गुरुत्वाकर्षण के नियम क्या दूर खड़े दो व्यक्तियों पर भी लागू होते हैं?

‘सर, आपने एक दिन बताया था कि सब चीज़ें एक-दूसरे को अपनी ओर खींचती हैं यानी आकर्षित करती हैं,’ एक दिन क्लास में मेरे एक छात्र ने कहा।
‘हां, मैंने बताया था क्योंकि ग्रेविटी या गुरुत्वाकर्षण के नियम इस संसार में हर चीज़ पर लागू होते हैं,’ मैंने उसे जवाब दिया था।
‘तो सर, फिर ऐसा क्यों है कि दो अलग-अलग जगहों पर रखी मेजों या तरबूजों या लोगों को ही हम एक-दूसरे की ओर खिंचता हुआ क्यों नहीं देखते?’
‘दरअसल, आदत की वजह से हम गुरुत्वाकर्षण के बारे में सिर्फ यही समझते है कि वह केवल पृथ्वी में होता जो हर चीज़ को अपनी ओर आकर्षित करता है। पत्ते, फलों आदि को पृथ्वी पर गिरता हुआ रोज़ाना देखते हैं, इसलिए हमारी सोच ऐसी बन गई है। चूंकि दो मेजों को एक-दूसरे की तरफ खिंचता हुआ हम देख नहीं पाते तो हमें लगता है कि मेजों में गुरुत्वाकर्षण नहीं है।’
‘जब मेज़ें एक-दूसरे की ओर खिंच रही हैं तो उनके इस आकर्षण को हम देख क्यों नहीं पाते?’
‘चूंकि छोटी चीज़ों के लिए आकर्षण का बल बहुत अधिक छोटा होता है।’
‘अगर मैं और मेरा दोस्त दो मीटर के फासले पर खड़े हैं तो क्या हम एक-दूसरे को अपनी अपनी ओर खींच रहे हैं?’
‘हां।’
‘तो फिर हम इस आकर्षण को देख व महसूस क्यों नहीं कर पाते?’
‘चूंकि जैसा कि मैंने पहले कहा, यह पुल या आकर्षण बहुत ही छोटा होता है, एक व्यक्ति के औसत वजन के लिए 0.01 एमजी से भी कम।’
‘यह कितना बल हुआ?’
‘तराजू पर यह 0.00001 ग्राम होगा, जिसे लेबोरेटरी के सेंस्टिव स्केल पर ही रजिस्टर किया जा सकता है। फिर यह गुरुत्वाकर्षण फ्रिक्शन की वजह से भी प्रभावित होता है।’
‘मान लीजिये कि फ्रिक्शन नहीं है तो हम दो दोस्त जो 2 मीटर के फासले पर हैं तो हम गुरुत्वाकर्षण के कारण कितने समय में एक-दूसरे से टकरा जायेंगे?’
‘पहले घंटे में 3 सेंटीमीटर की दूरी कम होगी, दूसरे घंटे में 9 सेंटीमीटर की और तीसरे घंटे में 15 सेंटीमीटर की। आपने देखा कि करीब होने पर स्पीड बढ़ती जाती है। फिर भी इसके बाद तुम दोनों को आपस में टकराने के लिए अन्य पांच घंटे लगेंगे।’


-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर