इन्सानी आवाज़ निकालने में सक्षम है पोपस डॉलफिन

बोतलनुमा नाक वाली डॉलफिन डेलफिनीडाइ परिवार की डॉलफिन है। इसकी विश्व में लगभग 25 उपजातियां पायी जाती हैं एवं सभी के आकार और शारीरिक संरचना में स्थान के अनुसार अंतर होता है। संयुक्त राज्य अमरीका में इसे सामान्य पोपस कहते हैं। पिछले कुछ दशकों में अमरीका के विभिन्न डॉलउिफनेरियमों में अद्भुत खेल दिखाने वाली यह सर्वाधिक लोकप्रिय डॉलफिन बन गई है। इसका आकार तथा शारीरिक संरचना छोटी ह्नेल की तरह होती है। इसकी लम्बाई दो मीटर से पौने तीन मीटर तक तथा वजन 150 किलोग्राम से 200 किलोग्राम के मध्य होता है। इसके शरीर का ऊपरी भाग धूसर काला तथा पेट, गर्दन, सीना और नीचे का भाग पीलापन लिए सफेद होता है। नर डॉलफिन का शरीर मादा से अधिक उभरा हुआ होता है तथा बल्ब के आकार का होता है एवं इसके एक सिरे पर छोटा सा चोंच जैसा थूथुन और दूसरे सिरे पर दो नथुने होते हैं। इसके दांत छोटे, नुकीले एवं तेज़ होते हैं और इनकी संख्या प्रत्येक जबड़े में 40-40 होती है।
यह डॉलफिन हमेशा रात में सोती है और दिन में सक्रिय रहती है। इनमें मादा पानी की सतह पर सोती है। इस समय इसका थूथुन पानी के बाहर निकला रहता है, जिससे इसे सांस लेने में कोई कठिनाई नहीं होती। नर डॉलफिन पानी की सतह से एक फुट नीचे सोता है, अत: उसे सांस लेने के लिए बार-बार पानी की सतह पर आना पड़ता है। यह तैरने का कार्य अपनी दुम के अंतिम भाग से करती है। यह इसके शरीर का सर्वाधिक लोचदार अंग होता है और मछली की तरह कार्य करता है। यह दुम का उपयोग ऊपर-नीचे अधिक करती है, दाहिने-बाएं बहुत कम। इसके एक पृष्ठीय मीनपंख भी होता है, जो इसे तैरने में सहयोग करता है। इस बोतलनुमा नाक वाली डॉलफिन के फेफड़े शरीर में सर्वाधिक ऊंचाई वाले भाग में होते हैं, जिनसे इसका शारीरिक संतुलन बना रहता है। इनकी सहायता से यह पानी के भीतर सत्तर फुट की गहराई तक मछलियां पकड़ने के लिए जा सकती है और 15 मिनट तक रुक सकती है। इसकी दृष्टि कमजोर होती है। इसकी सूंघने की क्षमता तो सामान्य होती है, किंतु श्रवणशक्ति बहुत तेज़ होती है। जीव वैज्ञानिकों का मत है कि डॉलफिन की श्रवणशक्ति चमगादड़ के समान होती है। डॉलफिन का प्रमुख भोजन विभिन्न प्रकार की मछलियां कटलफिश, स्क्विड तथा इसी प्रकार के जलचर हैं। यह अपने आसपास की तैरने वाली मछलियां भी खाती है। इनका शिकार यह पानी की सतह पर आकर करती है। यह एक दिन में 10 किलोग्राम तक मछलियां खा जाती है। 


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