अपने जॉब का मूल्यांकन करते समय कई ‘एंगल्स’ से सोचें

सालों से मैनेजमेंट गुरु और कारपोरेट एक्सपर्ट कहते रहे हैं कि जब भी अपने ड्रीम जॉब के बारे में सोचें तो उसे सिर्फ सैलेरी पैकेज के एंगल से न सोचें। नि:संदेह जिंदगी में वेतन का भी बहुत महत्व होता है। लेकिन जिस काम को करते हुए हमें बोझ न महसूस हो, उल्टे खुशी और रोमांच का एहसास हो, दरअसल वह हमारा ड्रीम जॉब होना चाहिए। फिर भी अगर इस कवितायी अंदाज में न सोचना चाहें तो भी अपने जॉब का मूल्यांकन करते समय कुछ विशेष पहलुओं पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए।
अपनी प्राथमिकता तय करें
जब हम रोज़गार के बाज़ार में उतरते हैं, तो यह ज़रूरी नहीं होता कि हम जिस तरह की जॉब चाह रहे हों, हूबहू वैसी जॉब हमें पहली बार में ही मिल जाए। कई बार ऐसी जॉब मिल भी रही होती है तो वह किसी दूसरे शहर में जहां हमें अपने घर परिवार के लोगों को छोड़कर जाना होता है और किसी अनजान शहर में अकेले रहना होता है। ऐसे में कोई जॉब ऑफर आपके लिए कितना सही है और कितना गलत है? इसे इस बात से तय करें कि आपके लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण क्या है और आप किस चीज के बिना आराम से रह सकते हैं? उदाहरण के तौर पर आप बहुत जानी पहचानी कंपनी में काम करते हैं और यहां काम करने पर आपको एक पहचान और सम्मान मिलता है। लेकिन अब आप जिस कंपनी में जा रहे हैं, इसका वैसा प्रोफाइल नहीं है। हां, यह ज़रूर है कि आपको वेतन ज्यादा मिल रहा है, तो क्या चले जाएंगे? हां, कहने के पहले कई बार सोचें।
सावधान रहें
नयी नौकरी के जोश में होश न खोएं। लकड़ी पाने के लिए पेड़ों को न कांटे। यह देखें कि कहीं ऐसा तो नहीं कि यह जॉब आपको निराश कर सकती है? लंबे इंतजार के बाद अगर आपको जॉब मिली है, तो आप इसे तुरंत ले लेते हैं, लेकिन इंतजार करें और सोचें क्या आप यही चाह रहे थे? यदि ऐसा नहीं है तो दूसरी सही नौकरी मिलने का इंतजार करें। अपने आपसे पूछें कि आप खुद से क्या चाहते हैं। नौकरी में मिलने वाला वेतन और भत्ते महत्वपूर्ण होते हैं। लेकिन कई बार छोटी-छोटी चीजों से परेशानी होती है। यहां तक कि मुफ्त में मिलने वाली चाय के कप भी आपके नौकरी में बने रहने के निर्णय को प्रभावित कर सकते हैं। क्योंकि यदि आपको बाहर की चाय पीना पसंद नहीं है तो आप यहीं बने रहना पसंद करेंगे। 
प्राथमिकता के आधार पर तय करें
कोई अपने जॉब से संतुष्ट है या नहीं, इसके पीछे भी कई कारण होते हैं। इन्हें जानें और समझें कि जो जॉब आपको ऑफर की गई है, उसने आपको मोटीवेट कैसा किया है? यदि आप सफाई के कारण उस जॉब को लेना चाहते हैं तो अपने आपसे यह सवाल पूछे। क्या आप वीकेंड और छुट्टी के दिनों में काम करना चाहेंगे? यदि हां, तो कितनी बार। ऑफिस आने और जाने के विषय में आपकी क्या मांग है। कम्पनी की डेडलाइन, कोटा और क्वालिटी क्या है? कम्पनी में शोर, रसायनिक तत्वों और वेंटीलेशन की स्थिति क्या है? काम के अतिरिक्त घंटे और बाहर जाने के लिए अतिरिक्त पैसे दिए जाते हैं या नहीं? 
यदि आप पहले से किसी ऐसी नौकरी में हैं, जहां इस तरह का तनाव है तो इसके विषय में सोच समझकर निर्णय लें। कम्पनी किस तरह की एचआर नीति अपनाती है। कंपनी द्वारा दिये जाने वाले भत्ते और लाभ। बॉस और सहकर्मी कैसे हैं? यदि आप सचमुच आगे बढ़ने में विश्वास करते हैं तो अपने आपसे सवाल पूछे कि इस नयी जॉब में आपको ग्रोथ करने के लिए कितने अवसर हैं। क्या यहां नयी जिम्मेदारियां होंगी? 
आगे बढ़ने की संभावना
अपने जॉब का मूल्यांकन करते समय प्रमोशन के कितने चांस होंगे, इस पर भी सोचें। आपको अपनी पहचान बनाने में यहां कितना सपोर्ट मिलेगा। याद रखें इसका कोई सही और गलत उत्तर नहीं है। किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले आपको सोचना होगा कि क्या यह नौकरी आपके लॉग टर्म सपनों को पूरा कर सकती है? भारी भरकम वेतन वाली नौकरी का चयन करना आसान है, लेकिन यह भी देखना होगा कि कम वेतन वाली नौकरी में अगर आप संतुष्ट हैं तो यह ज़रूरी नहीं कि आपको जो जॉब ऑफर की जा रही है आप उसे लें।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर