चर्चा का केन्द्र बनीं देवीलाल के जन्मदिन पर हुई दो रैलियां

चौटाला परिवार की ओर से चौधरी देवीलाल के जन्मदिन पर दो अलग-अलग रैलियां रखी गईं। प्रदेश के लोगों व राजनेताओं की नजरें इन दोनों  रैलियों पर लगी हुई थीं। भीड़ के लिहाज से दोनों रैलियां सफल रहीं, लेकिन रैलियों को लेकर इनेलो विरोधी अब अपने-अपने अर्थ निकालने में लगे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला व उनके छोटे बेटे अभय चौटाला की पार्टी इनेलो की ओर से 25 सितम्बर को कैथल में रैली का आयोजन किया गया।
 दूसरी तरफ ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे व उनके पौत्र हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की पार्टी जे.जे.पी. की ओर से सीकर में रैली का आयोजन किया गया। इनेलो की कैथल रैली को लेकर लोगों में ज्यादा उत्सुकता बनी हुई थी। भीड़ के साथ-साथ लोगों की नजरें इस बात पर भी लगी हुई थी कि रैली में विपक्षी गठबंधन इंडिया से जुड़े हुए कितने बड़े नेता व राजनीतिक दल हिस्सा लेंगे। 
उत्सुकता इस बात को लेकर भी बनी हुई थी कि कांग्रेस से कोई बड़ा नेता इनेलो की रैली में शामिल होता है या नहीं। रैली में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री व अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, पूर्व केन्दीय मंत्री व भाजपा नेता बीरेन्द्र सिंह, जनता दल (यू) के केसी त्यागी, टीएमसी के सांसद ओब्रएन सहित कई नेता शामिल हुए। इनेलो के भविष्य के लिए इस रैली को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा था।
हुड्डा ने जताया था विरोध
रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार, उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार, पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, राजस्थान से हनुमान बैनीवाल, सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी, चौधरी चरण सिंह के पौत्र जयंत चौधरी सहित अनेक प्रमुख नेताओं के शामिल होने की उम्मीद थी। पिछली बार चौधरी देवीलाल के जन्म दिन पर फतेहाबाद में इनेलो की रैली में नितीश कुमार, तेजस्वी यादव व सीताराम येचुरी व शरद पवार सहित अनेक प्रमुख नेता शामिल हुए थे।
 इस बार भी यह चर्चा जोरों पर थी कि कांग्रेस आलाकमान से कोई बड़ा नेता इनेलो की रैली में शामिल हो सकता है और आने वाले दिनों में इनेलो भी विपक्षी गठबंधन इंडिया का हिस्सा बन सकती है। इनेलो नेता अभय चौटाला ने इंडिया गठबंधन के ज्यादातर नेताओं को रैली में शामिल होने का न्यौता भी दिया था। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा ने इनेलो के साथ गठबंधन को लेकर अपना विरोध जताया और बार-बार कहा कि कांग्रेस अपने बलबूते पर लोकसभा चुनाव लड़ने और प्रदेश में सरकार बनाने में सक्षम है। इंडिया गठबंधन के नेताओं व कांग्रेस नेताओं के बीच इनेलो को साथ लेने पर अलग-अलग राय होने का प्रभाव जरूर देखने को मिला। 
बड़ा लक्ष्य हासिल करने को एकता जरूरी
नितीश कुमार की पार्टी जनता दल (यू) के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने रैली में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा का नाम लिए बगैर इस बात को दोहराया कि भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए और बड़ा लक्ष्य हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक दलों को अपने छोटे-छोटे मतभेद भुलाकर एकत्रित होना चाहिए व सभी को एकजुट होकर चलना चाहिए। उनका यह भी कहना था कि हरियाणा में भाजपा को हराने के लिए इनेलो का साथ होना बेहद जरूरी है। सभी विपक्षी नेता कैथल रैली में शामिल होकर प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश को भी एक बड़ा संदेश दे सकते थे। भीड़ के लिहाज से तो रैली सफल रही लेकिन नितीश, शरद पवार, अखिलेश, तेजस्वी, सत्यपाल मलिक, वामपंथी दलों के नेताओं के रैली में न आने से विपक्षी एकता की उम्मीद लगाए बैठे नेताओं और कार्यकर्ताओं के मन में थोड़ी कसक जरूर रह गई है।
जे.जे.पी. की सीकर रैली
