आखिर कब तक होगी आतंकियों से मुठभेड़ में सैनिकों की मौत ?

देश में आये दिन आतंकवादियों से मुठभेड़ में हमारे सैनिकों को जान गंवानी पड़ती है। आखिर यह सिलसिला कब तक चलता रहेगा? पिछले दिनों आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में देश के पांच जांबाज सैनिकों की दर्दनाक मौत हो गई। इसके पहले भी ऐसा ही हुआ था जब आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में हमारे सैनिकों की मौत ज्यादा हुई। आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में हमारी तैयारी या रणनीति उस स्तर की नहीं होती जैसी होनी चाहिए क्योंकि हर बार हमारे सैनिकों की कुर्बानी ज्यादा मात्रा में होती है। आतंवादियों से मुठभेड़ आये दिनों की बात है, इसलिये इसके लिए हमें विशेष रूप से तैयार रहना चाहिए। जितने भी सैनिक मुठभेड़ में शामिल होते हैं, उनके पास कम से कम बुलेटप्रूफ जैकेट तो हर समय उपलब्ध होनी चाहिए। इसके अलावा जहां तक बख्तरबंद गाड़ी जा सके, वहां तक उसी गाड़ी का प्रयोग करना चाहिए।  
जब तक ये पूरी तरह नहीं पता कि दुश्मन कहां छिपा बैठा है तो ऐसे में  खुलेआम कोई कार्यवाही करने की चेष्टा कम करें। आज हमारे पास ड्रोन उपलब्ध है जिससे आतंकवादियों के लोकेशन का पता लगाया जा सकता है। आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ कोई नयी बात नहीं है। जब तक पाकिस्तान हमारा दुश्मन रहेगा, तब तक आतंकवादी इस देश में आते रहेंगे। इसको रोकने के लिए पाकिस्तान का हमास की तरह ईलाज करना पड़ेगा जो संभव नहीं है, इसलिए बेहतर है कि हम अपनी तैयारी मुस्तैदी से करें। आतंकवादियों की सूचना मिलने पर हड़बड़ी में कोई कार्यवाही करने से बचें। अगर वे भाग भी गए तो कोई आफत नहीं आ जाएगी। वे फिर से घेरे में आएंगे, इसके लिये अपने ड़ुड़िया तंत्र को कश्मीर में मुस्तैद करना होगा। इस पर ज्यादा से ज्यादा खर्च करने की आवश्यकता है और ये खर्च सैनिकों पर किये गए खर्च से कम ही होगा क्योंकि सैनिकों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता में होनी चाहिए। 
दूसरा उन लोगों पर कड़ी नज़र रखनी होगी जो आतंकवादियों को संरक्षण प्रदान करते हैं। अगर कश्मीर के दूर दराज इलाकों में आतंकवादियों को रहने और खाने पीने की सुविधा प्राप्त नहीं हो तो उनका लम्बे समय तक छुप के रहना मुश्किल होगा  लेकिन कुछ लोग तो डर के मारे भी खाने पीने का सामान इन आतंकवादियों को देते रहते हैं। हमें इनकी इस सुविधा को खत्म करना होगा लेकिन उस दूर दराज के इलाके में रहने वालों को सुरक्षा कैसे प्रदान की जाए। आज हमें अपनी सैटेलाइट की सुविधा व बड़ानी होगी और घाटियों में सैटेलाइट के माध्यम से आतंकवादियों पर नज़र रखनी होगी। आधुनिक ड्रोन सिस्टम विकसित करना होगा, जो ईरान ने विकसित किया है। अब आमने सामने के युद्ध का जमाना लगभग खत्म हो रहा है। अब आतंकवादियों को ड्रोन के माध्यम से निपटाना होगा। आज हमारे देश को आधुनिक से आधुनिक हथियार विकसित करने की आवश्यकता है और इसके लिए सरकार को इन योजनाओं पर अधिकतम खर्च करने की आवश्यकता है।
जब तक हम अपने दुश्मन से एक कदम आगे नहीं रहेंगे, तब तक हम दुश्मन पर विजय नहीं प्राप्त कर सकते। आज हमारी सीमा पर आयरन डोम सिस्टम नहीं है जो इज़रायल के पास है जिससे अभी इज़रायल को बहुत सुरक्षा प्रदान हुई है लेकिन इन सुविधाओं के बावजूद हमास पांच हजार मिसाईल एक साथ दागने में सफल रहा। जरा सी चूक की वजह से सुरक्षा में लगाये गए कंटीले तारों को काटकर इज़रायल के अंदर घुस गए। इस तरह की वारदात हमारे साथ भी हो सकता है। इसलिए सीमा पर कभी भी चौकसी में ढ़ील नहीं होनी चाहिए। हमें हमेशा युद्ध के मोड में रहने की आवश्यकता है। हमें अपने परमाणु बम की संख्या में बढ़ौतरी करने की आवश्यकता है क्योंकि हमारा सबसे बड़ा दुश्मन पाकिस्तान के साथ-साथ चीन भी है और हमें हमेशा चीन को सोचकर अपनी सुरक्षा व्यवस्था निर्मित करनी होगी। हमें अपने हथियार किसी भी हालत में चीन से ज्यादा रखने होंगे जो वर्तमान में चीन से बहुत कम है।
वैसे आज के समय में आपको विश्व में अपने मित्र देशों की संख्या बड़ानी होगी। आज हमारे पास उदाहरण है यूक्रेन जो छोटा देश होते हुए भी अमरीका और यूरोपीय देशों की मदद से रूस के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक जंग में डटा हुआ है। अगर आपको दूसरे समृद्ध देशों का समर्थन प्राप्त होता रहे तो आप कोई भी युद्ध लड़ सकते हैं। आज हमास हिजबुल्लाह और हूती विद्रोही ईरान के समर्थन से फल फूल रहे हैं। ईरान के समर्थन से ही हमास इज़रायल जैसे देश से लड़ने में सक्षम हो पा रहा है। दरअसल किसी देश की विदेश नीति कैसी है, इस पर उस देश की सुरक्षा निर्भर है और उससे भी ज्यादा इस बात पर निर्भर है कि आप खुद कितने सशक्त हैं। आपकी आर्थिक स्थिति कैसी है। और इन सबके ऊपर ये बातें हैं कि आप अपने देश के प्रति कितना वफादार हैं। आपमें देशप्रेम का कितना जज्बा है। जिस देश में देशवासियों को अपने देश के प्रति देशभक्ति का जज्बा प्रबल है उस देश पर कोई कब्जा नहीं कर सकता है और इसका उदाहरण इज़रायल है जो चारों तरफ से मुस्लिम देशों से घिरे रहने के बावजूद अपनी स्मिता बचाये रखने में सफल रहा। किसी भी मुठभेड़ में जब दुश्मन आम लोगों के बीच छुपे रहेंगे तो उनके खात्मे के साथ कुछ आम नागरिक भी उसके जद में आ सकते हैं। इस पर ज्यादा हो हल्ला नहीं मचना चाहिए।