अनेक सभ्यताओं को संजोये बैठा एशिया महाद्वीप

 

एशिया महाद्वीप विश्व का सबसे बड़ा महद्वीप है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 4.45 लाख वर्ग किलोमीटर है। इसमें भाषा, धर्म, पहरावा तथा सभ्यता के पक्ष से बंटी विभिन्नताएं पाई जाती हैं। एशिया का क्षेत्रफल धरती के कुल थल क्षेत्रफल का 30 प्रतिशत बनता है, जिस पर विश्व की कुल जनसंख्या 60 प्रतिशत लोग भाव 4.7 बिलियन लोग रहते हैं। यह दक्षिण की ओर से हिन्द महासागर, उत्तर से आर्कटिक महासागर, पूर्व में प्रशांत महासागर तथा पश्चिम से यूरोपीयन महाद्वीप के साथ घिरा हुआ है। विश्व के सात महाद्वीपों में सबसे लम्बा समुद्र तट (एशिया की समुद्र तटीय लम्बाई 62,800 किलोमीटर है) वाला एशिया महाद्वीप विश्व की अनेक सभ्याओं का सृजनकार तथा पालनहार है। मिस्र देश की सवेज नदी एशिया को अफ्रीका महाद्वीप के साथ जोड़ती है, जबकि यूराल नदी तथा यूराल पर्वत एशिया तथा यूरोप महाद्वीपों के मध्य आते हैं। विश्व का सबसे बड़े द्वीपों का समूह ‘माले’ एशिया को ओशआनिया महाद्वीप के साथ जोड़ता है। चीन से गुज़रती 6211 किलोमीटर लम्बी ‘यांगजी’ नदी एशिया की सबसे लम्बी नदी है। क्षेत्रफल के पक्ष से बहुत बड़ा होने के कारण इस महाद्वीप के अलग-अलग भागों में मौसम के पक्ष से बड़ी विभिन्नताएं पाई जाती हैं। जहां एक तरफ मध्य-पूर्वी क्षेत्र में शुष्क रेगिस्तान है, वहीं दूसरी तरफ साइबेरिया क्षेत्र में शीत ऋतु में भीषण सर्दी देखने को मिलती है। एशिया के 49 देशों में  पांच देश रूस, तुर्की, कज़ाकिस्तान, जार्जिया तथा अज़रबाइजान अंतर महाद्वीपीय देश हैं भाव इनका एक भाग एशिया तथा दूसरा भाग यूरोप के साथ लगता है। 
यूरोपीयन देश व्यापार करने के लिए या खनिज पदार्थों का अनुसंधान करने हेतु प्राचीन समय से ही एशियाई देशों खास तौर पर भारत तथा चीन की तरफ आकर्षित होते रहे हैं। इसकी एक उदाहरण यूरोपीयन देशों का चीन के साथ होता रहा व्यापार था। इस व्यापार के दौरान रेशम चीन से यूरोप में तथा सोना-चांदी तथा ऊन यूरोप से चीन में जाते थे। यह व्यापार पहली सदी से 15वीं सदी तक चलता रहा। चीन, तुर्केमेनिस्तान, उज़बेकिस्तान, अ़फगानिस्तान, तुर्की, इराक, ईरान, पाकिस्तान, रूस तथा सीरिया से गुजरते 6400 किलोमीटर लम्बे रास्ते, जिस रास्ते पर यह व्यापार होता था उसे सिल्क रूट या सिल्क रोड या रेशम रास्ते  का नाम दिया गया था।
आधुनिक युग में एशिया अर्थ व्यवस्था के पक्ष से सबसे अधिक तेज़ी के साथ विकसित हो रहा महाद्वीप है। चीन, जापान तथा भारत की विकसित हो रहीं, अर्थ-व्यवस्थाएं इसकी उदाहरण है। एशिया के देशों ईरान, कज़ास्तिन, कुवैत, तुर्केमेनितस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब तथा ओमान आदि में खनिज पदार्थों के अथाह भंडार मौजूद हैं, जो इस क्षेत्र के विकास में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। एक समय था जब भारत को भी सोने की चिड़िया कहा जाता था। एक प्रसिद्ध इतिहासकार अंगस मैडीसन द्वारा लिखी किताब ‘द वर्ल्ड इकोनॉमी’ में बताया गया है कि दसवीं सदी तक भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था था। विश्व की कुल जनसंख्या के आधे से अधिक जनसंख्या वाले एशिया के अलग-अलग देशों में पैट्रोलियम, कोयला, तांबा, चांदी, वन तथा मछली के अथाह भंडार मौजूद हैं तथा साथ ही यहां प्रतिभावान कामगर तथा अकुशल मज़दूर कम वेतन पर उपलब्ध हैं। इसलिए विश्व भर की बहुराष्ट्रीय कम्पनियां अपने संस्थान एशिया में खोलना पसंद करती हैं।
