अरावली की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच बना नाहरगढ़ जैविक उद्यान

 

मनुष्य हमेशा से ही प्रकृति प्रेमी रहा है। प्रकृति की गोद में उसे जो आनन्द और सकून मिलता है, वह शहरों के आलीशान बंगलों में कहां नसीब होता है। इसीलिए वह आधुनिक भाग-दौड़ की जिन्दगी से ऊबकर कुछ समय के लिए प्रकृति के निकट रहकर फिर से तरोताजा अनुभव करता है और जंगल के शांत वातावरण में धूमना पसंद करता है। यहां पर एक ऐसे प्राकृतिक स्थल का विवरण प्रस्तुत किया जा रहा है, जहां प्रकृति प्रेमी सैलानी उपयुक्त वातावरण में मनचाहा आनन्द उठाने आते हैं। राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर अपनी समृद्ध संस्कृति, अतुलनीय कला और राजसी परंपरा के लिए पूरी दुनिया में फेमस है। जयपुर शहर के नज़दीक ही नाहरगढ़ जैविक उद्यान वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है। नाहरगढ़ जैविक उद्यान पर्यटन की दृष्टि से एक प्रमुख स्थान है। अरावली की पहाड़ियों के बीच, नाहरगढ़ किले की तलहटी में बना हुआ यह खूबसूरत और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण जैविक उद्यान देशी और विदेशी सैलानियों के लिए प्रमुख आकर्षण है। इस जैविक उद्यान में पक्षियों, जानवरों, सरीसृप आदि की लगभग ढाई सौ से अधिक प्रजातियां है।  नाहरगढ़ जैविक पार्क या नहरगढ़ प्राणी उद्यान राजस्थान के साहसिक पर्यटन के लिए एक प्रसिद्ध स्थल है। यह जैविक पार्क, जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर नहरगढ़ किले के आसपास स्थित है। नाहरगढ़ जैविक उद्यान राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है, जो जयपुर मुख्य शहर से लगभग 19 किमी. की दूरी पर छभ् 8 सड़क मार्ग पर स्थित राजस्थान ही नहीं, बल्कि देश का काफी प्रसिद्ध जैविक उद्यान है। यह पार्क अरवल्ली हिल्स सीमा के किनारे स्थित है। अच्छी साफ-सफाई और देखभाल के मामले में नाहरगढ़ जैविक उद्यान भारत के अन्य जैविक उद्यानों की तुलना में काफी आगे है। 
एक समय ऐसा था, जब यह वन्यजीव अभयारण्य जानवरों के ना होने की वजह से काफी सुना-सुना सा लग रहा था यानी कहा जाए तो इस वन्यजीव अभयारण्य के क्षेत्रफल के अनुसार इसमें जानवरों की संख्या न के बराबर हो गई थी। और दूसरी ओर जयपुर के चिड़ियाघर में जानवरों को पर्याप्त जगह न मिलने की वजह से उनकी मौत होती जा रही थी, इसलिए सरकार के निर्देशानुसार 2016 ई. में जयपुर चिड़ियाघर के जानवरों को नाहरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में लाया गया, जिसके बाद से ही इस जैविक उद्यान को जयपुर के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों की सूची में गिना जाता है।
इस जैविक उद्यान का क्षेत्रफल 720 हेक्टेयर है, जिसके 26 हेक्टेयर क्षेत्र में पशु-पक्षियों को पिंजरे में कैद करके रखा गया है। बाकी का 694 हेक्टेयर क्षेत्र खाली है, जिसमें कुछ जानवर और बहुत सारी अलग-अलग प्रजाति के पक्षी मौजूद हैं।
नाहरगढ़ जैविक पार्क का प्रमुख आकर्षण एलिफेंट सफारी है नाहरगढ़ एलिफेंट सफारी पर्यटकों के लिए एक बहुत ही रोमांचक और आनंददायक तरीके से प्रकृति की सराहना और आनंद लेने का एक अनूठा अनुभव है। जहां पर्यटकों को दो किलोमीटर लम्बी नाहरगढ़ एलिफेंट सफारी करायी जाती है जिसमें बड़ी संख्या में जंगली जानवरों और पक्षियों को देखा जा सकता है। एलिफेंट सफारी के दौरान पर्यटक पार्क में रहने वाले टाइगर, तेंदुआ, शेर, पैंथर, आलसी भालू, काराकल, हिरण, घड़ियाल, मगरमच्छ, पैंगोलिन, सियार, जंगली कुत्ता, भेड़िया, लकड़बग्घा, कीर ऊद, लोमड़ी, रीसस बंदर और लंगूर आदि जानवरों को देख सकते हैं।
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