हवाई क्षेत्र के नये आयाम


पिछले दिनों भारत के सुरक्षा एवं व्यापारिक हवाई क्षेत्र में दो बहुत बड़ी तथा महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं। बंगलौर में ‘एयरो इंडिया 2023’ में 30 देशों ने भाग लिया। इन देशों द्वारा अब तक हवाई सुरक्षा के लिए किए गए प्रबंधों को प्रदर्शित किया गया। यहां तक कि अमरीकी वायु सेना के नये पांचवीं पीढ़ी के एफ-35 लड़ाकू विमानों ने भी एशिया के इस सबसे बड़े हवाई शो में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।  
इस ‘एयरो शो’ में कई विदेशी कम्पनियों ने भारत में अपने यूनिट लगाने के लिए समझौते भी किये। उदाहरण के तौर पर अंतर्राष्ट्रीय हवाई कम्पनी बोइंग ने कहा कि वह भारत में 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस समारोह  में सम्बोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के खतरे सहित गंभीर सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एकजुट होकर प्रयास करने  का भी आह्वान किया और यह भी कहा कि कई ऐसे भी देश हैं, जो अन्य के मुकाबले सैनिक तथा तकनीकी पक्ष से अधिक शक्तिशाली हो गए हैं। परन्तु इन देशों को यह अधिकार नहीं दिया जा सकता कि वे दूसरे देशों पर अपनी इच्छानुसार फैसले थोपने का यत्न करें। इस आयोजन में ही कई कम्पनियों ने तकनालोजी साझी करने के लिए समझौतों पर भी हस्ताक्षर किये। ये समझौते देश को घरेलू  रक्षा निर्माण के क्षेत्र में और मज़बूती दे सकते हैं। 
इस सम्मेलन की सफलता इस बात से मानी जा सकती है कि इसमें 201 समझौते किये गए और 80,000 करोड़ की 266 भागीदारी की गईं परन्तु इसके साथ-साथ रक्षा मंत्री ने जो बड़ा बयान दिया, वह भारत के संभावित तौर पर आत्म-निर्भर होने की गवाही देता है। उन्होंने कहा कि देश में वर्ष 2023-24 में रक्षा के क्षेत्र पर जो खर्च किया जाएगा, उसमें 75 प्रतिशत खर्च घरेलू रक्षा निर्माताओं के लिए आरक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में केन्द्रीय बजट में घोषित कुल रक्षा पूंजी एक लाख, 62 हज़ार, 600 करोड़ की होगी, जिसमें से एक लाख करोड़ के लगभग भारत के घरेलू सुरक्षा निर्माण के लिए रखा जाएगा। इससे लाखों ही नये रोज़गार के स्रोत जुटाए जा सकेंगे। इस क्षेत्र में दूसरी बड़ी घोषणा टाटा कम्पनी द्वारा की गई है। इस कम्पनी ने बेहद बीमार हो चुकी सरकारी एयर इंडिया को खरीद लिया था। अब उसके द्वारा अलग-अलग तरह के अमरीका एवं फ्रांस से 470 विमान खरीदने की घोषणा की गई है जिसकी अमरीका के राष्ट्रपति तथा फ्रांस के राष्ट्रपति ने भी पुष्टि की है। हवाई क्षेत्र में इसे विश्व की सबसे बड़ी घोषणा माना गया है। इससे अमरीका में 10 लाख नौकरियों के मिलने उम्मीद है। उसके साथ ही 5 लाख के लगभग प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष नौकरियां भारत में पैदा होंगी। पिछले समय में भारत की घरेलू उड़ानों में भी बड़ी वृद्धि हुई है।
वर्ष 2022 में घरेलू उड़ानों पर 12.32 करोड़ यात्रियों ने स़फर किया, जबकि 2021 में यह संख्या 8.38 करोड़ थी। इस तरह अनुमानित घरेलू हवाई यात्रियों में भी एक वर्ष में ही 47 प्रतिशत के लगभग वृद्धि हुई है। नये विमानों के आने से इसमें और भी वृद्धि होगी। भारत बड़ी जनसंख्या वाला ऐसा देश है, जिसमें अभी ज़रूरतमंदों की संख्या कहीं अधिक है। यहां गाड़ियों द्वारा प्रतिदिन स़फर करने वालों की संख्या 2.3 करोड़ है। इस संख्या के और भी बढ़ने की सम्भावना है परन्तु इसके साथ-साथ इनमें आगामी वर्षों में कुछ प्रतिशत यात्री हवाई स़फर को भी प्राथमिकता देने लगेंगे। इस समय समूचे रूप में ऐसे वातावरण का निर्माण होता दिखाई दे रहा है, जो इन क्षेत्रों के मूलभूत ढांचे को अधिक मज़बूत करने में सहायक होगा। इस तरह हर पक्ष से होते विकास के साथ भारत की अर्थ-व्यवस्था के लगातार मज़बूत होते जाने की सम्भावना बनती दिखाई दे रही है।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द