समुचित शिक्षा के बिना कौमें असहाय हो जाती हैं

आज विश्व भर के समाचार पत्रों, गम्भीर मीडिया चैनलों तथा सोशल मीडिया पर भी इस समाचार को विशेष प्रमुखता मिली है कि अजयपाल सिंह बंगा को विगत कल विश्व बैंक का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वह 2 जून से अपना पद सम्भालेंगे तथा 5 वर्ष इस पद पर काम करेंगे। विश्व बैंक के 25 सदस्यीय कार्यकारिणी बोर्ड ने उन्हें सर्व-सम्मति से इस पद हेतु चुना है। गौरतलब है कि इस पद के लिए बंगा को फरवरी माह में ही अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने नामांकित किया था। वह मूल रूप में पंजाब के बंगा कस्बे के रहने वाले हैं। उनकी नियुक्ति समूचे भारत के लिए गर्व की बात है। क्योंकि कोई पहला भारतीय अमरीका स्थित विश्व की इस सबसे बड़ी तथा महत्त्वपूर्ण वित्तीय संस्था का प्रमुख बना है। अजयपाल सिंह बंगा के पिता हरभजन सिंह बंगा सेना में थे वह लैफ्टीनैंट जनरल के पद तक पहुंचे थे। इसलिए वह भारत के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में तैनात रहे। अजयपाल सिंह बंगा का जन्म 10 नवम्बर, 1959 को पूणा में हुआ था। उन्होंने आई.आई.एम. अहमदाबाद से एम.बी.ए. की पढ़ाई पूरी की। 1980 में उन्होंने नैसले इंडिया में एक प्रबंधकीय ट्रेनी के रूप में करियर की शुरुआत की। 13 वर्ष में वह अपनी शानदार कारगुज़ारी से मैनेजर बनें। 2007 में उन्होंने अमरीकी नागरिकता ले ली थी। 2009 में वह ‘मास्टर कार्ड’ जैसी बड़ी तथा प्रतिष्ठ वित्तीय संस्था के सी.ई.ओ. बन गए। इससे पहले वह अमरीकन रैड क्रास, क्राफ्ट फूडज़ में काम करते रहे। मास्टर कार्ड के बाद वह विश्व की सबसे बड़ी निजी इक्यूटी (शेयर)  फर्मों में एक जनरल एटलांटिक के उप-चेयरमैन रहे। इस दौरान उनकी विश्व के आर्थिक क्षेत्र की उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार द्वारा उनका 2016 में पद्मश्री अवार्ड से सम्मान भी किया गया था। उनकी यह उपलब्धि समूचे भारत के लिए, पंजाब के लिए तथा उनके एक सिख होने के कारण समूची सिख कौम के लिए भी गर्व की बात है। हमें उनकी इस उपलब्धि पर गर्व है तथा हम उन्हें एक भारतीय, एक पंजाबी तथा एक सिख होने के रूप में भी शुभकामनाएं देते हैं।
किसी को बे-सब्ब शोहरत नहीं मिलती है ए वाहिद,
उन्हीं के नाम हैं दुनिया में जिनके काम अच्छे हैं।
अजयपाल की उपलब्धि से उभरी सोच
अजयपाल सिंह बंगा की इस शानदार उपलब्धि की खुशी के साथ-साथ पंजाबियों और विशेष रूप से सिखों की मौजूदा स्थिति के संबंध में कई तरह के विचार एवं सवाल भी मन में उठते हैं। इन सवालों संबंधी सोचना सिख धार्मिक तथा राजनीतिक नेतृत्व का सबसे पहला फज़र् है परन्तु अफसोस वह पिछले कई दशकों से ऐसे सवालों को अनदेखा कर रहे हैं। सिख पंजाब तथा भारत से बाहर विदेशों में अपनी जनसंख्या के मुकाबले बड़ी उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं परन्तु भारत में लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। कनाडा में कितने ही सिख तथा पंजाबी मंत्री तथा सांसद बन चुके हैं। एक सिख कनाडा की एक राष्ट्रीय  पार्टी के प्रमुख हैं तथा किसी समय वह कनाडा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार भी हो सकते हैं। यहां तक कि कई देशों के भारत के राजदूत भी सिख बने हैं, जिनमें युगांडा तथा सिंगापुर के राजदूत शामिल हैं। अभी-अभी यू.के. ने एक सिख परिवार के हरजिन्दर सिंह कंग को भारत में अपना डिप्टी हाई कमिश्नर तथा ट्रेड कमिश्नर नियुक्त किया है। मलेशिया पुलिस के प्रमुख एक सिख अमर सिंह बने थे। उपटिक फाइबर के निर्माता माने जाते नरिन्दर सिंह कपानी भी एक सिख थे। इंग्लैंड तथा कई अन्य देशों में सिख न्यायाधीश भी बने हैं।
