ब्रह्मांड के गहरे रहस्य खोलेगी ‘जेमस वैब अंतरिक्ष दूरबीन’

अमरीका की अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’, यूरोप अंतरिक्ष एजेंसी और कनाडा की एजेंसी द्वारा संयुक्त तौर पर तैयार की गई  ‘जेमस वैब अंतरिक्ष दूरबीन’ को फ्रैंच गुआना के कुरू शहर के बीच अंतरिक्ष केन्द्र से 25 दिसम्बर, 2021 को ऐरीयान-5 राकेट द्वारा अंतरिक्ष में भेजा गया था। इस दूरबीन का नाम नासा के पूर्व प्रशासक जेमस वैब के नाम पर रखा गया है। यह वैब दूरबीन हब्बल अंतरिक्ष दूरबीन का स्थान लेगी। वर्णनीय है कि हब्बल दूरबीन वर्ष 1990 से अंतरिक्ष में चक्कर लगा रही है और अलग-अलग आकाशीय वस्तुओं के चित्र और संकेत वैज्ञानिकों को भेज रही है और आने वाले समय में इसका कार्यकाल खत्म होने वाला है। जेमस वैब दूरबीन में लगे 6 कोणीय शीशे का ब्यास 6.5 मीटर है। वैब दूरबीन के शीशे का आकार हब्बल दूरबीन के शीशे से 6 गुणा अधिक होने के कारण इसका प्रकाश इकट्ठा करने का क्षेत्रफल भी हब्बल से 6 गुणा अधिक है। वैब दूरबीन के शीशे पर चढ़ी हुई सोने की परत इसके काम करने की अवधि में वृद्धि करती है। वैब दूरबीन धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य के इर्द-गिर्द चक्कर लगा रही है। दूरबीन को सूर्य से आने वाली गर्मी से बचाने के लिए इसमें ‘सनशील्ड’ फिट की गई है। यह दूरबीन इस पक्ष से विशेष है कि इसमें ऐसे यंत्र लगाए गये हैं जो ‘इनफ्रारैड’ प्रकाश का अनुभव कर सकते हैं। दूरबीन द्वारा धरती पर भेजी जाने वाली इस जानकारी के साथ वैज्ञानिक ब्रहमांड के बनने संबंधी और आकाश गंगाओं के हो रहे विस्तार के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। वर्णनीय है कि उच्च तकनीक से तैयार की गई यह दूरबीन अंतरिक्ष में होते प्राकृतिक घटनाक्रम जैसे ‘बिग बैंग’ घटना और सौर प्रणाली का अध्यनन करने के साथ-साथ दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावना का पता भी लगाएगी। वैब में लगे यंत्र एक ही समय 100 के करीब वस्तुओं को देख सकते हैं।

 मो-62842-20595