तारों से प्रकाश हम तक कितनी देर में पहुंचता है

हमें प्रकृति ने देखने की विलक्षण शक्ति दी है, जो कि अनंत चीज़ें देख सकती है। आकाश में भी एक साफ रात को हम लगभग 2500 तारे नंगी आंख से देख सकते हैं। विभिन्न तरह की दूरबीनों के माध्यम से हम अनंत तारे देख सकते हैं। हमारे दिमाग में एक प्रश्न उत्पन्न होता है कि आखिर ब्रहमांड में कितने तारे हैं? इस बारे अमरीका के अंतरिक्ष विज्ञानी कार्ल सगन का कहना है कि धरती पर सभी समुद्रों के किनरे पर जितनी रेत है, तारों की संख्या उस रेत के कणों से भी अधिक है। फिर सोचो तारे कितने होंगे?
हमारा सूर्य भी एक तारा है। यह अपने ग्रहों के साथ जिस ग्लैक्सी में विचरण करता है, उस ग्लैक्सी को आकाशगंगा कहा जाता है। ग्लैक्सी लाखों करोड़ तारों का समूह होता है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के अंतरिक्ष विज्ञानी प्रोफैसर गैरी सिरमौर जो कि यूरोपीय आंतरिक्ष यान से आकाशगंगा ग्लैक्सी के तारों की गिणती कर रहे हैं, के हिसाब से हमारी ग्लैक्सी आकाशगंगा में 20 हज़ार करोड़ (2 खरब) से अधिक तारे हैं। 
इस अंतरिक्ष में सिर्फ हमारी ग्लैक्सी ही नहीं है। इसमें बहुत-सी ग्लैक्सियां हैं। अभी तक के अनुमान के अनुसार जितने अंतरिक्ष का अभी पता चला है, उसमें 10 हज़ार करोड़ (एक खरब) ग्लैक्सियां हैं। इन दोनों संख्याओं को गुणा करके हम तारों की संख्या का पता लगा सकते हैं। वास्तव में यह संख्या सिर्फ अभी तक खोजे या अनुमान लगाए तारों की है, परन्तु वास्तव में कितने तारें हैं, इस बारे हमें अभी तक पूरा पता नहीं है या यह कह लें कि तारों की संख्या हमारी सोच शक्ति से कोसों दूर है। 
वास्तव में ये जितने भी तारे हैं, यह सब हमारे सूर्य जैसे ही सूर्य हैं। हमारा सूर्य एक मध्य आकार का तारा है। बहुत-से तारे तो सूर्य से भी बड़े हैं, कई तो बहुत बड़े। इनमें से बहुत-से तारों के अपने सूर्य मंडल भी हैं। हमारे सूर्य परिवार की भांति इनके इर्द-गिर्द भी ग्रह चक्कर लगाते हैं। यदि हम इन ग्रहों की गिणती करें तो उत्तर हमारी सोच से भी परे आता है। इनमें बहुत से ऐसे भी हैं जिन पर धरती जैसे जीने के योग्य हालात मौजूद हो सकते हैं। इस प्रकार इस अंतरिक्ष में यह दो नहीं करोड़ों धरतियां हो सकती हैं, परन्तु हमें अभी तक इनके बारे में पता नहीं लग सका, क्योंकि हमारी सोच फिलहाल इन तक पहुंचने का कोई वाहन नहीं बना सकी है। 
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