हर छोटे बच्चे के लिए सुपर हीरो होते हैं उसके पिता

किसी बच्चे का जन्म चाहे किसी वैज्ञानिक के घर में हुआ हो, किसी खिलाड़ी के घर में हुआ हो, किसी अधिकारी के घर में हुआ हो, किसी कारीगर के घर में हुआ हो या किसी किसान के घर में हुआ हो। दुनिया में हर बच्चा अपनी जिंदगी का पहला सुपरहीरो अपने पिता को ही मानता है। सवाल है इसकी वजह क्या है? 
इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि एक छोटे बच्चे के लिए पिता शक्ति का प्रतीक होता है। छोटा बच्चा जब भी अपने पिता के साथ होता है, उस पर आयी किसी भी तरह की मुसीबतों से वह नहीं उसका पिता ही लड़ता है। चाहे उसे तेज ट्रैफिक वाली सड़क से पार कराना हो, चाहे उसे उसकी उम्र के बच्चों से लड़ाई झगड़े में बचाना हो, चाहे उसको कोई चीज दिलवानी हो या फिर चाहे उसे किसी को डांट लगवानी हो, हर काम छोटे बच्चों के पिता ही करते नज़र आते हैं। इसीलिए दुनिया के हर बच्चे के पिता उसके सुपरहीरो होते हैं, उसके शक्ति का सबसे बड़ा प्रतीक होते हैं। छोटे बच्चों को लगता है कि दुनिया में कोई ऐसा इंसान नहीं है जो उनके पिता से जीत जाए। कोई ऐसी चीज नहीं है जो उनके पिता खरीद न सकें। 
छोटे बच्चों के मन में यह भाव इसलिए भी पैदा होता है, क्योंकि पिता ही उनकी सभी तरह की ज़रूरतों को पूरी करते हैं। हो सकता है खुद पिता के पास ज़रूरत भर की ज़रूरी चीजें भी न हों, लेकिन पिता अपनी खुद की सारी प्राथमिकताओं को, जरूरतों को एक तरफ करके अपने बच्चों की ज़रूरतें पूरी करता है। इसलिए छोटे बच्चे मानकर चलते हैं कि मेरी सभी ज़रूरतें चाहे वह कैसी भी हो, कितनी भी बड़ी हों, उसे मेरे पिता एक झटके में पूरी कर देंगे। सबसे बड़ी बात ये है कि पिता बच्चे की ये ज़रूरतें बिना किसी शर्त के पूरी करते हैं। इसीलिए दुनिया का हर छोटा बच्चा अपने पिता पर अटूट भरोसा करता है। 
पिता बाहर से भले कठोर दिखते हों और व्यवहार में लगते भी हों, लेकिन छोटे बच्चे भी जानते हैं कि उनके पिता का यह कठोर रूप सिर्फ बाहरी है। इसलिए छोटे बच्चे भी अपने कठोर पिता पर सबसे नरम व्यवहार की अपेक्षा रखते हैं। क्योंकि नरम व्यवहार अपने पिता से ही मिलता है। इसलिए छोटे बच्चे चाहे वह दुनिया के जिस हिस्से के हों अपने पिता को हीरो मानते हैं। बच्चों को लगता है कि कोई ऐसी चुनौती नहीं है जिसका हल उनके पिता के पास नहीं है। इसीलिए छोटे बच्चे ‘माई डैडी, माई सुपरहीरो’ कहते हैं। 


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