शॉर्टहैंड क्या है ?

 

दीदी, एक दिन मैं अपने एक दोस्त के घर गया तो उसके दादाजी से मुल़ाकात हुई। बहुत प्यारे हैं, लेकिन बुढ़ापे की वजह से सही से सुन नहीं पाते। उन्होंने मुझे बताया कि वह एक सरकारी दफ्तर में शॉर्टहैंड क्लर्क थे। मेरे लिए यह एकदम नया जॉब था, मैंने उनसे शॉर्टहैंड के बारे में मालूम भी किया, लेकिन वो मुझे समझा न सके या मैं उनकी बात समझ नहीं पाया।’ ‘अब तो मोबाइल या कम्प्यूटर पर बोलकर भी टाइप हो जाता है, लेकिन जब यह चीज़ें नहीं थीं, तो बॉस के डिक्टेशन को सही क्रम में टाइप करने के लिए पहले उसे शॉर्टहैंड में लिखा जाता था।’
‘लेकिन शॉर्टहैंड है क्या?’
‘शॉर्टहैंड लिखने की वह कला है जिसमें चिन्हों के ज़रिए तेज़ी से लिखा जाता है। यह चिन्ह शब्दों की तरह नहीं होते, लेकिन जो शॉर्टहैंड जानता है, वह इन्हें पढ़ सकता है। आज शब्द शॉर्टहैंड इस तरीके की व्याख्या करने के लिए बोला जाता है, लेकिन इसे स्टेनोग्राफी, जिसका अर्थ है कम लिखना, टेकीग्राफी, जिसका अर्थ है तेज़ लिखना, और ब्राकीग्राफी, जिसका अर्थ है संक्षेप में लिखना, भी बोलते हैं।’
‘इसका मतलब है कि शॉर्टहैंड का विचार अधिक पुराना नहीं है।’
‘नहीं, तुम्हें सुनकर आश्चर्य होगा कि यह वास्तव में लगभग 2000 वर्ष पुराना है। प्राचीन रोम में सिसरो व सेनेका जैसे महान वक्ता रोमन संसद में ज़बरदस्त भाषण दे रहे थे। इन भाषणों को नकल करने के लिए 63 ईसा पूर्व में टीरो नामक व्यक्ति ने शॉर्टहैंड सिस्टम का अविष्कार किया था।’
‘वाव! टीरो।’
‘उसका सिस्टम इतना अच्छा था कि उसे रोमन स्कूलों में पढ़ाया जाने लगा। इसे राजाओं ने सीखा और सैंकड़ों वर्षों तक यह प्रयोग में रहा। यह सिस्टम प्रथमाक्षर के इस्तेमाल पर आधारित होने के कारण एक तरह से अल्पाक्षर का ही रूप था। इस सिस्टम में व्यंजन को इस तरह लिखते थे कि वह तीन अलग दिशाएं बना सके और दिशा से उसके बाद आने वाले स्वर का संकेत मिलता था।’
‘तो फिर बाद का शॉर्टहैंड इससे भिन्न होगा।’
‘आज हम जिस शॉर्टहैंड को जानते हैं, उसका जन्म रानी एलिजाबेथ के ज़माने में इंग्लैंड में हुआ। इस सिस्टम में हर चिन्ह चार अलग-अलग दिशाओं में जाता है और हर चिन्ह के बेस को 12 अलग तरीकों में बनाया जा सकता है। फिर 1837 में पिटमैन ने शॉर्टहैंड का एक ऐसा सिस्टम विकसित किया जो ध्वनि पर आधारित है, इसमें शब्द अपने इमले के आधार पर नहीं बल्कि ध्वनि के हिसाब से लिखे जाते हैं। 24 व्यंजन ध्वनियों के लिए 26 चिन्ह हैं और स्वर के लिए बिंदु व डैश प्रयोग किये जाते हैं। 1888 में ग्रेग ने इस शॉर्टहैंड सिस्टम में सुधार किया और फिर वह ही अधिक प्रयोग किया जाने लगा।’
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर