सप्त-सिंधू पंजाब

स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ ने बड़ी मूल्यवान रचनाओं को जन्म दिया है। इनमें 1857 के गदर से लेकर अब तक का स्वतंत्रता संग्राम दर्ज है। श्रमिकों, किसानों, शिल्पियों तथा मुस्लिम दानिश्वरों की बे-मिसाल जुगलबंदी एवं कुर्बानी सहित। साका जलियांवाला बाग, गुरुद्वारा सुधार लहर, अकाली एवं बब्बर अकाली, गुरु के बाग का मोर्चा तथा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की देन। सब कुछ।
प्रो. सुरिन्द्र कुमार दवेश्वर तथा लोकगीत प्रकाशन वाले हरीश जैन की सम्पादित सप्त-सिंधू पंजाब (यूनिस्टार बुक्स, मोहाली, पृष्ठ 796, मूल्य 895 रुपये) अभी-अभी प्रकाशित होकर आई अद्वितीय रचना है। रचना में अनेक पुस्तकों का निष्कर्ष शामिल है। एम.एस. रंधावा की ‘पंजाब’ सहित यह पुस्तक पंजाब के ऐतिहासिक भूगोल तथा यहां के पानी (सिंध नदी सहित) के युगों से बहने की बात करती पंजाबी सूबे के स्थापना दिवस तक का इतिहास, मिथिहास, किस्से, कहानियां, चित्रकला तथा संस्कृति का वांछित विवरण पेश करती है। मेले, त्योहार, नाच-गाने, खेलें आदि की देन को उभारती हुई ‘गदर’ अखबार के पृष्ठ खंगालती है।
हौका फेरिया गदर अखबार सारे
अक्खां खुलियां लोक हैरान रह गये
इस अखबार के मुख्य पृष्ठ पर साथी गदरियों को दी चेतावनी के शब्द नोट करने वाले हैं : 
वांछित—विद्रोह फैलाने के लिए निडर एवं निधड़क सिपाही
तनख्वाह—मौत
अवार्ड—शहीदी एवं आज़ादी
स्थान—हिन्दुस्तान का मैदान-ए-जंग
चाहे इस पुस्तक में एम.एस. रंधावा, दविन्द्र सत्यार्थी, गुरदित सिंह ज्ञानी तथा डा. जे. एस. ग्रेवाल जैसे महारथियों के उत्तम लेख भी हैं परन्तु पुस्तकला का मूल हासिल ‘पगड़ी संभाल जट्टा’ तथा ‘गदर लहर का निर्माण’ लेखों में है। ये दोनों लेख क्रमश: हरीश जैन तथा हरीश पुरी की कलम से हैं। 
मैंने अपने इस लेख का अंत पुस्तक में दर्ज कैलिफोर्निया की राजधानी सैक्रामैटों से जारी किये आज़ादी के सच्चे आशिकों के निम्नलिखित आह्वान से करना चाहूंगा :
‘हिन्दुस्तान जाएं और देसी फौजियां को तैयार करें, उनसे हथियार लें और जहां भी अंग्रेज़ दिखाई दे, पाल बुला दें। यदि आप जल्दी व समझदारी से कार्य करेंगे तो जर्मनी भी आपकी मदद करेगा। नेपाल तथा अफगानिस्तान से भी मदद ले सकते हो। जल्दी जंग शुरु करो। देर न लगाएं।’
इस विद्रोह की नींव बांके दयाल के उस गीत ने रखी थी जिसकी शुरुआती पंक्ति यह थी :
पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी संभाल ओए
लुट लिया तेरा माल जट्टा,
लुट लिया माल ओए
समय के साथ इस गीत के शब्द तो आगे-पीछे होते रहे परन्तु इसका संदेश इतना प्रभावशाली था कि उस समय की फिल्मों में भी इसका इस्तेमाल हुआ। 1965 में बनी मनोज कुमार की फिल्म ‘शहीद’ सहित। 
इतिहास के विद्यार्थियों एवं अनुसंधानकर्ताओं के लिए यह पुस्तक बड़ी लाभदायक है।
हूकड़ां भाइयों का जागृति मिशन 
