बच्चों को दिलचस्प तरीकों से सिखाएं फिजिक्स

ठीक है, आपका बच्चा प्री-स्कूल में है, लेकिन आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि फिजिक्स को समझने के लिए अभी वह बहुत छोटा है? छोटे बच्चे हमेशा एक्सप्लोर करना चाहते हैं, वह निरंतर अपनी थ्योरी को टेस्ट करना चाहते हैं ताकि अपने इर्दगिर्द के संसार को समझ सकें। मसलन वह ऊंची कुर्सी पर रखे किसी बर्तन को इसलिए धक्का दे देते हैं ताकि जान सकें कि ऐसा करने से क्या होगा? उनकी इस जिज्ञासा को दूर करने में अगर आप उनकी मदद करेंगे तो वह बेहतर तरीके से समझ जायेंगे कि चीज़ें किस तरह से काम करती हैं और यही तो फिजिक्स है। अगर आप अपने बच्चों को साधारण विज्ञान के सिद्धांत जल्द सिखा देंगे तो यह उनकी भविष्य की दिलचस्पी के लिए बेहतरीन नींव होगी और वह आसानी से विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, कला व गणित सीखने लगेंगे। दरअसल, अपने बच्चों से बात करते हुए आपको फिजिक्स को फन या मज़ेदार बनाना है। चलिए, मैं आपको इस संदर्भ में चार मज़ेदार तरीके बताता हूं-
1. ब्लाक को नीचे गिराएं। ग्रेविटी या गुरुत्वाकर्षण के विचार से अपने बच्चों को परिचित कराने के लिए अलग-अलग साइज़ की चीज़ें नीचे गिराएं और उन्हें बताएं कि हर चीज़ नीचे गिरती है। जो चीज़ ऊपर जाती है, वह नीचे आती है। क्यों? एक फोर्स या बल है जो हर चीज़ को ज़मीन पर खींचता है और इसी बल को ग्रेविटी कहते हैं। बेटा, ग्रेविटी ही आपके पैरों को फ्लोर पर टिकाये रखती है और जब तुम जम्प करते हो तो उन्हें वापस फ्लोर पर लाती है, भले ही आप कितना ऊंचा या हल्का जम्प करें। 
2. गेंद से खेलें। अपने बच्चों को मोशन, इनरशिया व फ्रिक्शन के कॉन्सेप्ट्स से परिचय कराने के लिए उनके साथ छोटा सा बॉल गेम खेलें। अपने बच्चे को अपने सामने बैठा लें और बीच में एक गेंद को रख दें। क्या वह गेंद हिलती है? नहीं। क्यों? चूंकि वह इनरशिया से प्रभावित है, जिसका अर्थ है कि चीज़ें वही करती रहेंगी जो वह पहले से कर रही थीं, जब तक कि उनके साथ कुछ ऐसा न किया जाये कि वह मोशन में आ जाये। अब गेंद को हल्के से धक्का दें। अब वह मूव करती है। वह कितनी दूर जाती है? क्या होगा अगर उसे ज़ोर से धक्का दिया जायेगा? क्या वह अधिक दूर जाती है? वह रुक क्यों जाती है? फ्रिक्शन की वजह से। जब दो चीज़ें एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं तो उसे फ्रिक्शन कहते हैं। इस मामले में जिस सतह पर गेंद को रोल किया गया था, वह गेंद के मोशन या गति को रोकता है। अगर फ्रिक्शन कम होगा तो गेंद रोल करते हुए अधिक दूर जायेगी। क्या होगा अगर गेंद कारपेट की जगह बर्फ पर रोल की जायेगी?
3. फोर्क को फ्लोट करें। अब जब आपके बच्चे फोर्स या बल को समझ गये हैं तो उनका परिचय बॉयेन्सी और डेंसिटी से कराएं। टब को पानी से भर लें और उसमें अनेक चीज़ें डाल दें। पत्थर डूब क्यों जाता है और प्लास्टिक का चम्मच तैरता क्यों है? चूंकि पानी भी फोर्स है जो चीज़ों को धकेलता है। अगर चीज़ पानी से कम घनी होगी तो तैरेगी और अधिक घनी होगी तो डूब जायेगी। किसी चीज़ के अंदर जो चीज़ें हैं, वह अगर एक दूसरे के अधिक करीब होंगी तो वह चीज़ ज़्यादा घनी होगी, इसे ही डेंसिटी कहते हैं।
4.साधारण मशीन बनाओ और मैं साधारण की ही बात कर रहा हूं। किताब को रैंप की तरह रख दो और उस पर कंचा रोल करो। कुछ किताबें एक साथ रखो और बटर छुरी को लीवर बनाकर एक किताब को उठाओ। जूते के फीते से पार्क रेलिंग पर एक छोटी सी बाल्टी उठाओ, वाह यह तो पुली बन गई।

(पूर्व प्रधानाचार्य लेखक वर्तमान में ग्राम प्रधान हैं)
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