चले गये विनम्र राजनीतिज्ञ चौधरी संतोख सिंह 

 

जालन्धर से वर्तमान लोकसभा सांसद संजीदा राजनीति के प्रतीक के रूप में जाने जाते चौधरी संतोख सिंह का आज सुबह दिल का दौरा पड़ने के कारण अचानक निधन हो गया। वह आज सुबह अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में चल रहे थे। उन्हें ज़बरदस्त दिल का दौरा पड़ा जो घातक साबित हुआ। उनका अचानक निधन हो जाना बड़ा दुखद है, क्योंकि चौधरी संतोख सिंह को नेक दिल राजनीतिज्ञ के तौर पर जाना जाता था। वह 76 वर्ष के थे। चौधरी संतोख सिंह ने अपने पिता स्वर्गीय मास्टर गुरबंता सिंह की समाज सेवा तथा संजीदा राजनीति की विरासत को बाखूबी बरकरार रखा हुआ था। 
18 जून, 1946 को धारीवाल में मास्टर गुरबंता सिंह के घर जन्मे चौधरी संतोख सिंह ने बी.ए. डीएवी कालेज जालन्धर तथा कानून की डिग्री पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से करने के बाद जालन्धर में प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। विद्यार्थी जीवन में ही उन्होंने कालेज की विद्यार्थी राजनीति में भाग लेना शुरू कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने अपने पिता के साथ समाज सेवा करने का दायित्व उठा लिया। पिता के साथ विचरण करते हुए ही उन्होंने राजनीति के गुर सीखे और मुड़ कर पीछे नहीं देखा। सफलता उनके पांव चूमती रही। अपने पिता के स्वर्गवास होने के बाद चौधरी संतोख सिंह सक्रिय राजनीति में आ गये। वह यूथ कांग्रेस में भी सक्रिय रहे। ज़िला कांग्रेस कमेटी में भी उन्होंने दिलचस्पी से काम किया। 1987 में स. बेअंत सिंह ने चौधरी संतोख सिंह को ज़िला कांग्रेस कमेटी जालन्धर का अध्यक्ष बना दिया। इस समय के दौरान पंजाब के हालात असामान्य होने के बावजूद उन्होंने  ज़िले में कांग्रेस पार्टी को मज़बूत किया। पहली बार जब पंजाब के हालात बहुत नाज़ुक थे तो वह फरवरी 1992 में लम्बी अवधि के बाद हुए पंजाब विधानसभा चुनाव फिल्लौर क्षेत्र से लड़े और विधायक बन गये। स. बेअंत सिंह की सरकार में उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बिजली विभाग, रूरल डिवैल्पमैंट तथा पंचायत एवं संसदीय मामले बनाया गया। उन्होंने उस समय बड़ी मेहनत एवं लगन से विभाग के कार्य में दिलचस्पी ली और बहुत-से महत्वपूर्ण परिवर्तन लागू किये। स. बेअंत सिंह ने उन्हें विभाग की कारगुज़ारी बेहतरीन बनाने के लिए पूरा समर्थन दिया, जिसके परिणाम बड़े सार्थक निकले। उसके बाद श्रीमती राजिन्दर कौर भट्ठल की सरकार में उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। 2002 के विधानसभा चुनावों में चौधरी संतोख सिंह पुन: फिल्लौर क्षेत्र से विधायक बने थे। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार में उन्हें खाद्य आपूर्ति तथा एस.सी.बी.सी. विभागों के मंत्री बनाया गया। वह लैजिस्लेचर पार्टी के महासचिव भी रहे। इस समय उनके बेटे विक्रमजीत सिंह फिल्लौर से विधायक हैं। 
वह मृदु-भाषी व विनम्र स्वभाव के मालिक थे। उन्हें अपने अधीन कार्य करने वाले अधिकारियों से काम लेना आता था। अपने राजनीतिक करियर में वह कभी भी किसी वाद-विवाद में नहीं पड़े। 2014 में उन्हें कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा के चुनाव में जालन्धर से अपना उम्मीदवार बनाया, जहां से चौधरी संतोख सिंह चुनाव जीत कर लोकसभा सांसद बने। उसके बाद 2019 में दूसरी बार जालन्धर से लोकसभा का चुनाव कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर लड़े और चुनाव जीत गये। उन्होंने जालन्धर लोकसभा क्षेत्र का विकास करवाने में कोई कसर शेष नहीं छोड़ी। नम्र व्यवहार करना उनका आभूषण था जिस कारण जालन्धर लोकसभा क्षेत्र के लोग उनका सम्मान करते हैं। वह पंजाब विधानसभा तथा लोकसभा की कई महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य थे। वह अपने पीछे पत्नी सेवा मुक्त प्रिंसीपल कर्मजीत कौर तथा एक बेटा विक्रमजीत सिंह छोड़ गये हैं। उनके बेटे विक्रमजीत सिंह पंजाब यूथ कांग्रेस के भी अध्यक्ष रहे हैं और इस समय वह फिल्लौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। हम इन शब्दों से ही इस नेक दिल राजनीतिज्ञ को अपने श्रद्धा सुमन भेंट करते हैं। 
-पूर्व ज़िला लोक सम्पर्क अधिकारी 
-मो. 94178-13072