स्वर्गीय पंजाबी कवि तारा सिंह कामल के गांव हूकड़ां के तीन भाइयों ने दोआबा के नन्हें-मुन्ने विद्यार्थियों के लिए जागृति मिशन शुरू कर रखा है। अब उन्होंने 7 ज़िलों के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए नवोदया दाखिले के लिए मुफ्त कोचिंग दिलाने की घोषणा की है। दाखिले की परीक्षा 21 जनवरी, 2023 है। जिस बच्चे के अभिभावक अपने बच्चे को नवोदया स्कूल में पढ़ाने के लिए तैयार हैं और उनका बच्चा घर छोड़ कर नवोदया स्कूल में पढ़ने के लिए होस्टल में रहने के लिए तैयार है, वे सम्पर्क कर सकते हैं। गरीब से गरीब, विकलांग, यतीम, बे-सहारा और पंजाबी मीडियम में सरकारी स्कूलों के बच्चों को ही कोचिंग दी जाएगी। केवल सरकारी स्कूल के पांचवीं में पड़ते बच्चे अपने माता-पिता के साथ आएं।
मिशन अवेयरनैस इन बच्चों को 21 जनवरी, 2023 तक मुफ्त कोचिंग देगा। कोचिंग के लिए प्रत्येक रविवार और स्कूलों में हर छुट्टी के दिन निम्नलिखित ज़िलानुसार कोचिंग सैंटरों तथा प्राइमरी स्कूल में सुबह 9:00 बजे से 2:30 बजे तक कोचिंग कक्षा लगेगी।
बेसहारा विद्यार्थियों की कोचिंग के लिए ज़रूरी सामान जैसे कापियां, पैन-पैंसिलें, शार्पनर एवं टैस्ट पेपरों और तैयारी का अन्य सामान मिशन द्वारा मुफ्त उपलब्ध करवाया जाएगा। कोचिंग लेने वाले सभी बच्चे और उनके माता-पिता/वारिस कोचिंग के दिनों में निकटवर्ती कोचिंग सैंटर/प्राइमरी स्कूल में सुबह 9:00 बजे पहुंचे और दोपहर 2:30 बजे क्लास खत्म होने के उपरांत घर जाने की जिम्मेदारी खुद निभानी होगी।
कोचिंग सैंटर नीचे दिए हैं। निम्नलिखित ज़िलों के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में :
1. शैली कुलियां, सिओंटी तर्फ नरोट, सरना, कथलौर, काहलपुर, ब्रांच मट्टी, सुजानपुर, कौतरपुर, नियारी, भोआ, दुनेरा, वधाणी, ज़िला पठानकोट।
2. गढ़शंकर, शैला, माहिलपुर, बथेली, बबेली, चब्बेवाल, बहादुरपुर-गंजे स्कूल, पुरहीरां, अत्तोवाल, नसराला, टांडा, बुल्लेवाल, भुंगा, गड़दीवाला, ढोलवाहा, कमाही देवी, घोगरा, मुकेरियां, कहिरवाली, हाजीपुर, तलवाड़ा, ज़िला होशियारपुर।
3. काठगढ़, बलाचौर, मैंहदपुर, डा. अम्बेदकर माडल स्कूल मूसापुर रोड नवांशहर, काहमा, राहों, बंगा, मुकंदपुर, भद्दी, साधड़ा, ज़िला नवांशहर।
4. चमकौर साहिब, भरतगढ़, तख्तगढ़, कलवां, पुरखाली, कोटला निहंग, सोलखियां, चक्कलां, आनंदपुर साहिब, नंगल (कुड़ियां) ज़िला रूपनगर।
5. लालड़ू मंड़ी, मजारा, डेरा बसी, नवां गांव, सोहाणा, सनेटा, मुंड़ी खरड़, चनालों, खिजराबाद, ढकोला, ज़िला मोहाली।
6. फगवाड़ा, रावलपिंडी, ज़िला कपूरथला।
7. खजूरला, चुगिट्टी, ज़िला जालन्धर।
अधिक जानकारी के लिए मिशन अवेयरनैस-हूकड़ां भाइयों के साथ सम्पर्क कर सकते हैं। (94173-17609, 94637-41362, 94130-26423)
अंतिका
—फैज़ अहमद फैज़—
गर बाज़ी इश्क की बाज़ी है
जो चाहो लगा दो डर कैसा
गर जीत गये तो क्या कहना
हारे भी तो बाज़ी मात नहीं