खट्टर सरकार की नौ वर्ष की उपलब्धियां

हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में गठित हुई सरकार की दूसरी पारी के नौवें वर्ष की पूर्णता पर, दोनों पारियों में हासिल की गई उपलब्धियों के आईने में अतीत के पथ पर दृष्टिपात करते हैं, तो नि:संदेह पीछे छूट गये कदमों के निशान सुकून और गर्व की अनुभूति का एहसास कराते हैं। मौजूदा सरकार की पहली पारी के पूरे पांच वर्ष तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भाजपा नीत नीतियों की ज़मीन पर विश्वास, उन्नति और समृद्धि के बीज बोए थे। नि:संदेह इन्हीं विकास बीजों की फसल को ही खट्टर सरकार न केवल अपनी इस दूसरी पारी में काट रही है, अपितु नई पारी में इसने कुछ नये संकल्पों को भी संजोया है। इस सरकार की दूसरी पारी में जननायक जनता पार्टी भी भागीदार है और जजपा की ओर से दुष्यंत चौटाला सरकार में उप-मुख्यमंत्री हैं। बेशक खट्टर सरकार की इस दोनों पारियों के नौ वर्ष के शासन काल में एक नये हरियाणा की तस्वीर और तासीर उभरी है। हरियाणा के गठन के बाद चाहे इस प्रदेश को पंजाब के बाद विकास और उन्नति के पथ पर दूसरे स्थान पर माना जाता रहा है, किन्तु आज इस प्रदेश की स्थिति यह है कि यह किसी भी चरण पर और किसी भी मामले किसी से पीछे नहीं रहा है। मौजूदा सरकार के नौ वर्ष पूरे होने पर सरकार की ओर से जिन उपलब्धियों और हासिल की गई मंज़िलों का ज़िक्र किया गया है, उनसे प्रदेश में व्यवस्था के बदलाव, सत्ता की संवेदनशीलता और पारदर्शी प्रशासनिक तंत्र की मौजूदगी का पता चलता है। 
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार के विगत नौ वर्ष के काल के दौरान बहुत संभव है, कुछ वर्गों और पक्षों को कुछ शिकायतें भी रही हों, किन्तु अधिकतर उपलब्धियों और विकास का ही दौर-दौरा रहा है। केन्द्र-राज्य संबंधों के धरातल पर भी इस सरकार के संबंध प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के साथ बेहद सार्थक और सामंजस्यता से पूर्ण रहे हैं, अत: बहुत स्वाभाविक है कि इस सरकार को केन्द्रीय योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ हासिल हुआ है। देश में भाजपा नीत सरकारों को डबल इंजन की सरकारें कहे जाने का वास्तविक लाभ भी इस सरकार ने भरपूर उठाया है, और इस लाभ को प्रदेश के आम जन तक पहुंचाने की कोशिश भी की है। वह चाहे अन्त्योदय योजना का संकल्प हो, आयुष्मान भारत अथवा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना हो, या फिर किसानों से सम्बद्ध योजना हो, इस सरकार ने नि:संदेह कतार के अन्तिम शख्स तक विकास के स्पर्श को पहुंचाने की कोशिश की है। सरकार ने प्रदेश के सभी गांवों में बिजली, स्वच्छ पेयजल और स्कूली शिक्षा का प्रकाश फैलाने हेतु भी भरसक यत्न किये हैं। सड़कों के जाल को इस प्रकार बुना गया है कि इसके भीतर प्रदेश के सुदूरवर्ती गांवों का सूत्र भी समा जाए। भ्रष्टाचार के विरुद्ध जंग में भी इस सरकार ने प्रत्येक चरण पर पग-चिन्ह छोड़े हैं।  
सरकार ने अपनी इन योजनाओं का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार भी किया है, और कि मुख्यमंत्री ने यह दावा भी किया है कि उनकी सरकार ने नेक नीयत से श्रेष्ठ नीतियों पर चल कर प्रदेश की जनता के लिए नौ बड़े काम किये हैं, किन्तु अपनी इन विकास योजनाओं एवं उन्नति के क्रिया-कलापों को खट्टर सरकार वास्तविक परख की कसौटी पर कितना दूर तक बनाये रख पाती है, यह अगले एक वर्ष में पता चल जाएगा। यह वर्ष इस सरकार की दूसरी पारी का अन्तिम परीक्षा वर्ष है, और इसी वर्ष इस प्रदेश में चुनावी बिगुल भी बज जाना है। नि:संदेह इस दौरान यह भी पता चल जाएगा कि सरकार के विकास और उन्नति के दावे कितने वास्तविक सिद्ध होते हैं।