। सलमा व उनकी बहन सबीना का जन्म लंदन में ही हुआ था। इसलिए यह धारणा गलत है कि सलमा आगा पाकिस्तानी मूल की हैं। हां, यह सही है कि उनकी बहन सबीना की शादी पाकिस्तान में हुई है। 
बहरहाल, अपनी इस पारिवारिक पृष्ठभूमि से सलमा आगा ऋषि कपूर की सेकंड कजिन व कपूर खानदान की रिश्तेदार हो जाती हैं। अपनी इसी रिश्तेदारी को भुनाकर ही सलमा आगा मुंबई फिल्म उद्योग में अपने पैर जमाने में कामयाब रहीं। राज कपूर की लंदन पार्टी में अन्य हस्तियों के साथ बी आर चोपड़ा भी थे, जो ‘इंसाफ  का तराजू’ की सफलता के बाद अपनी नई फिल्म ‘तलाक, तलाक, तलाक’ के लिए जीनत अमान की जगह एक ऐसी लड़की को लेना चाहते थे, जिसके उच्चारण में अंग्रेजीपन न हो। वह भी सलमा आगा से प्रभावित हुए, लेकिन राज कपूर की उनमें दिलचस्पी को देखते हुए वह पीछे हट गए। लेकिन मुंबई लौटने पर राज कपूर की दिलचस्पी ‘हिना’ बनाने में कम हो गई, क्योंकि ‘प्रेम रोग’ उनके लिए प्राथमिकता बन गई थी। अत: सलमा आगा राज कपूर की फिल्म से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत न कर सकीं। बाद में राज कपूर ने ‘हीना’ बनायी तो, लेकिन सलमा आगा को लेकर नहीं बल्कि एक पाकिस्तानी लड़की जेबा बख्तियार को हीरोइन लेकर।
 सलमा आगा बी आर चोपड़ा के पास पहुंचीं। चोपड़ा ने गीत सुने, उन्हें बहुत पसंद आए और उन्होंने न सिर्फ सलमा आगा को अपनी नई फिल्म ‘तलाक, तलाक, तलाक’ के लिए हीरोइन के तौर पर साइन कर लिया बल्कि फिल्म के गीत गाने के लिए भी उन्हें अनुबंध किया। शीर्षक पर कुछ विवाद के बाद यह फिल्म ‘निकाह’ के नाम से रिलीज हुई, जबरदस्त हिट रही और सलमा आगा रातोंरात स्टार बन गयीं। हर किसी की जबान पर ‘दिल के अरमां आंसुओं में बह गए/हम वफा करके भी तन्हा रह गए’ गीत था। इस गीत के लिए सलमा आगा को फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ महिला गायिका पुरस्कार मिला।
16 वर्ष की आयु में शादी व तलाक का अनुभव कर चुकी सलमा आगा ने विवाह संस्था में विश्वास नहीं खोया था, वह घर बसाना चाहती थीं। ऐसे में उनकी जिंदगी में न्यूयॉर्क के एक व्यापारी महमूद सिप्रा आए, जो पहले से शादीशुदा थे। उनके लिए सलमा आगा ने अपने सभी फिल्मी अनुबंध तोड़ दिए और केवल सिप्रा द्वारा निर्मित फिल्मों में ही काम करने का निश्चिय किया। दो फिल्मों- ‘बेगम साहिबा’ व ‘बेबसी’- की घोषणा हुई और बात इससे आगे न चल सकी। जब तक सिप्रा का तलाक होता, सलमा आगा के लिए उनका प्रेम ढल चुका था। दोनों फिल्में डब्बे में बंद हो गईं।
जावेद ने अपनी 15 साल पुरानी पत्नी को तलाक देकर सलमा आगा से शादी कर ली। पाकिस्तान में सलमा आगा ने और भी फिल्मों में काम किया, लेकिन ‘पति, पत्नी और तवाइफ’ को छोड़कर कोई भी सफल नहीं हुई। बाद में यही फिल्म भारत में भी इसी नाम से बनी, जिसमें सलमा आगा ने अपने पुराने किरदार को ही निभाया। मुंबई में शूटिंग करते समय सलमा आगा ने राजेश खन्ना के साथ ‘ऊंचे लोग’ (जो पाकिस्तानी फिल्म ‘देहलीज’ की रिमेक थी) और ‘सलमा’ (पाकिस्तानी हिट ‘अंजुमन’ की रिमेक) में काम किया, लेकिन यह सभी फिल्में फ्लॉप रहीं।
जल्द ही सलमा आगा जावेद शेख के साथ एक अन्य तलाक से गुजर रही थीं। इसके बाद सलमा आगा ने पाकिस्तानी स्क्वैश खिलाड़ी रहमत खान से 1989 में शादी कर ली। दोनों के दो बच्चे हुए, लियाकत अली खान जो बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और साशा आगा जो मुंबई में हीरोइन हैं व अर्जुन कपूर के साथ उनकी फिल्म ‘औरंगजेब’ रिलीज भी हुई है। रहमत खान के साथ भी सलमा आगा का निर्वाह अधिक दिन न हो सका। 2010 में उनका तलाक हो गया और 2011 में सलमा आगा ने दुबई के व्यापारी मंजर शाह से शादी कर ली। 31 मई 2016 को सलमा आगा को अप्रवासी भारतीय नागरिक कार्ड मिल गया, जिसके तहत अब उन्हें भारत में आने के लिए वीजा व पुलिस में रिपोर्ट करने की जरुरत नहीं है। आजकल वह अपनी बेटी के साथ मुंबई में रहती हैं और उनके पति दुबई में रहते हैं। -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर