किसे और क्यों मिले 2023 का  नोबेल पुरस्कार

स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की पुण्य स्मृति में नोबेल फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया जाने वाला दुनिया का सर्वोच्च सम्मान ‘नोबेल पुरस्कार’ शांति, साहित्य, अर्थशास्त्र, चिकित्सा विज्ञान, भौतिकी व रसायन विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार पाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एक बहुत बड़ी निर्धारित धनराशि मिलती है, जो घटती-बढ़ती रहती है। यदि किसी क्षेत्र में दो या उससे अधिक व्यक्तियों को संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार दिया जाता है तो उनके बीच राशि का बंटवारा बराबर किया जाता है। इस धनराशि के अलावा 23 कैरेट सोने का करीब 6 सेंटीमीटर व्यास का 200 ग्राम वजनी पदक एवं प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया जाता है। पदक पर एक ओर नोबेल पुरस्कारों के जनक एल्फ्रेड नोबेल का चित्र और उनका जन्म तथा मृत्यु वर्ष और दूसरी ओर यूनानी देवी आइसिस का चित्र, ‘रायल एकेडमी ऑफ साइंस स्टाकहोम’ तथा पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति का नाम व पुरस्कार दिए जाने का वर्ष अंकित रहता है। नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम अक्तूबर माह में ही घोषित कर दिए जाते हैं, 2023 के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा 2 से 9 अक्तूबर के बीच की गई थी। यह सर्वोच्च पुरस्कार 10 दिसम्बर को स्टॉकहोम में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया जाता है। दुनिया में शायद ही कोई ऐसी हस्ती होए जो बड़े से बड़ा पुरस्कार पाने के बाद भी नोबेल पुरस्कार पाने की अपेक्षा न करती हो। देखते हैं, 2023 के नोबेल पुरस्कार दुनिया की किन हस्तियों को किस विशिष्ट क्षेत्र के लिए प्रदान किए गए।
शांति नोबेल पुरस्कार
नोबेल शांति पुरस्कार नार्वे के ओस्लो में प्रदान किया जाता है और प्राप्तकर्ता को नार्वे की संसद द्वारा नियुक्त पांच सदस्यीय नार्वेजियन नोबेल समिति द्वारा चुना जाता है। 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने वाली पत्रकार और ईरानी कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ उनकी अथक लड़ाई और मानवाधिकारों एवं स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए प्रदान किया गया है। उनके पुरस्कार की घोषणा करते हुए नोबेल समिति द्वारा कहा गया कि कई गिरफ्तारियों और दोषसिद्धि सहित व्यक्तिगत कठिनाईयों का सामना करने के बावजूद मोहम्मदी ने अपना साहसी संघर्ष जारी रखा। मोहम्मदी को यह पुरस्कार सार्वभौमिक मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के साथ-साथ ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के लिए लड़ने के उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप दिया गया है। दरअसल उनकी साहसिक ल?ाई की उन्हें व्यक्तिगत रूप से भारी कीमत चुकानी पड़ी है। मोहम्मदी मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाली एक ऐसी साहसी वकील हैं, जिन्होंने सदैव अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और व्यक्तिगत अधिकारों के लिए आवाज बुलंद की और उन्हें कुल 13 बार गिरफ्तार किया गया, पांच बार दोषी ठहराया गया और 154 कौड़ों के साथ कुल 31 साल की जेल की सजा सुनाई गई। इस समय भी वह जेल में बंद हैं। उनकी निरंतर हिरासत उन जैसे व्यक्तियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान और समर्थन के महत्व को रेखांकित करती है, जो मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे हैं। मोहम्मदी ने उस देश में मौत की सजा के खिलाफ वकालत की, जहां सबसे ज्यादा संख्या में राजकीय फांसी दी जाती हैं। ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न का मुकाबला करने में उनके उल्लेखनीय प्रयासों और सभी के लिए मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को आगे बढ़ाने के प्रति उनके अटूट समर्पण के लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