सभ्याचार के पक्ष से भी एशिया की एक बेहद अमीर संस्कृति है। बंगाली कवि, नाटककार तथा प्रसिद्ध लेखक रविन्द्र नाथ टैगोर को वर्ष 1913 में उनकी रचना ‘गीतांजली’ के लिए साहित्य का नोबल पुरस्कार मिला था। ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाले वह पहले भारतीय बने थे। एशिया में सबसे अधिक 24 नोबल पुरस्कार जापान को मिले हैं तथा दूसरा स्थान भारत का है, जिसे 13 नोबल पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। सभ्याचारक विरासत के पक्ष से भारत एशिया का एक प्राचीन देश है। यहां करोड़ों विदेशी पर्यटक प्रत्येक वर्ष दिल्ली, पंजाब, आगरा, मुम्बई तथा जयपुर में यात्रा के लिए आते रहते हैं। आगरा का ताज महल, दिल्ली का लाल किला तथा जयपुर के सिटी पैलेस, जंतर-मंतर तथा हवा महल यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। पंजाब का अमीर सांस्कृतिक विरासत पर्यटकों को विशेष रूप से प्रभावित करती है। वर्णनीय है कि प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु श्री हरिमंदिर साहिब में स्थित पूरी मानवता को समानता तथा भाईचारे का संदेश देने वाले सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक होते हैं तथा गुरुवाणी के निरन्तर चलते अमृतमयी प्रवाह का आनंद मानते हैं।
एशिया का सबसे बड़ा हिमालय पर्वत चार देशों भूटान, भारत, चीन तथा नेपाल में से होकर निकलता है, जिसकी लगभग लम्बाई 2400 किलोमीटर है। यह भारतीय उप-महाद्वीप के मैदानों को तिब्बत के पठारों से अलग करता है। विश्व की सबसे ऊंची चोटी माऊंट एवरेस्ट, जिसकी ऊंचाई 8848.86 मीटर या 29031.7 फीट है, हिमालय पर्वत का ही हिस्सा है।
विश्व की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज ़खलीफा एशिया के दुबई में स्थित है। एशिया के नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान, मंगोलिया, तज़ाकिस्तान, उज़बेकिस्तान, अज़रबाइजान तथा आर्मीनिया देशों की सीमा किसी समुद्र से नहीं लगती। एशिया के सबसे बड़े द्वीप ‘बारनियो’ पर तीन देशों मलेशिया, ब्रूनी तथा इंडोनेशिया का अधिकार है। एशिया, जोकि विश्व के अनेक प्रमुख धर्मों का जन्म स्थल भी है, में सभी धर्मों के लोग आपस में मेल-मिलाप तथा भाईचारे की भावना के साथ रहते हैं। इस महाद्वीप में 2300 के लगभग भाषाएं बोली जाती हैं। भारत में 20 मिलियन टन आम प्रत्येक वर्ष पैदा किये जाते हैं, जोकि विश्व भर में सबसे अधिक उत्पादन है। विश्व में सबसे अधिक चावल एशिया में ही पैदा किए जाते हैं। 
विश्व में सबसे अधिक मानवीय औसत उम्र एशिया के हांगकांग तथा जापान के लोगों की है। विश्व का सबसे कम कार्बन निकासी करने वाला देश भूटान भी एशिया में ही है। इंडोनेशिया में सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी मौजूद हैं। कागज़ की खोज लगभग दो हज़ार वर्ष पूर्व चीन में हुई थी। इंडोनेशिया सबसे अधिक नारियल निर्यात करने वाला देश है। इज़रायल तथा जार्डन में स्थित ‘डैड सी’ भाव ‘मृत सागर’, धरती का सबसे निचला स्थान है। भूटान एकमात्र देश है, जिसमें तम्बाकू पर प्रतिबन्ध लगा है। विश्व की सबसे ऊंची सड़क लद्दाख में है। विश्व में अरबपतियों की संख्या एशिया में सबसे अधिक है। जापान का टोक्यो शहर सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है, जहां 38 मिलियन लोग रहते हैं। 2,81,800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाला गोबी मरूस्थल एशिया का सबसे बड़ा, ठंडा तथा शुष्क रेगिस्तान है। विश्व के सात अजूबों में तीन अजूबे ताज महल (भारत), चीन की दीवार तथा जार्डन का पैटरा गुम्बद एशिया में ही है।
-सेवानिवृत लैक्चरार, चंद्र नगर, बटाला
मो. 62842-20595