पत्थर जैसा होता नहीं पर दिखता है पत्थर केकड़ा

 

पत्थर केकड़ा विलक्षण शारीरिक संरचना वाला एक केकड़ा है। अंग्रेजी में इसे स्टोन क्रैब कहते हैं। पत्थर केकड़ा लिथोडीडाइ परिवार का जीव है। इस परिवार के अंतर्गत मुख्य रूप से दो प्रमुख केकड़े आते हैं। पत्थर केकड़ा (स्टोन क्रैब) और राज केकड़ा (किंग क्रैब)। ये दोनों केकड़े वास्तविक केकड़े नहीं हैं। पत्थर केकड़ा देखने में वास्तविक केकड़े के समान लगता है। किंतु जीव वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध कर दिया है कि यह वास्तविक केकड़ा नहीं है। सागर के तल पर चलता हुआ अथवा उथले पानी में तैरता हुआ पत्थर केकड़ा पत्थर जैसा नहीं लगता किंतु जब यह अपने सभी पैर समेटकर अपने शरीर से चिपका लेता है तो इसका स्वरूप पूरी तरह बदल जाता है। इस समय सागर तट के उथले तल पर पड़ा हुआ केकड़ा एक पत्थर जैसा दिखाई देता है। इसके स्वरूप के आधार पर इसे पत्थर केकड़ा कहा जाता है।
पत्थर केकड़ा एक समुद्री केकड़ा है। विश्व के सागरों और महासागरों में इसकी अनेक जातियां पायी जाती हैं। इन सभी की शारीरिक संरचना, भोजन, प्रजनन आदि से संबंधित आदतों और व्यवहारों आदि में पर्याप्त विविधता पायी जाती है। इंग्लैंड के सागर तटों के पास लिथोडेस मेआ नामक एक पत्थर केकड़ा पाया जाता है। इसे इसकी विशिष्ट शारीरिक संरचना और आदतों के कारण विशेष ख्याति प्राप्त हुई है। पत्थर केकड़ा मुख्य रूप से ठंडे सागरों और महासागरों का जीव है। यह प्राय: सागर तट से कुछ दूर गहरे पानी में रहना अधिक पसंद करता है। पत्थर केकड़ा सागर तट के उथले पानी में तभी आता है, जब यह पूरे वर्ष भर ठंडे पानी में रहा हो अर्थात ठंडा रहा हो।
पत्थर केकड़े की शारीरिक संरचना सामान्य केकड़ों की तरह होती हे। लंबे पैरों के कारण यह देखने में मकड़ी केकड़े के समान लगता है। इसके शरीर के ऊपर वाले भाग का रंग क्रीमी सफेद होता है और इस पर खून जैसे रंग का एक पैबंद होता है। इसकी टांगें मकड़ी केकड़े के समान लंबी होती है और इनके सिरे नोकदार होते हैं। आगे वाले दोनो पैरों में एक पैर बड़ा और मोटा होता है तथा इसका चिमटा भी भारी और शक्तिशाली होता है। पत्थर केकड़ाें के अलग अलग आकार और रंगों में अंतर होता है। इसकी जितनी भी जातियां पायी जाती हैं, सभी में मादाओं का पेट वाला भाग एक जैसा नहीं होता। पत्थर केकड़े के आठ पैर होते है, जिनमें छह पैर चलने वाले होते हैं और आगे के दो पैर भोजन करने वाले होते हैं। पत्थर केकड़े का प्रमुख भोजन सागरों और महासागरों में पाये जाने वाले मृत जीव हैं। इनका सड़ा गला मांस यह बड़े स्वाद से खाता है। मरी हुई मछली का मांस इसे विशेष रूप से प्रिय होता है। यह छोटे छोटे जीवों का भी शिकार करता है। ठंडे सागरों के गहरे पानी में यह छोटी मछलियों का शिकार करता है और विभिन्न प्रकार के जीवों के लारवे खाता है। इसके अनेक शत्रु हैं, जिनसे बचने के लिए यह कई हथकंडे अपनाता है। शत्रु के निकट आने पर यह किसी पत्थर के निकट छिप जाता है या किसी चट्टान की दरार में घुस जाता है, जहां तक इसका शत्रु पहुंच न सके। अपनी खास शारीरिक संरचना के कारण भी यह अपने शत्रु से बचा रहता है। कभी-कभी यह अपने सभी पैर समेटकर अपने शरीर से चिपका लेता है, तब यह जीवित प्राणी न लगकर पत्थर सा दिखाई देने लगता है।
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