दिमाग शरीर को सिगनल कैसे भेजता है ?

 

दीदी, हमारा दिमाग ही हमारे शरीर को कंट्रोल करता है।’
‘हां। ऐसा करने के लिए वह सिग्नल हासिल भी करता है और वापस भेजता भी है।’
‘मगर किस तरह से?’
‘पहले तो यह जान लो कि दिमाग या ब्रेन सिग्नल हासिल करता है, उन्हें जोड़ता है और सेकंड के सौवें हिस्से में वापस एक्शन के लिए भेज भी देता है। दिमाग के अलग-अलग हिस्से अलग-अलग काम करते हैं।’
‘अच्छा।’
‘स्पाइनल कॉर्ड के ऊपर मेडुला होता है जो उन नर्व को नियंत्रित करता है, जो खास मासपेशियों व ग्लैंड्स की इन्चार्ज होती हैं। मेडुला ही हमारे दिल की धड़कन को बनाये रखता है, उसी के कारण फेफड़ों में हवा जाती है और पेट फूड को हज़म करता है। सेरिबैलम शरीर की मूवमेंट व संतुलन को नियंत्रित करता है।’
‘सेरिबैलम क्या है?’
‘यह दिमाग का वह हिस्सा है जहां सोचना, सीखना, याद करना, फैसले लेना और जागृति होती है। देखना, सुनना, सूंघना, स्वाद लेना और स्पर्श का बोध भी यहीं केन्द्रित होता है।’
‘हमारे शरीर का एहसास भी?’
‘हां। लेकिन वैज्ञानिकों को अभी तक यह समझ नहीं आया है कि दिमाग किस तरह से काम करता है। लेकिन वह यह जान गये हैं कि जो संदेश नर्वस सिस्टम में ट्रेवल करते हैं, दिमाग तक और फिर वहां से, वह कमज़ोर इलेक्ट्रिकल चार्ज हैं।’
‘लेकिन नर्व तो नर्व कोशिकाओं से बनी होती हैं।’
‘हां। नर्व कोशिका या सेल में एक केन्द्रीय सेल बॉडी होती है, जिसमें से धागे जैसे अनेक पार्ट्स निकल रहे होते हैं। एक सेल से दूसरी सेल में संदेश इन्हीं धागों से पहुंचते हैं।’
‘शरीर में नर्व कोशिकाएं कितनी होती होंगी?’
‘अरबों, जो विशाल नेटवर्क बनाती हैं जो स्पाइन तक जाता है। रास्ते में शरीर के विभिन्न हिस्सों से नर्व मोटे बंडल में साथ आ जाते हैं। नर्व का एक मोटा केबल स्पाइन या रीढ़ की खोखली हड्डी में से ब्रेन तक जाती है। इस केबल में नर्व का एक सेट संदेशों को दिमाग तक लेकर जाता है और केबल का दूसरा सेट संदेशों को ब्रेन से मासपेशियों व ग्लैंडस तक लेकर जाता है। ब्रेन सिग्नलों को छांटकर उचित कनेक्शन बनाता है।’ 

 -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर