बोर्ड परीक्षाओं के दौरान कैसा हो छात्रों का खानपान

बोर्ड परीक्षाओं से पहले चाहे मनोविद कितना ही कहें कि परीक्षाओं से छात्रों को तनावग्रस्त नहीं होना चाहिए, क्योंकि इन परीक्षाओं से जिंदगी का इम्तिहान नहीं पास होता। बावजूद इसके यह हकीकत है कि बोर्ड परीक्षाओं के दौरान छात्र ही नहीं, उनके घरवाले भी तनावग्रस्त रहते हैं। क्योंकि हिंदुस्तान में सारी जानकारियों और समझदारियों के बावजूद व्यवहारिक जीवन में कॅरियर का जो संकट है, उसके चलते कोई भी छात्र कम अंकों से पास होने का जोखिम नहीं लेना चाहता। फिर चाहे भले तमाम छात्र सेकेंड डिवीजन या उससे भी नीचे की कैटेगिरी में पास हों, लेकिन कोई भी छात्र इन परीक्षाओं में बेहतर अंकों और प्रतिशत से पास होने की भरपूर कोशिश करता है। यही वजह है कि परीक्षाओं के महीनों पहले से शुरु हो जाने वाले मोटीवेशनल माहौल के बावजूद छात्रों को इस दौरान कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों विशेषकर एंजाइटी और पेट खराब जैसी स्थितियों से गुजरना पड़ता है। 
दबाव या तनाव तो हर छात्र में होता ही है। इसलिए क्यों न ऐसे तनाव को दूर करने के लिए कुछ ऐसी ठोस बातों पर ध्यान दें, जिनका रिश्ता भावनाओं से नहीं बल्कि सीधे उन चीजों से है, जो अपच, पेट खराब, एंजाइटी, जैसी परेशानियों का कारण है। संक्षेप में यह कि बोर्ड परीक्षाओं के दौरान बच्चों को तले-भुने और मिर्च-मसालेदार हैवी खाने से बचाना चाहिए। इस दौरान उन्हें विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर हेल्दी डायट देनी चाहिए। बोर्ड परीक्षाओं के दौरान मां-बाप को चाहिए कि वे बच्चों को समय पर खाना खिलाने की कोशिश करें और यह भी कि उनके खाने में पौष्टिक खाद्य पदार्थों का संतुलन हो। मसलन इन दिनों इन्हें डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, पनीर, टोफू के साथ ही अंडा, होलग्रेंस और हरी सब्जियां खिलानी चाहिए, जिससे उन्हें ज़रूरी प्रोटीन, कार्ब और फाइबर मिल सके। मां-बाप को इस दौरान बड़ी कड़ाई से बच्चों के समय पर खाने और सोने पर नज़र रखनी चाहिए। पौष्टिक खाने की तरह ही अच्छी नींद भी इस दौरान उन्हें तरोताजा रखने के लिए ज़रूरी होती है। 
बोर्ड परीक्षाओं के दौरान इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि बच्चे बहुत गरिष्ठ खाना न खाएं और उनके शरीर में पानी की कतई कमी न  रहे। इसलिए उन्हें हर एक घंटे के बाद कोई सेहतमंद पेय पीने को दें। जैसे अलग अलग फ्लेवर के ग्लूकोज, नींबू पानी, बादाम, एप्पल या चीकू शेक, गाजर या चुकंदर का जूस, छाछ, लस्सी, नारियल पानी आदि। इससे उनके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और वे फ्रेश व एनर्जेटिक महसूस करेंगे। मां-बाप बच्चों को बाध्य करें कि वे इन दिनों भोजन धीरे-धीरे और चबाकर खाएं ताकि वह आसानी से पच सके। तरबूज, खरबूजा, संतरा, स्ट्रोबेरी, मोसंबी, पालक, पत्तागोभी, ब्रोकली आदि फल और सब्जियों का सलाद भी इन दिनों बच्चों को खिलाना चाहिए। उन्हें ठंडा रायता, जिसमें सब्जियां और फल हों दें। इससे उन्हें कैल्शियम, विटामिन्स और पानी एक साथ मिल जाएंगे। 
जिस तरह से यह जरूरी है कि बोर्ड परीक्षाओं के दौरान बच्चों को क्या खाने देना चाहिए, उसी तरीके यह भी ज़रूरी है कि इस दौरान मां-बाप उन्हें अनहेल्दी फूड न खाने दें। मसलन- पिज्जा, हॉट डॉग, सॉफ्ट ड्रिंक्स, सैंडविच, कुकीज केक आदि मैदे से बने खाद्य पदार्थ बच्चों को बिल्कुल न खाने दें। क्योंकि ये जल्दी पचते नहीं और बच्चे आलस भी महसूस करते हैं। 

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर