आईएएस बनना है .. तो बिल्कुल शुरुआत से ऐसे करें तैयारी

आज के इस सूचना विस्फोट युग में हम बहुत कम उम्र में ही अपने इर्दगिर्द की सूचनाओं का हिस्सा बन जाते हैं। यही वजह है कि आज 10वीं, 12वीं के छात्रों के मन में भी आईएएस बनने के सपने हिचकोले लेने लगते हैं, यह अच्छी बात है कि हम कोई सपना बहुत कम उम्र से देखने लगे। क्योंकि फिर हम उस सपने के मुताबिक शुरुआत से तैयारी कर सकते हैं। मतलब यह कि अगर बचपन से ही आपके मन में आईएएस बनने सपना है तो यह आलेख आपके लिए ही है। आइये आईएएस बनने की प्रक्रिया को हम एबीसीडी से समझें।
यूपीएससी यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन(संघ लोक सेवा आयोग) आईएएस बनने के लिए जो परीक्षा आयोजित करता है, वह भारत की सबसे कठिन परीक्षा है। आईएएस बनने के लिए तीन परीक्षाएं पास करनी होती है। सबसे पहले यूपीएससी प्रीलिम्स, फिर मेंस और अंत में इंटरव्यू या पर्सनैलिटी टेस्ट पास करना होता है। आईएएस की परीक्षा में बैठने के लिए आवेदक के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या समकक्ष संस्थान से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। आईएएस या भारतीय प्रशासनिक सेवा भारत सरकार के अधीन अखिल भारतीय सेवाओं की सर्वोच्च प्रशासनिक शाखा है। यह देश की तीन प्रमुख सेवाओं- भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के साथ महत्वपूर्ण त्रिभुज बनाती है। आईएएस भारत की स्थायी नौकरशाही का एक महत्वपूर्ण और कार्यपालिका का सहयोगी या अविभाज्य हिस्सा है। सवाल है आईएएस कैसे बनें? 12वीं के बाद आईएएस बनने की तैयारी के लिए एनसीईआरटी की 6वीं से 12वीं तक की किताबों को ध्यानपूर्वक पढ़ना और पढ़े हुए को अलग-अलग तरह के सवालों के रूप में उत्तर देने का अभ्यास शुरु कर देना चाहिए। इसके लिए छठी से बारहवीं तक की एनसीईआरटी  की किताबें विशेष रूप से मददगार होती हैं।
अगर बचपन से ही दिमाग में आईएएस बनने का सपना हो तो 12वीं पास करते समय तक यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपका पसंदीदा विषय क्या है, जिसे आईएएस की परीक्षा में वैकल्पिक विषय के रूप में चुना जा सके। अगर 12वीं तक में यह तय नहीं होता तो ग्रेजुएशन करते समय पहले या दूसरे साल में भी तय कर लें तो इसका फायदा मिलता है। हालांकि उसके पहले अपने आपसे यह सवाल ज़रूर करें कि आईएएस बनने का महज आपके अंदर सपना है या इसके लिए आप वास्तव में दृढ़ भी है। क्योंकि आईएएस की परीक्षा न सिर्फ बहुत ज्यादा बल्कि स्मार्ट मेहनत और धैर्य की मांग करती है। इसलिए यह ज़रूरी है कि आईएएस का सपना देखने के साथ ही अपने बेसिक्स क्लियर कर लें। जैसे ही आप इसे लेकर दृढ़ हों वैसे ही आप आईएएस परीक्षा पैटर्न को अच्छी तरह से समझ लें ताकि यह जान सकें कि प्रीलिम्स का सेलेबस क्या होता है और प्रीलिम्स तथा मेंस के सेलेबस में क्या फर्क होता है तथा पर्सनैलिटी टेस्ट देते समय किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
