राहुल के निलम्बन के विरुद्ध देश भर में आन्दोलन करेगी कांग्रेस

 

कांग्रेस सड़कों पर उतर आई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में आरोपी घोषित किए जाने के बाद लोकसभा से अयोग्य ठहराये जाने के विरुद्ध असहमति व्यक्त करने के लिए विपक्षी दल तथा देश की सबसे बड़ी पुरानी पार्टी ने जय भारत सत्याग्रह शुरू करने के साथ-साथ विरोध कार्यक्रमों की एक शृंखला शुरू करने की घोषणा की है। एक अप्रैल को एस.टी., एस.सी., ओ.बी.सी., अल्प-संख्यक विभाग के कांग्रेस कार्यकर्ता प्रत्येक प्रदेश की राजधानी में डा. बाबा साहिब अम्बेदकर तथा महात्मा गांधी की प्रतिमाओं के पास रैलियां करने की योजना बना रहे हैं। 3 अप्रैल को भारतीय यूथ कांग्रेस (आई.वाई.सी.) तथा नैशनल स्टूडैंट यूनियन ऑफ इंडिया (एन.एस.यू.आई.) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पोस्टकार्ड भेजने के लिए व्यापक सार्वजनिक अभियान चलाएंगे। चर्चा यह भी है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का एक वर्ग स्पीकर ओम बिरला के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के साथ एकजुट होकर चलने व प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए सम्पर्क किया है, हालांकि उनकी प्रतिक्रिया का अभी इंतजार है। संसद के नियमों के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ निचले सदन में पेश किया जा सकता है तथा विचार करने के लिए कम से कम 50 लोकसभा सांसदों का समर्थन होना चाहिए। एक बार इसे पेश किये जाने के बाद, स्पीकर प्रस्ताव पर चर्चा के लिए एक तिथि निर्धारित कर सकते हैं, परन्तु वह भी पेश  करने के 10 दिनों के भीतर-भीतर।
सम्भला एम.वी.ए. गठबंधन
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एन.सी.पी.) के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र में महा-विकास अघाड़ी (एम.वी.ए.) गठबंधन को समर्थन देने तथा बचाने के लिए हस्तक्षेप किया है, जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा वी.डी. सावरकर के संबंध में की गई टिप्पणी ने कांग्रेस तथा उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिव सेना गुट के बीच दरार पैदा कर दी थी। इस दौरान शिव सेना नेता तथा राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी के साथ बातचीत करके सावरकर को लेकर विवाद खत्म होने का संकेत दिया तथा कहा कि सब कुछ ठीक है। दूसरी तरफ, एन.सी.पी. सुप्रीमो शरद पवार ने राहुल गांधी को सावरकर पर टिप्पणी की बजाये चुप रहने की सलाह दी है तथा कांग्रेस नेता को याद दिलाया कि विपक्षी दलों की वास्तविक लड़ाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा भाजपा के साथ है। राहुल गांधी ने भी विपक्षी दलों के नेताओं को सावरकर मुद्दे पर अपनी विचारधारक स्थिति स्पष्ट कर दी है। इसके साथ ही उन्होंने यह विश्वास भी दिलाया कि यदि उनकी टिप्पणियां उनके सहयोगी दलों के लिए समस्या पैदा करती हैं तो वह इस मुद्दे पर नरम रहने के लिए तैयार हैं।
 राहुल को समर्पित किया घर
पार्टी के प्रति अपनी व़फादारी को दिखाते हुए, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय राय ने प्रतीकात्मक रूप से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना घर समर्पित किया है, जिन्हें लोकसभा के सांसद के रूप में बिजली की रफ्तार से अयोग्य ठहराए जाने के बाद दिल्ली में अपना अधिकारित बंगला खाली करने के लिए कहा गया था। पूर्व विधायक तथा उनकी पत्नी ने शहर के लाहौराबीर इलाके में अपने घर के बाहर एक बोर्ड लगाया है, जिसमें लिखा है, ‘मेरा घर श्री राहुल गांधी का घर’। यह राहुल गांधी द्वारा मंगलवार को लोकसभा सचिवालय के नोटिस का जवाब देने के बाद आया है, जिसमें उनको अपना अधिकारित बंगला खाली करने के लिए कहा गया था तथा जिसके जवाब में राहुल ने कहा कि वह कानून का पालन करेंगे तथा नोटिस का पालन करेंगे।
नितीश एवं अखिलेश का गठबंधन
उत्तर प्रदेश में जनता दल (यू.) के नेताओं की इच्छा है कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार को आगामी वर्ष होने वाले चुनावों में फूलपुर या मिज़र्ापुर की कुरमी जाति के लोगों की बहुसंख्यक वाली सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। समाजवादी पार्टी का अपना दल (कमेरवादी) के साथ गठबंधन है तथा उत्तर प्रदेश में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की जनता दल (यू.) के साथ गठबंधन करने की समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की इच्छा पूरी हो सकती है। नितीश कुरमी ओ.बी.सी. समुदाय से संबंधित हैं तथा समाजवादी पार्टी व्यापक रूप में उत्तर प्रदेश में ओ.बी.सी. तक पहुंचने के लिए इसे पूरा करने की उम्मीद करती है। कुरमियों के पास उत्तर प्रदेश की अलग-अलग सीटों पर चुनाव परिणामों को निर्धारित करने की समर्था तथा योग्यता है। वह प्रदेश में दूसरा सबसे प्रभावशाली ओ.बी.सी. वर्ग है।

 
(आई.पी.ए.)