एनडीयू से सभी छात्रों को मिल सकेगी स्तरीय उच्च शिक्षा

 

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इस साल यानी 2023 में दो अति महत्वपूर्ण पहल होने जा रही हैं। एक, नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी (एनडीयू) की स्थापना, जोकि भारत का पहला डिजिटल विश्वविद्यालय होगा और हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया (एचईसीआई) का गठन। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों को एनडीयू डिग्री अर्जित करने के संदर्भ में लचीलापन ऑफर करेगा कि वह उच्च शिक्षा संस्थानों से डिग्री हासिल कर सकते हैं या डिजिटल विश्वविद्यालय से। अनुमान यह है कि डिजिटल विश्वविद्यालय से रोज़गार हासिल करने के अवसर बेहतर हो जायेंगे क्योंकि इसमें नये विकसित हो रहे क्षेत्रों (इमर्जिंग एरियाज) से संबंधित कार्यक्त्रम होंगे और 2030 तक यह ग्रॉस एनरोलमेंट राशन (जीईआर) हासिल कर लेगी, जैसे कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में कल्पना की गई है।
डिजिटल विश्वविद्यालय का काम 2023-24 अकादमिक सत्र से ही आरंभ हो जायेगा सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कार्यक्रमों से और फिर बाद में डिग्री पाठ्यक्रम भी आफर किये जायेंगे। छात्र 50 प्रतिशत आवश्यक क्त्रेडिट्स एक विश्वविद्यालय से ले सकते हैं और शेष अपनी पसंद के उच्च शिक्षा संस्थान (एचईआई) से। इस प्रकार वह देश के  किसी भी टॉप विश्वविद्यालय से डिग्री हासिल कर सकते हैं। दूसरा विकल्प यह है कि क्त्रेडिट्स अलग एचईआई से अर्जित कर लिए जायें और डिग्री एनडीयू से ले ली जाये। एनडीयू की योजना के अनुसार डिजिटल कंटेंट स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंडस (स्वयं) प्लेटफार्म पर होस्ट किया जायेगा। साथ ही टेक्नोलॉजी व एडमिनिस्ट्रेटिव डिलीवरी की जिम्मेदारी सामर्थ्य प्लेटफार्म को दी जायेगी, जिसका उद्देश्य ऐसे डिजिटल कैंप्स विकसित करना होगा, जो शिक्षा सेवाओं की डिलीवरी प्रयासरहित व लोकतांत्रिक अंदाज में करेंगे। ‘स्वयं’ दरअसल एमओओसी प्लेटफार्म ही है जिसे एआईसीटीई ने 2016 में लांच किया था, जबकि सामर्थ्य ई-गवर्नेंस प्लेटफार्म है डिजिटल कैंप्स बनाने के लिए।
यह योजना हब व स्पोक मॉडल पर विकसित की गई है। स्वयं व सामर्थ्य हब होंगे और स्पोक एचईआई होंगे जो अपने ऑनलाइन पाठ्॔क्त्रम डिजिटल विश्वविद्यालय के जरिये उपलब्ध करायेंगे। शुरुआत में जो पाठ्॔क्त्रम स्वयं प्लेटफार्म पर उपलब्ध होंगे वह विश्वविद्यालय के कोर पाठ्॔क्त्रम होंगे, उन चंद चुने हुए विश्वविद्यालयों के साथ जो पहले से ही ऐसे ऑनलाइन कार्यक्त्रम आफर कर रहे हैं। दोनों सरकारी व प्राइवेट विश्वविद्यालय, जो योग्यता शर्तों (जैसे एनआईआरएफ 100 और/या आवश्यक एनएएसी ग्रेड) को पूर्ण करते हैं, एनडीयू के जरिये ऑनलाइन कार्यक्त्रम ऑफर कर सकते हैं। छात्र एनडीयू के जरिये व्यक्तिगत विश्वविद्यालय के कार्यक्त्रमों के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। मसलन, अगर कोई छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा आफर किये जा रहे किसी ऑनलाइन कार्यक्त्रम के लिए पंजीकरण करता है और 50 प्रतिशत क्त्रेडिट्स हासिल कर लेता है तो डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जायेगी। लेकिन वह छात्र एनडीयू के साथ भी पंजीकरण करा सकता है और आवश्यक क्रेडिट्स अलग पार्टनर विश्वविद्यालय से अर्जित कर सकता है। 
इस प्रकार अर्जित किये गये क्त्रेडिट्स के आधार पर और अकादमिक बैंक ऑफ  क्रेडिट (एबीसी) में क्रेडिट होने पर डिग्री, डिप्लोमा या सर्टीफिकेट एनडीयू द्वारा प्रदान किया जायेगा। किसी भी अन्य अंडर ग्रेजुएट कार्यक्रम की तरह डिजिटल विश्वविद्यालय द्वारा भी अनेक प्रवेश व निकासी सुविधाएं प्रदान की जायेंगी। यूजीसी चेयरपर्सन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार के अनुसार, ‘हब व स्पोक मॉडल में स्थापित होने जा रही नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी सम्पूर्ण क्वालिफिकेशन्स ऑफर करेगी और विभिन्न विश्वविद्यालयों को एक साथ लेकर आयेगी, जिसमें सीटों की संख्या में कोई ऊपरी सीमा नहीं होगी जिससे प्लस 2 पास करने वाले सभी छात्रों को हाई क्वालिटी की उच्च शिक्षा मिल सकेगी, उनकी रोजगार पाने की क्षमता भी बेहतर होगी और देश में जीईआर भी अच्छा हो जायेगा।’
सूत्रों का कहना है कि एचईसीआई ड्राफ्ट विधेयक पर काम भी अपने अंतिम चरण में है। अनुमान यह है कि 2023 के बजट सत्र में ही संसद में एचईसीआई विधेयक पारित हो जायेगा। एक बार ऐसा होने पर, देश में उच्च शिक्षा के जो वर्तमान रेगुलेटर्स हैं- यूजीसी, एआईसीटीई और नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन। वह सब इसमें समा जायेंगे जिससे इन सब में आवश्यक समन्वय उत्पन्न होगा और फलस्वरूप भारत में उच्च शिक्षा का स्तर व उसकी दिशा को बरकरार रखा जा सकेगा।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर