कर्त्तव्य-पथ पर भारत की सैन्य ताकत देखेगी दुनिया

प्रत्येक भारतवासी की अस्मिता का अभिन्न अंग है ‘गणतंत्र दिवस’। राष्ट्रीय गौरव के इस अवसर पर प्रतिवर्ष कर्त्तव्य पथ पर होने वाली वार्षिक परेड देश की सांस्कृतिक विरासत और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करती है और पूरी दुनिया कर्त्तव्य पथ पर भारत की लगातार बढ़ती ताकत को देखती है। सही मायनों में गणतंत्र दिवस परेड भारत की ताकत को पूरी दुनिया के सामने रखने का एक बड़ा अवसर होता है। इस विशेष अवसर पर हर साल कर्त्तव्य पथ पर परेड तथा रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, देश की संस्कृति और परम्पराओं को प्रदर्शित करने के लिए राज्यों की झांकियां निकाली जाती हैं और तीनों सेनाओं के जवान पूरे विश्व को भारत की ताकत दिखाने के लिए अनोखे करतब दिखाते हैं। भारत 26 जनवरी को ‘विकसित भारत’ और ‘भारत-लोकतंत्र की मातृका’ थीम के साथ 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है और इस अवसर पर रक्षा मंत्रालय द्वारा एक स्मारक सिक्का और स्मारक टिकट जारी किया जा रहा है। भारतीय गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में महिलाओं को केन्द्र में रखा जाएगा और पहली बार 100 महिला कलाकारों द्वारा भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों के साथ परेड का शुभारंभ किया जाएगा, जिसकी शुरुआत महिला कलाकारों द्वारा बजाए जाने वाले शंख, नादस्वरम, नगाड़ा इत्यादि के संगीत के साथ होगी। परेड देखने के लिए इस बार देशभर से करीब 13 हजार विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। कर्त्तव्य पथ पर 77 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता है, जिसमें से 42 हजार आम जनता के लिए आरक्षित हैं।
कर्त्तव्य पथ पर परेड के दौरान देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, एकता एवं प्रगति को प्रदर्शित करने के लिए 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों तथा 9 मंत्रालयों एवं संगठनों सहित कुल 25 झांकियां दिखेंगी, जिनमें अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, मणिपुर, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, लद्दाख, तमिलनाडु, गुजरात, मेघालय, झारखंड, उत्तर प्रदेश तथा तेलंगाना के अलावा गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, इलैक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, इसरो, सीएसआईआर, भारतीय निर्वाचन आयोग और केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकियां शामिल हैं। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी इन झांकियों का चयन एक विशेषज्ञ समिति द्वारा किया गया, जिसमें कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला, नृत्यकला आदि क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल थे। परेड का मुख्य आकर्षण इस बार ‘अनंत सूत्र: द एंडलेस थ्रैड’ है, जिसके माध्यम से संस्कृति मंत्रालय द्वारा देश के हर कोने से करीब 1900 साड़ियों, परिधानों और पर्दों का प्रदर्शन किया जा रहा है। ‘अनंत सूत्र’ वास्तव में साड़ी परिधान हेतु एक ऐसा विशेष सम्मान है, जो फैशन की दुनिया के लिए भारत द्वारा दिया गया एक शाश्वत उपहार है।