भारत में भी लम्बी अवधि तक सिखों का स्थान बहुत ऊंचा रहा। नि:सन्देह सिखों को 1984 का संताप भी  झेलना पड़ा, परन्तु भारत में सिख प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, कई बार सैन्य प्रमुख रहे तथा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद तक भी पहुंचे। एक समय था कि बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, दिल्ली तथा कुछ अन्य राज्यों में भी सिख मंत्री बनते थे। 1966 में पंजाबी प्रांत बनने के बाद पंजाब में बहु-संख्या सिख तथा पंजाबी उच्चाधिकारियों की ही होती थी, परन्तु सिख जैसे-जैसे शैक्षणिक क्षेत्र में पिछड़ते जा रहे हैं, उनकी पकड़ अपने बहु-संख्यक प्रदेश में भी कमज़ोर पड़ती जा रही है। हमारे बच्चों की पढ़ाई का लक्ष्य प्लस टू (10+2) पास करके आइलैट्स करके बाहर जाने का ही बनता जा रहा है। विदेश जाकर भी उनमें से अधिकतर उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं करते, बस किसी न किसी तरह पी.आर. लेना तथा बाद में नागरिक  बनना ही उनका लक्ष्य बन जाता है। 
इस समय पंजाब सरकार की 2023 की ताज़ा डायरी मेरे सामने है। पंजाब के 26 अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्तीय कमिश्नरों तथा प्रमुख सचिवों जहां सबसे महत्वपूर्ण पदों पर तैनात 26 अधिकारियों में से सिर्फ 3-4 ही सिख हैं। कुल 24 प्रबंधकीय सचिवों में से 11-12 सिख हैं। 28 विशेष सचिवों में से भी 10 के लगभग ही सिख हैं। 12 अतिरिक्त सचिवों  में से सिर्फ 4 ही सिख हैं। 
24 डी.जी.पी., विशेष डी.जी.पी. तथा ए.डी.जी.पी. स्तर के पुलिस अधिकारियों में से सिर्फ 6-7 अधिकारी ही सिख हैं। इसमें बहुत-से गैर-पंजाबी भी है। 5 डिवीज़नल कंिमश्नरों में 2 सिख हैं। अन्य उच्च अधिकारियों के पदों का भी यही हाल है। पंजाब में 58 प्रतिशत के लगभग सिख आबादी होने के बावजूद सिख तथा पंजाबी धीरे-धीरे बड़े पदों से दूर होते जा रहे हैं। हम नहीं कहते कि इस मामले में कोई भेदभाव हुआ है, परन्तु यह तो स्पष्ट होता ही है कि हमारे बच्चे आई.ए.एस. जैसी परीक्षाओं में या तो दिलचस्पी ही नहीं लेते या फिर सफल नहीं होते। 
गुरबाणी का अंग है :
गुर परसादी विद्या वीचारै,
पड़ि पड़ि पावै मानु। (अंग 1329)
अर्थात पढ़ कर ही सम्मान मिलता है, परन्तु ऐसे प्रतीत होता है कि पंजाबियों पर विशेषकर सिखों में उच्च शिक्षा की इच्छा ही समाप्त होती जा रही है। 
यह स्थिति पंजाब के राजनीतिक नेताओं के लिए सोचने वाली है। परन्तु विशेषकर सिख संस्थाएं सिर्फ शिरोमणि प्रबंधक कमेटी, चीफ खालसा दीवान या दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ही नहीं, अपितु अन्य बड़े गुरुद्वारा कमेटियों के लिए भी यह स्थिति चिन्ता का कारण होनी चाहिए। उन्हें चाहिए कि वे कम से कम विश्वविद्यालयों व कालेजों में अपने विषय में पहले स्थान पर आने वाले सिख विद्यार्थियों को अपनाएं तथा उनकी उच्च शिक्षा के लिए हर सम्भव प्रयास करें। विद्यार्थियों की दिलचस्पी के अनुसार उन्हें आई.ए.एस., आई.पी.एस., इंजीनियरिंग, डाक्टरी, वित्तीय दक्षता या अर्थ-शास्त्र, राजनीति शास्त्र, साइंस तथा अन्य प्रमुख क्षेत्रों में आगे बढ़ाने के लिए कार्यक्रम तैयार करें। अपने वित्तीय साधनों को सिर्फ गुरुद्वारा साहिबान की शानदार इमारतों के निर्माण, सोना चढ़ाने, नगर कीर्तन पर खर्च, गुरु साहिब के लिए ज़रूरत से अधिक रुमाले बनाने तथा अन्य कई प्रकार के गैर-उत्पादक कार्यों पर ही खर्च न करें, बल्कि उच्च शिक्षा की ओर ध्यान दें। याद रखना चाहिए कि जिस कौम के पास ताकत नहीं होती, वह असहाय हो जाती है और आज की सबसे बड़ी ताकत शिक्षा तथा आर्थिकता ही है, जिसके आगे हथियारों की ताकत की चमक भी फीकी पड़ जाती है। हमारे सामने यहूदियों का उदाहरण है, चीन का उदाहरण है। हमारी कौम के रहबरों के लिए शायर प्रवीन शाकिर का एक शे’अर थोड़े-से बदलाव से पेश कर रहा हूं : 
रास्तों का इलम न हमको है समतों की ़खबर 
शहर-ए-ना-मालूम की चाहत मगर करते हैं हम। 

-1044, गुरु नानक स्ट्रीट, समराला रोड, खन्ना 
-मो. 92168-60000