जब आप बच्चों के साथ जायें पिकनिक पर

ग्रीष्मकाल की तेज़ धूप व उसके बाद प्राय: इंतजार रहता है आकाश में उमड़-घुमड़ कर आये काले बादलों से होने ‘वाली वर्षा का और जब रिमझिम-रिमझिम पानी की फुहारे पड़ने लगती है तो मौसम में ठंडक का एहसास होने लगता है और प्रत्येक का मन उमंग व खुशी से झूम उठता है। तब मन होता है, आस-पास के रमणीक स्थानों पर पिकनिक पर जाने का। पिकनिक का नाम सुनते ही सर्वाधिक खुशी होती है। बच्चों को जो छुट्टी के दिन और सैर सपाटे पर जाना, खेलना कूदना ज्यादा ही पसंद करते है। पिकनिक पर स्कूली बच्चों के जाने की भरमार रहती है। वही कई परिवार भी अपने बच्चों को घुमाने ले जाते है। पिकनिक पर दो-तीन परिवार मिलकर साथ जाते हैं, तो मजा ही कुछ और होता है, क्योंकि साथ मिलकर बैठकर बतियाना, खाना-पीना करने से जहां स्वस्थ मनोरंजन तो होता ही है वहीं रोजमर्रा की हाय-हाय व भागदौड़ की जिंदगी से कुछ राहत मिलती है। 
पिकनिक पर जाने के लिए प्राय: लोग बाग बगीचे, कुण्ड, तालाब झील जैसे सार्वजनिक स्थलों का चयन करते हैं, जहां हरे भरे पेड़ों की छांव में बैठने का अवसर मिलता है। लेकिन कई बार पर्यटन स्थलों पर ऐसे हादसे भी हो जाते हैं, जो पिकनिक का सारा मजा ही किरकिरा कर देते हैं। बच्चे जो कि पिकनिक स्थल पर जाकर बिल्कुल स्वतंत्र होकर मौज-मस्ती में व्यस्त हो जाते हैं और बड़े बातों में मशगूल। तब जरा सी लापरवाही परेशानी का सबब बन जाती है। इसलिए आप जब भी पिकनिक पर जायें तो इन बातों का ध्यान रखें तो पिकनिक का लुत्फ उठाने की बात ही कुछ और होगी:-
= बच्चों को सदैव अपने आसपास ही रखें, ताकि वे कहीं दूर न निकल जाए। 
= पर्यटन स्थलों पर बने तालाब, जलकुण्ड आदि में बच्चों को नहाने की इजाजत न दें। भले ही बच्चे तैरना जानते हों। 
= पर्यटन स्थल पर खाना-पानी पर्याप्त मात्रा में साथ ले जाएं ताकि बारिश के मौसम में खुली पड़ी वस्तुओं को खरीदना न पड़े। 
= प्राय: ऐसे स्थल का चुनाव करें जहां जगह साफ सुथरी हो व विषैले सांप-बिच्छू इत्यादि न निकलते हो, अन्यथा काटने पर मुश्किल पैदा हो सकती है। 
स्र यदि पिकनिक स्थल पर ही खाना बनाने का मूड हो तो, बर्तन, गैस व रॉ मैटेरियल भरपूर साथ ले जाये, ताकि कमी न पड़ने पाए। 
= जहां तक हो सके बर्तनों का झंझट साथ ने लें, बल्कि खाने के लिए पत्तल दोने ही ले जाएं, ताकि खाया व फैंका।
= पर्यटन स्थल पर अनावश्यक कूड़ा-कचरा न फैलाएं बल्कि सब कुछ एकत्र कर उपयुक्त जगह पर डाल दें। 
= पिकनिक स्थल पर युवा-लड़के व लड़कियां मर्यादित रहकर ही आचरण करें, ऐसे फूहड़ व भद्दे गाने न गायें कि वहां मनचलों की भीड़ इकट्ठी हो जाए। 
= जहां तक हो सके, रात्रि घिरने से पूर्व उजाले-उजाले में घर पहुंचने का प्रयास करें। 
= अपने वाहनों को पूरी तरह दुरूस्त कर साथ लें जाए, ऐसा न हो कि मार्ग में वे धोखा दें जाएं। 
= स्कूली बच्चे जब भी स्कूल से पिकनिक पर जाएं तो, अध्यापकगण उनके साथ रहें व पूरी नज़र उन पर रखें। 
= स्कूली बच्चों के अभिभावक अनावश्यक खर्च हेतु अपने बच्चों को पैसे न दें। 
= बच्चे स्कूल समयावधि में ही लौट आएं, विद्यालय प्रबंधक की ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए।

(सुमन सागर)