प्यार का ज़हर

एक लड़की शादी के बाद अपनी ससुराल पहुंची। उसकी सास बहुत ही सख्त स्वाभाव वाली एक बेहद खराब औरत थी जिसके कारण उसका जीना मुश्किल हो गया। वह बहुत दुखी रहने लगी। वह किसी भी कीमत पर उससे छुटकारा पाने के उपाय सोचती रहती। एक बार जब वो अपने मायके आई तो उसने अपने घरवालों व पड़ोसियों को अपनी सास के बारे में बताया। उसके पड़ोस में रहने वाले एक समझदार व्यक्ति ने जब उसकी सास की दुष्टता के बारे में सुना तो उसने कहा कि वो उसे उसकी सास से छुटकारा दिला सकता है। कैसे? लड़की के ये पूछने पर उस व्यक्ति ने उसे एक डिब्बे में चूर्ण जैसी कोई चीज़ देते हुए कहा कि इसमें एक धीमा ज़हर है। इसमें से रोज़ थोड़ा-थोड़ा अपनी सास के खाने में मिला देना। वो कुछ ही महीनों में मर जाएगी और तुझे उससे छुटकारा मिल जाएगा। तुम्हारी सास व अन्य लोगों को तुझ पर शक न हो इसलिए इस दौरान अपनी सास की ख़ूब इज्जत करना और उसका कहना मानना। उसे रोज़ अच्छा-अच्छा खाना बनाकर खिलाना। लड़की खुशी-खुशी ये सब करने को तैयार हो गई।
लड़की जब पुन: अपनी ससुराल पहुंची तो उसने वैसा ही किया जैसा उसके पड़ोस में रहने वाले समझदार व्यक्ति ने कहा था। वह अपनी सास की खूब इज्जत करती और अच्छे से अच्छा खाना बनाकर व उसमें पड़ोसी का दिया हुआ ज़हर डालकर प्रेमपूर्वक अपनी सास को खिलाने का नाटक करती। लेकिन पुत्रवधू की इस काल्पनिक सेवा और सम्मान ने सास का मन बदल दिया। उसका दिल जीत लिया। वह मन ही मन कहती कि कितनी अच्छी लड़की है मेरी पुत्रवधू! और वह अपनी पुत्रवधू से सचमुच प्यार करने लगी। उसके प्रति उसका व्यवहार पूरी तरह से बदल गया। वह उस पर अपने स्नेह की बरसात करने लगी। अपनी सास के इस अद्वितीय स्नेहपूर्ण व्यवहार व प्यार के कारण लड़की भी अपनी सास की और अधिक सेवा व सम्मान करने लगी। दोनों को ही एक-दूसरे से बेहद प्रेम हो गया और वह इतना अधिक बढ़ गया कि वे एक-दूसरे के बिना रहने की कल्पना भी नहीं कर सकती थीं।
लड़की ये सोचकर कि ज़हर के प्रभाव से उसकी सास कुछ ही दिनों में मर जाएगी दुखी रहने लगी। अब वह किसी भी तरह से अपनी सास को खोना नहीं चाहती थी। लड़की पुन: एक दिन अपने मायके गई और पड़ोस में रहने वाले समझदार व्यक्ति से कहा, ‘अब मैं अपनी सास को प्यार करने लगी हूँ। मैं उसके बिना नहीं रह सकती। आप किसी भी तरह से मेरी सास को बचा लीजिए।’ पड़ोसी ने कहा कि तुम्हारी सास को कुछ नहीं होगा क्योंकि मैंने जो चीज़ दी थी वो ज़हर नहीं स्वास्थ्यवर्धक औषधि थी। ज़हर तो तुम्हारे मन में था जो सास के प्रति तुम्हारे अच्छे व्यवहार और सेवाभावना के कारण प्यार में बदल चुका है। ये सुनकर लड़की की जान में जान आई। तो ऐसा होता है सम्मान और देखभाल का प्रभाव। ज़हर देकर हम लोगों से छुटकारा नहीं पा सकते लेकिन किसी का दिल जीतकर उसे अपना बना सकते हैं। उसे इतना करीब ला सकते हैं कि उससे दूर होने की कल्पना भी नहीं कर सकते।

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