माइक्रोवेव हमारे भोजन को कैसे गर्म करता है ?

टेक्नोलॉजी का हर क्षेत्र में विस्तार हो रहा है। जहां पहले घरों में खाना पकाने के लिए गैस चूल्हे का इस्तेमाल होता था, वहीं आजकल बहुत से लोग खाना पकाने के लिए ओवन जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। घरों में इडली जा केक बनाने के लिए ओवन का इस्तेमाल किया जाता है। कई लोग अन्य किसम का भोजन बनाने एवं आलू को उबालने के लिए भी ओवन का उपयोग करते हैं। ओवन एक ऐसा टूल है, जिसका इस्तेमाल खाने की चीजें बनाने या उन्हें गर्म करने में किया जाता है। ओवन भी कई प्रकार के होते हैं। खाना बनाने या गर्म करने के लिए ऊष्मा की ज़रूरत होती है जो ओवन में अलग-अलग तरीकों से प्राप्त की जा सकती है। पारम्परिक ओवन में हीट के लिए कोयले, लकड़ी, गैस या बिजली का इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि वुड फायर्ड ओवन, कोल फायर्ड ओवन, बिजली ओवन इत्यादि। आजकल जो सबसे ज्यादा लोकप्रिय और चर्चित ओवन है, वह है माइक्रोवेव ओवन।
क्या है यह माइक्रोवेव ओवन?
माइक्रोवेव ओवन की टेक्नोलॉजी बाकी ओवन से अलग है। इसमें भोजन को पकाने या गर्म करने के लिए माइक्रो वेव रेडिएशंस का इस्तेमाल किया जाता है। माइक्रोवेव ओवन के बारे में विस्तार से जानने के लिए पहले माइक्रोवेव रेडिएशन को समझना ज़रूरी है। यह माइक्रोवेव्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का ही एक रूप है, जिसमें मैग्नेटिक एनर्जी और इलेक्ट्रिकल एनर्जी एक साथ होती हैं। बड़ी-बड़ी इंडस्ट्रियों में लकड़ी एवं पलाई वुड को सुखाने और ठीक करने, ब्रेड और डोनट्स बनाने, यहां तक कि आलू के चिप्स को पकाने के लिए भी माइक्रो वेवस का इस्तेमाल किया जाता है।
कैसे काम करता है माइक्रोवेव? 
माइक्रोवेव ओवन के इस्तेमाल से फूड को काफी जल्दी और कुशलतापूर्वक पकाया जा सकता है। यह हीट को फूड के अंदर सीधा अणुओं तक पहुंचाता है। माइक्रोवेव किरणें भोजन को वैसे ही गर्म करती हैं जैसे सूर्य की किरणें हमारे चेहरे को गर्म करती हैं। माइक्रोवेव ओवन एक मजबूत मेटल बॉक्स की तरह होता है। इसमें एक माइक्रोवेव जेनरेटर लगा होता है। इसे मैगनेट्रान कहते हैं। जब आप खाना पकाना शुरू करते हैं तो मैगनेट्रान, इलेक्ट्रिक सप्लाई से बिजली लेता है और इसे 12सीएम (4.7 ईंट) लंबी माइक्रोवेव में बदल देता है। अब ये माइक्रोवेव्स ओवन के अंदर के मेटल में प्रवर्तित होती रहती हैं। जहां इन्हें फूड द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। पकाने के लिए भोजन को ओवन के भीतर एक टर्न टेबल (गोल घूमने वाला टेबल) पर रखा जाता है। यह धीरे-धीरे घूमता रहता है ताकि माइक्रोवेव किरणें समान रूप से भोजन पर पड़ती रहें। जैसे ही माइक्रोवेव्स भोजन में प्रवेश करती हैं तो भोजन में मौजूद पानी के अणु तेजी से वाइब्रेट करना शुरू कर देते हैं। इस वाइब्रेशन से इनमें हीट उत्पन्न होती है और भोजन गर्म हो जाता है।

-गोपाल भवन रोड़,
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