धरती की नायाब  धरोहर जम्मू-कश्मीर 

जम्मू-कश्मीर को धरती की जन्नत भी कहा जाता है। मतलब ऐसा अद्भुत खूबसूरत क्षेत्रा जो काल्पनिक होने का आभास देता है। इस लेख में कुछ विशेष स्थानों के बारे में पाठकों को जानकारी दी जा रही है।
श्री नगर कश्मीर का सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल है। चारों ओर से बर्फीली पहाड़ियों से घिरा यह शहर अपने प्राकृतिक दृश्यों के लिए दुनियाभर में मशहूर है।
डल झील 
 श्री नगर की समस्त खूबसूरती डल झील पर टिकी है। यह झील प्राकृतिक जल से बनी है। डल झील के भीतर लगभग 1300 झरने हैं, जो स्वयं ज़मीन के अन्दर से फूटते हैं।
डल झील के इर्दगिर्द भव्य बाग बगीचे, अत्यंत सुन्दर इमारतें, मख़मली सड़कें हैं। इस झील के कई ऐसे दीप हैं जो पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। झील में तैरते अनेक होटल, शिकारे तथा हाऊसबोट उपलब्ध हैं। हाऊसबोट एक लंबी चौड़ी किश्ती में होटलनुमा स्थान होता है। बोट ‘किश्ती’ को खूबसूरती से संवारा गया होता है। इसमें बैडरूम, बाथरूम, टी.वी., फोन आदि सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। शिकारे में एक खूबसूरत सुर्साज्जत कमरा होता है, पर हनीमून का असली आनंद हाऊसबोट तथा शिकारे में ही आता है। डल झील से सूर्यास्त का दृश्य बहुत ही मन भावन दिखाई देता है। डल झील के एक छोर पर नेहरू उछान है, यह उछान जवाहर लाल नेहरू की याद में बनाया गया है।
निशात बाग 
 यह ब़ाग कश्मीर के सभी बागों से बड़ा है। यहां चारों ओर अति सुन्दर खिले फूल, फव्वारों के पानी से ऊपर को उभरती लकीरें सुखद अनुभव देती हैं। यह ब़ाग श्रीनगर से 11 किलोमीटर दूर है। गुलाब के फूलों की मनमोहनी सुगंध, चंपा के दुधिया रंग के फूल अन्य फूलों से मिल कर बाग में एक सुखद और शांति भरा माहौल उत्पन्न करते हैं। बाग को देखने के लिए टिकट लेना पड़ता है। यहां का मौसम गर्मियों में गुनगुना सा लगता है। न ज़्यादा सर्दी होती है न ज़्यादा गर्मी। सर्दियों में भी यहां पर्यटकों की भीड़ सी उमड़ आती है। चारों तरफ  बर्फ  ही बर्फ। श्रीनगर कश्मीर में सर्दियों में घूमने का अपना ही लुत्फ  होता है। गर्म वस्त्रों में ढके केवल चेहरे ही नज़र आते हैं।
देश-विदेश से यात्री इस स्थान को देखने आते है। यहां कश्मीरी दस्तकारी का सामान भी मिलता है। यहां जाने के लिए बस-टैक्सी आदि उपलब्ध हैं।
शालीमार ब़ाग 
 यह भव्य बाग श्रीनगर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। म़ुगलकालीन वास्तुकला का यह अद्भुत नमूना है। इसके बिल्कुल सामने मध्य में, नहर बहती है, जिस में कई फौब्वारे हैं, जो ब़ाग की सुन्दरता में चार चांद लगाते हैं। सर्दियां तो सर्दियां होती हैं, परन्तु गर्मियों में भी यहां का मौसम ठंडा व मनभावना होता है। नगर के बीच में 4 स्तभों वाला एक प्राचीन कमरा है। यहां लोगों के बैठने व आराम करने के लिए स्थान है। चारों ओर ऊंचे वृक्ष तथा भव्य फूल अपने अप्रतिम सौंदर्य का परिचय देते नज़र आते हैं। बाग के पीछे जबरवान पर्वतमाला है और इसके आगे वाले भाग में डल झील का अंतिम भाग आता है। पर्यटक यहां बस, टैक्सी या अपनी गाड़ी से आते हैं। यहां मौसम अपना मिजाज़ कब बदले, कुछ पता नहीं होता, इसलिए यात्री अपने साथ गर्म कपड़े तथा छाता अवश्य रखते हैं। परेशान या अस्वस्थ व्यक्ति भी यहां आकर तंदरूस्ती महसूस करता है। रात के समय यहां लाइट एंड सांऊड कार्यक्रम भी होता है।
अल्लापत्री पहाड़ी 
