नन्दन वन में पेड़ लगाओ अभियान

नन्दन वन के राजा शेखर शेर को परेशान देखकर उसके अभिन्न मित्र और दरबार के सबसे प्रभावशाली मंत्री सैंडी हाथी से रहा नहीं गया।उसने पूछ ही लिया, क्या आपकी तबियत ठीक नहीं है मित्र ?
राजा शेखर शेर ने अपने बचपन के साथी की यह बात सुनकर बड़े ही शान्त स्वर में कहा, क्या बताऊं मित्र ?वनों की अंधाधुंध कटाई से परेशान हूं।तुम तो आजकल नन्दन वन की हालात से अवगत भी हो।तुम तो राज्य के सारे मुख्य काम सम्हालते हुए नन्दन वन की सुरक्षा में लगे रहते हो।तुम्हें न बताऊं तो किसे अपना दु:ख सुनाऊंगा।मुझे नन्हकू बन्दर ने सूचित किया है कि आजकल पास सटे शहरी बाबुओं के द्वारा अपने मकानों के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है।इसमें वन विभाग वाले पदाधिकारियों की मिलीभगत है।अगर ऐसा होता रहा तो हमारे नन्दन वन में रहने वाले साथियों को बहुत तकलीफ होंगी।मुझे इसी की चिंता है।मैं इसी चिंता में हूं। इसलिए मेरी तबियत ठीक नहीं लग रही है।
फिर थोड़ी देर बाद सैंडी हाथी ने कहा, मित्र अगर इजाजत हो तो मैं एक सुझाव देना चाहूंगा।
अरे सैंडी तुम तो मेरे दरबार के मंत्री हो।यह तो तुम्हारा कर्तव्य है कि मुझे मेरी समस्या को हल करने में मदद करोगे।बताओ, तुम्हारे मन में इस समस्या का क्या समाधान है ?
महाराज मैं समझता हूं कि इस समस्या से निजात पाने के लिए हमें तुरंत पेड़ लगाओ अभियान शुरू करना चाहिए।ऐसा करने से नन्दन वन में घने जंगल होंगे। कोमल हिरण के नर्सरी से हमलोग पौधे लेकर पेड़ लगाओ अभियान की शुरुआत करेंगे।हमारे वन के साथियों में से इसमें अधिक सहयोग करेगा उन्हें आने वाले गणतंत्र दिवस पर पुरस्कार देने की घोषणा करने से यह अभियान सफल हो सकेंगी। इस पेड़ लगाओ अभियान को हम-सब मिलकर एक आन्दोलन का रूप दे सकेंगे।रमन जेब्रा काफी मेहनती है।उसके नेतृत्व में टीम गठित कर हम-सब नन्दन वन में पेड़ लगाओ अभियान को सफल बनाने में कामयाब हो सकेंगे।
सैंडी हाथी के सुझाव पर राजा शेखर शेर ने अति महत्वपूर्ण बैठक बुलाई।सभी नन्दन वन के साथियों को बैठक में सम्मिलित होने का तुरंत न्योता भेजा गया।नन्दन वन के सभी साथियों की उपस्थिति में सैंडी हाथी के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
राजा शेखर शेर ने रमन जेब्रा को इस आन्दोलन को सफल बनाने के लिए दस टीमें बनाने का  दिए।राजा शेखर शेर ने कोमल हिरण के नर्सरी से पौधे लेने का आदेश जारी कर दिए।दरबार से इतनी संख्या में पौधे आपूर्ति का आदेश पाकर कोमल हिरण काफी खुश थीं।तय समयावधि में रमन जेब्रा के नेतृत्व में दो-दो साथियों का तेरह दल बनाया गया।सभी साथियों को सैंडी हाथी ने पेड़ लगाओ अभियान की आवश्यक जानकारी दी।दस दिनों के अन्तराल में पेड़ लगाओ अभियान में काफी जोर पकड़ लिया।इस आपूर्ति के लिए कोमल हिरण को पौधे शान्ति वन से मंगानी पड़ गई।
दस दिनों में ही पूरे नन्दन वन में पेड़ लगाओ अभियान की कसरत बुलंदी पर थी।राजा शेखर शेर अपने इस योजना को सफल बनाने के लिए काफी दिलचस्पी लेने लगे।नन्दन वन की अब काफी शोभा ही बढ़ गई।पेड़ लगाओ अभियान की समाप्ति के दिन राजा शेखर शेर के दरबार में पार्टी रखीं गई।सब लोग खूब मस्ती करते हुए खाना खाए और आनंद मनाये। निर्मल भालू के द्वारा एक आर्केस्ट्रा पार्टी का आयोजन किया गया था।
राजा शेखर शेर ने उन्हें इस कार्यक्त्रम को करने की अनुमति दी थी।आज नन्दन वन की शोभा इन्हीं पेड़ों के कारण चहक थीं।नन्दन वन में पेड़ लगाओ अभियान सफल हुआ।आज 26 जनवरी को पेड़ लगाओ अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वाले सैंडी हाथी और कोमल हिरण को राजा शेखर शेर ने दरबार में नंदन वन के साथियों के समक्ष पुरस्कृत किया।
रमन जेब्रा की मेहनत काम आई।राजा शेखर शेर ने पेड़ आन्दोलन की सफलता के लिए रमन जेब्रा को पेड़ आन्दोलन के मसीहा की उपाधि से खुले दरबार में सम्मानित किया गया।दरबार में उपस्थित साथियों को सम्बोधित करते हुए इस पेड़ लगाओ अभियान को सफल बनाने वाले लोगों में सबसे उपरचुनिंदा लोगों की सूची में सैंडी हाथी का नाम था।
आज नन्दन वन में बस सैंडी हाथी और रमन जेब्रा की चर्चाएं हो रही है। कारण है कि दोनों खास ने नन्दन वन में पेड़ लगाओ अभियान को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। 

(सुमन सागर)