साहित्य नोबेल पुरस्कार
साहित्य में 2023 का नोबेल नॉर्वेजियन लेखक जॉन फॉसे को उनके नवोन्मेषी नाटकों के लिए दिया गया, जिनमें उन्होंने नाटकों, उपन्यासों, कविता, निबंधों, बच्चों की किताबों और अनुवादों सहित विविध शैलियों में अनकहे को आवाज़ दी। नोबेल समिति के चेयरमैन एंडर्स ऑल्सन के अनुसार 29 सितम्बर, 1959 को नॉर्वे में जन्मे फॉसे का काम उनकी नॉर्वेजियन पृष्ठभूमि, भाषा तथा प्रकृति में गुंथा हुआ है। यॉन फॉसे की तुलना इब्सन से करते हुए उन्हें ‘आज का इब्सन’ भी कहा जाता है। वे नॉर्वे के चौथे ऐसे लेखक हैं, जिन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ है। उनसे पहले 1903 में बियोन्सटन बियोन्सन को, 1920 में क्नूत हाम्सुन को और 1928 में सिग्रिड अन्डसेट को नोबेल पुरस्कार मिला था। नॉर्वेजियन योनोर्स्क भाषा में लिखने वाले यॉन फॉसे को 2011 में नॉर्वेजियन राज्य की ओर से ओस्लो के सिटी सेंटर में रॉयल पैलेस के परिसर में आजीवन घर मिला था, जो उन्हें ‘ग्रोटन सम्मान’ के अंतर्गत प्राप्त हुआ था, जो नॉर्वे के राजा द्वारा नॉर्वेजियन कला एवं संस्कृति में उत्कृष्ट योगदान हेतु प्रदान किया जाता है। रोचक बात यह है कि उन्हें जिस समय नोबेल पुरस्कार मिलने की सूचना मिली थी, उस समय वे गाड़ी चला रहे थे।
अर्थशास्त्र नोबेल पुरस्कार
2023 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार महिला श्रम शक्ति भागीदारी पर उल्लेखनीय कार्यों के लिए हार्वर्ड प्रोफेसर क्लाउडिया गोल्डिन को दिया गया है। क्लाउडिया ने सदियों से महिलाओं की कमाई और श्रम बाज़ार भागीदारी का पहला व्यापक विवरण प्रदान किया। अभिलेखों को खंगालकर और ऐतिहासिक डेटा को संकलित तथा सही करके वह नए और आश्चर्यजनक तथ्य प्रस्तुत करने में सक्षम रही। क्लाउडिया को महिलाओं के श्रम बाज़ार के परिणामों के बारे में हमारी समझ को उन्नत अथवा विकसित करने के लिए अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में 2023 का स्वेरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार दिया गया है। क्लाउडिया ने सदियों से महिलाओं की कमाई और श्रम बाज़ार भागीदारी का पहला व्यापक विवरण मुहैया कराने का कार्य किया। उनके शोध से बदलाव के कारणों और शेष लिंग अंतर के मुख्य स्रोतों का पता चला। उनके अध्ययन से पता चला कि वैश्विक श्रम बाज़ार में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है और जब वे काम करती हैं तो पुरुषों की तुलना में कम कमाती हैं। उन्होंने अभिलेखों का पता लगाया और 200 वर्षों से भी अधिक का डेटा एकत्र किया, जिससे उन्होंने साबित किया कि कमाई और रोज़गार दरों में लिंग अंतर कैसे और क्यों बदल गया। उनके कार्य से 200 साल की अवधि में महिला श्रम बल की भागीदारी में यू-आकार का वक्र सामने आया, जो 19वीं शताब्दी में कृषि से औद्योगिक समाज में संक्रमण के दौरान गिरावट और 20वीं शताब्दी में सेवा क्षेत्र की वृद्धि के साथ वृद्धि दर्शाता है। क्लाउडिया ने इस पैटर्न को बदलते सामाजिक मानदंडों और संरचनात्मक बदलावों के लिए जिम्मेदार ठहराया।
चिकित्सा नोबेल पुरस्कार
चिकित्सा में 2023 का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से हंगरी के सागन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कैटालिन कारिको और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर ड्रू वीसमैन को एम.आर.एन.ए. (मैसेंजर राइबोन्यूक्लिक एसिड) तकनीक में उनके अग्रणी कार्य के लिए दिया गया, जो कोविड-19 वैक्सीन विकास में सहायक है। दोनों ने पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में शोध किया था। इस पुरस्कार की घोषणा करते हुए नोबेल समिति ने बयान जारी कर कहा था कि उन्होंने अपनी खोज़ से मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अहम योगदान दिया। उनके इस योगदान से एम.आर.एन.ए. वैक्सीन का विकास संभव हो पाया। 