गणतंत्र दिवस परेड में सेना की मार्चिंग टुकड़ियों से लेकर टैंक, तोप और बैंड भी हिस्सा लेंगे तथा वायुसेना का फ्लाईपास्ट भी होगा। कई विमानों के फ्लाईपास्ट के दौरान भारत के लड़ाकू विमानों का शौर्य भी देखने को मिलेगा। फ्लाईपास्ट में भारतीय वायुसेना के विमानों के साथ-साथ फ्रांसीसी वायुसेना के एक मल्टी रोल टैंकर ट्रांस्पोर्ट (एमआरटीटी) विमान तथा दो राफेल विमान भी भारतीय विमानों के साथ अपने करतब दिखाएंगे। हथियार प्रणालियों में टैंक, बीएमपी-2 पैदल सेना, लड़ाकू वाहन, ड्रोन जैमर, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल लांचर और मल्टी-फंक्शन राडार भी शामिल होंगे। फ्लाईपास्ट में 29 लड़ाकू जेट सहित कुल 56 सैन्य विमान शामिल होंगे, जिनमें से कुछ को महिला पायलट ऑपरेट करेंगी। 6 लड़ाकू पायलटों सहित 15 महिला पायलट फ्लाई पास्ट में हिस्सा ले रही हैं, जो राफेल, सुखोई-30 और मिग-29 उड़ाएंगी। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों 75वें गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्यातिथि हैं, इसीलिए परेड में इस बार फ्रांसीसी सेना का 95 सदस्यीय मार्चिंग दस्ता और 33 सदस्यीय बैंड भी भाग ले रहे हैं।
परेड का अहम हिस्सा बन रही ‘नाग’ मिसाइल को डीआरडीओ द्वारा दिन और रात की स्थितियों में अत्यधिक मजबूत दुश्मन टैंकों से निपटने के लिए विकसित किया गया है। भारत में निर्मित ‘ध्रुवास्त्र’ एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल को ‘हेलिना’ भी कहा जाता है, जिसका नाम इससे पहले ‘नाग’ मिसाइल था। यह तीसरी पीढ़ी की ‘दागो और भूल जाओ’ टैंक रोधी मिसाइल है, जिसे हेलीकॉप्टर, टैंक, बीएमपी या किसी भी आर्म्ड व्हीकल पर तैनात किया जा सकता है और इसमें 8 किलोग्राम विस्फोटक लगाकर इसे बेहतरीन मारक मिसाइल बनाया जा सकता है। टी-90 टैंक रूस का मुख्य युद्धक टैंक है, जिसे भारत ने अपनी ज़रूरत के हिसाब से बदलकर उसका नाम ‘भीष्म’ रखा है। 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलने में सक्षम इस टैंक में 125 मिलिमीटर स्मूथबोर गन लगी है और टैंक पर 43 गोले स्टोर किए जा सकते हैं। इसकी ऑपरेशनल रेंज 550 किलोमीटर है। कई देशों में इस टैंक के रूसी वर्जन का उपयोग किया जा रहा है। फिलहाल 2078 टी-90 टैंक सेवा में हैं और भारत की रूस के साथ डील के तहत रूस 2025 तक 1657 और भीष्म ड्यूटी पर तैनात कर देगा। गणतंत्र दिवस परेड में क्विक फाइटिंग रिएक्शन व्हीकल, ऑल टेरेन व्हीकल और स्पेशलिस्ट मोबिलिटी व्हीकल भी शामिल हो रहे हैं, जिनका इस्तेमाल रेगिस्तानी, पहाड़ी और बर्फीले क्षेत्रों में सैनिकों के ट्रांस्पोर्टेशन के लिए किया जाता है। इसके अलावा इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से एयरलिफ्ट भी किया जा सकता है। इनका सस्पेंशन इनकी विशेषता है, जो इन्हें 60 डिग्री एलिवेशन और 45 डिग्री डिप्रैशन पर काम करने के योग्य बनाती है।
20 साल बाद गणतंत्र दिवस परेड में कर्त्तव्य पथ पर दुश्मन के लिए बारूदी सुरंग बिछाने और अपने सैनिकों के लिए इसे हटाकर सुरक्षित मार्ग प्रशस्त करने के काम में माहिर ‘बम्बई सैपर्स’ की 149 सदस्यीय टुकड़ी हिस्सा ले रही है, जिसका नेतृत्व टुकड़ी की कमांडर रुचि यादव कर रही हैं जबकि उनके अलावा इसके अन्य सभी सदस्य पुरुष होंगे। बम्बई सैपर्स के इतिहास में यह पहली बार है कि एक महिला गणतंत्र दिवस परेड में अपनी टीम का नेतृत्व करेगी। परेड में महिलाओं की रक्षा बलों में बढ़ती भूमिका को भी प्रदर्शित किया जा रहा है। 60 महिला सैनिक ट्राई सर्विस की सभी महिला मार्चिंग टुकड़ी का हिस्सा बनने जा रही हैं, जिसमें वायुसेना और नौसेना की महिलाएं भी शामिल होंगी। दो महीने पहले ही कर्नाटक के एयरमैन ट्रेनिंग स्कूल बेलगावी से उत्तीर्ण हुई वायु अग्निवीर भी परेड में हिस्सा ले रही हैं। अग्निवीरों की त्रि-सेवा मार्चिंग टुकड़ी में 144 महिलाएं शामिल होंगी। कुल मिलाकर राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में परेड के दौरान राजपथ पर भारत की सैन्य ताकत के साथ-साथ देश की सांस्कृतिक झलक भी दिखाई देगी। मो-9416740584