पापुलेशन स्टडी जानदार विषय, शानदार कॅरियर

यह अपने आपमें सोचकर आश्चर्य होता है कि दुनिया की आबादी को एक अरब तक पहुंचने में हज़ारों साल लगे, लेकिन फिर एक अरब से 7 अरब तक पहुंचने में सिर्फ 200 साल लगे। साल 2011 में दुनिया की आबादी 7 अरब का आंकड़ा पार कर गई थी और साल 2030 तक यानी महज 19 सालों में इसके साढ़े आठ अरब तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि साल 2050 तक यह करीब 10 अरब हो जायेगी। दुनिया की यह बढ़ती आबादी सिर्फ कौतूहल का विषय ही नहीं है बल्कि दुनिया को व्यवस्थित बनाये रखने के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। वास्तव में पापुलेशन स्टडी दुनिया की इसी बढ़ती आबादी और उसके प्रबंधन के लिए किये जाने वाले कई तरह के कामों का मिला-जुला रूप है, जिसे वास्तव में मनुष्य का सांख्यिकीय अध्ययन कहना उचित होगा। आबादी का आकार, उसकी संरचना, दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आबादी वितरण और उसके लिए संसाधनों के प्रबंधन का संबंध भी इसी पापुलेशन स्टडी के पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।
वास्तव में पापुलेशन स्टडी एक रिसर्च डिसिप्लन है जिसमें लगातार चीजें जुड़ती और घटती रहती हैं। जनसंख्या के प्रबंधन में शहरीकरण की भूमिका जनसंख्या के नियंत्रण में विभिन्न तरह के परिवार नियोजन संबंधी कार्यक्रमों की रूपरेखा, शहरीकरण की सामाजिक, आर्थिक और व्यवहारिक समस्याएं इन्हीं सब ज़रूरतों से मिलकर पापुलेशन स्टडी एक उच्च अध्ययन का पाठ्यक्रम बना है। यह देश और दुनिया के तमाम बड़े और महत्वपूर्ण विश्वविद्यालयों तथा अध्ययन संस्थानों में एमए और एमएससी जैसे पाठ्यक्रम के रूप में उपलब्ध है। एमए और एमएससी कार्यक्रम में बायोस्टेटिक्स और जनसांख्यिकी में मास्टर ऑफ साइंस जैसे पाठ्यक्रम है। जनसंख्या के सामाजिक अध्ययन में मास्टर ऑफ फिलोस्फी तथा डा. ऑफ फिलोस्फी, एमफिल और पीएचडी कार्यक्रम भी उपलब्ध हैं। पोस्ट डॉक्टरेट, पीएचडी और स्वास्थ्य संवर्धन, शिक्षा में डिप्लोमा जैसे पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं। 
इन पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने के लिए अपने देश में जनसंख्या विज्ञान संस्थान उपलब्ध हैं। पापुलेशन स्टडी या डेमोग्राफी स्टडी के क्षेत्र में जाने के लिए 12वीं में साइंस डिसिप्लन वाले छात्रों के लिए तथा आर्ट डिसिप्लन छात्रों को यह उपलब्ध है, क्योंकि अभी तक वैश्विक स्तर पर यह तय नहीं हो सका कि भूगोल जिस विषय के अंतर्गत पापुलेशन स्टडी का पाठ्यक्रम आता है, वह पूरी तरह से विज्ञान विषय है मानविकी का विषय है। 
बहरहाल पापुलेशन स्टडी में ग्रेजुएशन, मास्टर, एमफिल तथा पीएचडी करने के बाद बहुत सारे क्षेत्रों में नौकरी के शानदार अवसर उपलब्ध हैं। एक डेमोग्राफर के रूप में कारपोरेट बिजनेस, मल्टीमीडिया कंपनी, पब्लिशिंग हाउस, मार्किटिंग फार्म्स, गवर्नमेंट सेक्टर, बहुराष्ट्रीय कंपनियां, कॉलेज/विश्वविद्यालय और तमाम तरह के गैर सरकारी संगठनों में भी नौकरी की सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। भारत में जो संस्थान सबसे ज्यादा पापुलेशन स्टडी के क्षेत्र में डिग्री और डिप्लोमा करने वालों को अपने यहां नौकरी में रखते हैं, उनमें यूनिसेफ, नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, पापुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पापुलेशन स्टडी, पाथ इंडिया और कोई भी नया स्थापित विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में डिग्री और डिप्लोमा धारकों को नौकरी देता है। जहां तक मिलने वाली सैलरी का सवाल है तो इस क्षेत्र में डिग्री और डिप्लोमा हासिल करने वाले उम्मीदवारों को कम से कम 25,000 रुपये मासिक और अधिकतम 40-45 लाख रुपये प्रतिवर्ष का पैकेज तक मिलता है। इस क्षेत्र के लोगों के लिए विदेशों में भी नौकरियों के तमाम अवसर उपलब्ध होते हैं। जॉब्स रिपोर्ट 2023 के मुताबिक पापुलेशन स्टडी कॅरियर के लिहाज से संभावनाओं से भरा क्षेत्र है।

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