गुलमर्ग से 7 किलोमीटर अनवरत सीधी टेढ़ी-मेढ़ी चढ़ाई के पार बर्फीली पहाड़ी के शिखर का नाम है  ‘अल्लापत्री पहाड़’। जम्मू से गुलमर्ग 274 किलोमीटर दूर है। साफ  नीले गगन के नीचे बर्फीली पहाड़ी। दूर-दूर तक हरियाली की बिछी चादर, तरह-तरह के खिले फूल वातावरण को आनंदमयी बनाते हैं। गुलमर्ग से गर्म कोट, ट्रैकिंग सूट पहन, किराए के घोड़े पर चढ़ व गाइड को साथ लेकर अल्लापत्री पहाड़ पर जाया जाता है। गुलमर्ग से अल्लापत्री की चढ़ाई का ऊबड खाबड, कीचड़ तथा छोटे-बड़े पत्थरों वाला रास्ता घने देवदार वृक्षों से गुजरता हुआ वहां तक पहुंचता है। आप एक कदम भी सीधे नहीं रख सकते। केवल प्रशिक्षित घोड़े वाले ही बढ़ सकते हैं। कोई भी वाहन वहां नहीं जा सकता। लगभग दो किलोमीटर पहले समतल पहाड़ आ जाते हैं, जो तहदार चट्टानों जैसे होते हैं। समतल रास्ते के साथ फिर सीधे बर्फ  से लदा पहाड़ शुरू होता है। समतल क्षेत्र में स्वयं खिले फूलों की विधी भव्य चादरें पर्यटकों का मन मोह लेती हैं। कब बारिश आ जाए कोई पता नहीं। सारे सफर में उत्सुकता बनी रहती है। यहां नवम्बर से जनवरी तक खूब बर्फ  पड़ती है। यह बर्फ  गर्मियों में पत्थर की भांति जम जाती है और बर्फ  की एक मज़बूत सड़क बन जाती है। गुलमर्ग से अल्लापत्री तक घोड़े का किराया 700 से लेकर एक हज़ार रूपये तक होता है। यहां का नज़ारा जन्नत को पीछे छोड़ता है।
चश्मेशाही पार्क : यह सुन्दर चश्मेशाही पार्क श्री नगर से 8 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर स्थित है। यहां पर हरी-भरी, सुन्दर पहाड़ियों के दृश्य इस पार्क को विशेष खूबसूरती प्रदान करते हैं। इस पार्क के बीच एक शीतल जल का चश्मा है, जिसका पानी बहुत ठंडा तथा औषधि गुणों से पूर्ण है।  गुलाब की कई किस्में यहां पाई जाती हैं। पार्क के छोर पर एक तरफ  अखरोट के कई ऊंचे वृक्ष हैं। इस स्थान पर पर्यटकों का तांता लगा रहता है। बच्चों के देखने के लिए यह स्थान बहुत सुन्दर एवं मनोरंजन प्रिय है। चश्मेशाही पार्क यानी बाग सारे मुग़ल बागों से छोटा है और इसका चश्मा भी प्रकृतिक है। पर्यटकों के रहने के लिए यहां पर बहुत सी हट् बनी हुई हैं। टूरिस्ट हट्स के लिए आप स्थानीय टूरिस्ट ऑफिस से संपर्क कर सकते हैं। आप को टैक्सी या अपनी गाड़ी लेकर यहां तक जाना पड़ेगा, क्योंकि यहां तक कोई बस सेवा नहीं है। चश्मेशाही पार्क वाकई मानव की कारीगरी और प्रकृतिक दृश्यावलियों का अद्भुत नमूना है।
जम्मू : रेलमार्ग से जुड़ा हुआ जम्मू नगर जम्मू कश्मीर राज्य की शीतकालीन राजधानी है। दिल्ली चंडीगढ़ श्री नगर मार्ग पर यह श्री नगर का प्रमुख पड़ाव है। जम्मू में इतिहास कला के खजाने छिपे हैं। मन्दिरों का शहर है जम्मू। यहां से ही वैष्णों देवी की यात्रा प्रारम्भ होती है।
मुबारक मण्डी और डोगरा आर्ट गैलरी : यहां डोगरा आर्ट गैलरी देखने लायक है। इसमें दरबार हाल, प्राचीन वस्तुओं के संग्रह, कलागृह, अस्त्रशस्त्र, सिक्के और शिल्प महत्पूर्ण हैं।
अमर महल व संग्रहालय : तवी नदी के तट पर बना यह महल फ्रैंच शैली पर बना है। इसमें शाही परिवारों के चित्रों और पहाड़ी शैली के चित्रों के साथ ही चित्रकला से संबंधित पुस्तकों का संग्रह है।
पटनी टॉप : जम्मू से 110 किलोमीटर दूर पटनी टॉप मशहूर हिल स्टेशन है। जंगल, वन, बर्फ से ढके पर्वत, झरने और हरी भरी सैरगाहें यहां सैलानियों को लगातार बुलाती हैं। सालभर पैराग्लाइडिंग और बर्फ के वक्त स्कीइंग जैसे कई रोमांचक खेल चलते रहते हैं।
कुद, मानेसर, अखनूर : जम्मू से 110 किलोमीटर दूर कुद नामक जगह पर कुदरत ने अपने करिश्में दिखाएं हैं। सर्दियों में बर्फ  नए नज़ारे लाती है। जम्मू से 62 किलोमीटर दूर मानेसर झील है। जम्मू से 32 किलोमीटर दूर अखनूर में चिनाव नदी को देखना रोमांचक है। जिसके साथ यहां सोहनीमहिवाल की प्रेम कथा जुड़ी हुई है। कुल मिला कर जम्मू-कश्मीर धरती की नायाब धरोहर तो है ही, यहां हज़ारों स्थान ओर देखने योग्य हैं।
-ओंकार नगर, गुरदासपुर (पंजाब)
मो.: 98156-25409