जे.जे.पी. ने रैली के लिए हरियाणा के साथ लगते राजस्थान के सीकर को चुना था। सीकर चौधरी देवीलाल की कर्मस्थली रहा है। 1989 में चौधरी देवीलाल ने एक साथ तीन राज्यों की तीन अलग-अलग सीटों से लोकसभा का चुनाव लड़ा था ताकि पूरे उत्तरी भारत में जनता दल के पक्ष में माहौल बनाया जा सके। उस समय उन्होंने राजस्थान के सीकर, हरियाणा के रोहतक और पंजाब के फिरोजपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। देवीलाल उस समय रोहतक और सीकर से चुनाव जीत गए थे, लेकिन फिरोजपुर से ध्यान सिंह मंड के मुकाबले चुनाव हार गए थे। उस समय चौधरी देवीलाल ने सीकर में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ को हराया था। दो जगह से सांसद बनने के बाद देवीलाल ने रोहतक सीट से त्यागपत्र दे दिया था और सीकर सीट से बतौर सांसद देश के उप-प्रधानमंत्री बने थे। सीकर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दाता रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से देवीलाल के पौत्र व ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे डॉ. अजय चौटाला पहली बार विधायक चुने गए थे। अजय चौटाला दूसरी बार राजस्थान विधानसभा के लिए नोहर से विधायक चुने गए थे। ओम प्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय चौटाला भी राजस्थान विधानसभा के संगरिया सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन वह उस समय चुनाव जीत नहीं पाए थे। अभय चौटाला के साले अभिषेक मटौरिया भी नोहर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर राजस्थान विधानसभा में सबसे युवा विधायक बने थे।
 चौधरी देवीलाल के परिवार की पार्टी अक्सर राजस्थान विधानसभा के चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारती रही है। इनके उम्मीदवार कई बार चुनाव जीते भी हैं। इसी के दृष्टिगत डॉ. अजय चौटाला और उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इस बार भी अपनी पार्टी का विस्तार करने की दृष्टि से राजस्थान में उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए देवीलाल के जन्मदिन पर सीकर में रैली का आयोजन किया गया। जे.जे.पी. की रैली व राजस्थान में चुनावी तैयारियों का जिम्मा अजय चौटाला के छोटे बेटे व दुष्यंत चौटाला के छोटे भाई दिग्विजय चौटाला को दिया गया है। सीकर रैली भीड़ के लिहाज से तो सफल हो गई है, लेकिन राजस्थान विधानसभा चुनाव में जे.जे.पी. का प्रदर्शन कैसा रहेगा, फिलहाल सभी की नजरें इस पर लगी हुई हैं। 
विवादों में लोकसेवा आयोग
हरियाणा लोकसेवा आयोग एक बार फिर चर्चा और विवादों में है। आयोग ने एचसीएस व संबद्ध सेवाओं के लिए मुख्य परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों का नतीजा जारी कर दिया है। एचसीएस कार्यकारी शाखा व सम्बद्ध सेवाओं के 96 पदों के लिए आयोग द्वारा प्रारंभिक परीक्षा ली गई थी जिसमें पदों की संख्या के 12 गुणा यानि करीब 1200 उम्मीदवारों को प्रारंभिक परीक्षा में पास दिखाया गया। मुख्य परीक्षा में 96 पदों के विपरीत मात्र 61 उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा में पास दिखाया गया है। अब लिखित परीक्षा के बाद आयोग द्वारा उम्मीदवारों की इंटरव्यू ली जाएगी। आमतौर पर जितने पद होते हैं, उससे तीन गुणा ज्यादा यानि करीब 300 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाना है। अब आयोग ने 96 पदों के विपरीत सिर्फ 61 उम्मीदवारों को पास दिखाया है तो ऐसे में इंटरव्यू के दौरान इन 61 में से कितने उम्मीदवारों का अंतिम चयन हो पाएगा, यह देखने वाली बात है। यह बात भी उल्लेखनीय है कि नेता प्रतिपक्ष भूपेन्द्र हुड्डा से लेकर कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला तक ने आयोग को घेरते हुए मांग की कि आयोग को मुख्य परीक्षा का कैटेगरी वाईज परिणाम घोषित करना चाहिए और उसमें यह भी बताना चाहिए कि इन 61 सफल उम्मीदवारों में से कितने हरियाणा से संबंधित हैं, और इनमें से कितने एससी, बीसी-ए, बीसी-बी, ईडब्ल्यूएस और विकलांग श्रेणी के उम्मीदवार लिखित परीक्षा में पास हुए हैं।  
मो.-9855465946

#चर्चा का केन्द्र बनीं देवीलाल के जन्मदिन पर हुई दो रैलियां