17 जनवरी, 1955 को जन्मी मूल रूप से हंगरी निवासी कैटलिन कारिको जानी-मानी हंगेरियन-अमरीकी बायोकेमिस्ट हैं, जिन्हें आरएनए मिडिएटेड मैकेनिज्म में विशेषज्ञ माना जाता है। उनका शोध प्रोटीन थैरेपी के लिए इन विट्रो-ट्रांसक्राइब्ड एम.आर.एन.ए. का विकास रहा है। 1959 में जन्में ड्रू वीसमैन एक अमरीकी चिकित्सक वैज्ञानिक हैं, जिन्हें आरएनए जीव विज्ञान में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने एम.आर.एन.ए. टीकों के विकास को सक्षम करने में मदद की। वह वैक्सीन रिसर्च में रॉबर्ट्स फैमिली के शुरुआती प्रोफेसर हैं और फिलहाल आरएनए इनोवेशन के लिए पेन इंस्टीच्यूट के निदेशक और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय (पेन) में पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन के प्रोफेसर हैं।
भौतिकी नोबेल पुरस्कार
भौतिकी में 2023 का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों पियरे ऑगस्टिनी, फेरेंस क्राउसज और एनी एल. हुलियर को दिया गया है। प्रायोगिक भौतिकी के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व कार्य ने एटोसेकंड पल्स के विकास को जन्म दिया, जिससे वैज्ञानिकों को पदार्थ के भीतर इलैक्ट्रॉनों की तीव्र गतिशीलता का सीधे निरीक्षण और अध्ययन करने में मदद मिली है। अणुओं में परमाणु फेम्टो सेकंड के क्रम पर गति प्रदर्शित करते हैं, जो बहुत ही कम समय अंतराल होते हैं, जो एक सैकंड के एक अरबवें हिस्से का दस लाखवां हिस्सा होते हैं। इलैक्ट्रॉन हल्के होने के कारण और इससे भी तेज़ गति से इंटरैक्ट करने के कारण एटोसेकंड (एक सेकंड के अरबवें हिस्से का अरबवां हिस्सा) दायरे में गति करते हैं। एटोसेकंड पल्स प्रकाश का एक बहुत ही अल्पकालीन विस्फोट है, जो सिर्फ एटोसेकंड तक रहता है। एटोसेकंड वास्तव में सैकंड की सूक्ष्मतम इकाई है और एक सैकेंड में उतने ही एटोसेकंड होते हैं, जितने 31.71 अरब वर्ष में सैकेंड होते हैं। पियरे ऑगस्टिनी अमरीका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में भौतिकी के प्रोफेसर हैं, फेरेंक क्राउसज जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ क्वांटम ऑप्टिक्स के निदेशक हैं और ऐनी एल. हुलियर स्वीडन के लुंड विश्वविद्यालय में आणविक भौतिकी की प्रोफेसर हैं। तीनों वैज्ञानिकों ने पदार्थों में इलैक्ट्रॉन गतिशीलता के अध्ययन के लिए प्रकाश के एटोसेकंड पल्स तैयार करने के तरीके खोजे हैं। भौतिकी की नोबेल समिति के अध्यक्ष ईवा ओल्सन का कहना है कि अब हम इलैक्ट्रॉनों की दुनिया का दरवाजा खोल सकते हैं। एटोसेकंड भौतिकी हमें उन तंत्रों को समझने का अवसर देती है, जिन पर इलैक्ट्रॉन शासन करते हैं और हमारा अगला कदम उन तंत्रों का उपयोग करना होगा।
रसायन विज्ञान नोबेल पुरस्कार
2023 का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार क्वांटम डॉट्स के अभूतपूर्व आविष्कार और संश्लेषण के लिए संयुक्त रूप से मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी के मौंगी जी बावेंडी, कोलंबिया विश्वविद्यालय के लुईस ई ब्रुस तथा नैनोक्रिस्टल टैक्नोलॉजी में काम करने वाले एलेक्सी आई एकिमोव को दिया गया है। एलेक्सी एकिमोव वर्ष 1980 के आसपास कॉपर क्लोराइड नैनोकणों में असामान्य व्यवहार का निरीक्षण करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने इन कणों के विशिष्ट गुणों का प्रदर्शन करते हुए इन नैनो कणों का सफलतापूर्वक निर्माण किया। अमरीकी वैज्ञानिक लुई ब्रुस ने कैडमियम सल्फाइड नैनो कणों से जुड़ी एक ऐसी ही खोज की थी। एकिमोव की ही भांति वह इन परिवर्तित गुणों के साथ नैनो कणों को बनाने में सक्षम थे। मौंगी बावेंडी ने शुरुआत में लुईस ब्रुस के साथ सहयोग किया था और बाद में अद्वितीय विशेषताओं वाले नैनो कणों के उत्पादन की तकनीकों को सरल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यों ने वांछित विकृत व्यवहार प्रदर्शित करने वाले नैनो कणों के कुशल और नियंत्रित निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। मो-9416740584