जब एक बार इन बुनियादी सवालों के उत्तर आप खुद को दे देंगे तो तैयारी करना भी आसान हो जायेगा और सफलता की संभावना भी कहीं ज्यादा हो जायेगी। यूपीएससी की तैयारी में सबसे महत्वपूर्ण एनसीईआरटी की पुस्तकें होती हैं और एक समय के बाद आपको आईएएस नोट्स का भी उपयोग करना चाहिए, क्योंकि यह तैयारी आपको विशेष रूप से स्मार्ट बनाती है। यूपीएससी की तैयारी करते समय जिस बात पर सबसे ज्यादा फोकस करने की ज़रूरत है, वह करेंट अफेयर्स है। वास्तव में करेंट अफेयर्स इस परीक्षा का महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है। क्योंकि आईएएस के लिए मुख्य परीक्षा के पहले हमें जिस प्रीलिम्स को क्लियर करना होता है, उसमें सबसे प्रमुख हिस्सेदारी करेंट अफेयर्स की ही होती है। करेंट अफेयर्स की जानकारी पाने के आज अनगिनत साधन हैं-मसलन सैकड़ों वेबसाइटें, सोशल मीडिया में ऐसे ग्रुप तथा और भी कई चीजें हैं, जो इसी पर फोकस करती हैं। लेकिन महत्वपूर्ण अखबारों को नियमित रूप से पढ़ना नहीं भूलना चाहिए जैसे- ‘द हिंदू’ और ‘द इंडियन एक्सप्रेस’।
इसके अलावा आईएएस की तैयारी कराने वाले विभिन्न कोचिंग संस्थान हर तीन महीने, छह महीने या किसी दूसरी अवधि के करेंट अफेयर्स का संग्रह भी निकालते हैं, उनके भी टच में रहना चाहिए, क्योंकि कोई भी माध्यम अकेले विषय के हर पहलू को अच्छे से कवर कर ले, यह ज़रूरी नहीं होता। इस सबके साथ मॉक टेस्ट भी लगातार करते रहना चाहिए। मॉक टेस्ट से कई फायदे होते हैं। हमें टाइम मैनेजमेंट पर खरा उतरना आ जाता है। दूसरी बात हम वास्तविक परीक्षा के मनोविज्ञान से भी अच्छी तरह से परिचित हो जाते हैं। मॉक टेस्ट के साथ-साथ रिवीजन करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। सही बात तो यह है कि जिन उम्मीदवारों का पहली बार में ही एग्जाम क्लियर हो जाता है, उनके पक्ष में रिवीजन ही सबसे महत्वपूर्ण कारण रहा है। अगर आप नियमित तौर पर अपने पढ़े गये का रिवीजन करते रहते हैं, तो सीमित संसाधनों में भी आप बेहतर तैयारी कर सकते हैं। अगर आपने अब तक बताई गयी ये सारी तैयारियां कर ली हैं, तो अब आईएएस का आवेदन पत्र जारी होते ही एलर्ट हो जाइये, तुरंत आवेदन कर दीजिए। इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन पत्र भरना होता है। आमतौर पर इस परीक्षा का कार्यक्रम फरवरी के पहले सप्ताह की किसी तारीख को आता है। जब आईएएस का फॉर्म भरने जाएं तो कुछ बातों को ज़रूर दोहरा लें जैसे- सिर्फ यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट में ही आवेदन करना है। जब वेबसाइट को ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए लॉगिन करें, तो इन चरणों का पालन करें। सीएसई सेक्शन पर जाएं अप्लायी विकल्प पर क्लिक करें और अपनी सभी आवश्यक जानकारी भरें, साथ ही अपना नवीनतम फोटो और हस्ताक्षर अपलोड करें।
ये तमाम डाक्यूमेंट सब्मिट के पहले एक बार फिर से अच्छी तरह से देख लें। यूपीएससी के नतीजे घोषित होने के बाद चयनित उम्मीदवारों को उनकी सेवाओं के मुताबिक अलग-अलग प्रशिक्षण केन्द्रों में ट्रेनिंग दी जाती है। सभी सेवाओं के लिए फाउंडेशन कोर्स कराया जाता है। इसमें आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और आईएफओएस जैसी सेवाओं के लिए समान फाउंडेशन कोर्स है, जो लाल बहादुर शास्त्री अकादमी मसूरी में दिया जाता है। यहां भारत दर्शन के साथ-साथ नौकरी विशेष के प्रशिक्षण का चरण-1 और चरण-2 पूरा होता है। प्रशिक्षण के बाद आपकी पहली नियुक्ति जूनियर आईएएस अधिकारी के रूप में हो जाती है। भारत में कैबिनेट सचिव से बड़ा कोई नौकरशाह नहीं होता। यह इस सेवा की चोटी है, तो इस तरह अगर आप बचपन से ही आईएएस बनने का सपना देखते हैं तो जीरो से शुरु करके यहां तक पहुंच सकते हैं।

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