आंख क्यों झपकते हैं?

एक व्यक्ति हर सैकेंड़ के बाद आंख को झपकता है। आंख का झपकना एक प्रतिवर्ती क्रिया है। यह हमारी इच्छा के बिना होती है। जब आंख झपकते हैं तो पलकें आंसू ग्रंथियों पर दबाव डालती हैं। इनमें से आंसू पैदा होते हैं। आंख झपकने से आंसू कोर्निया पर फैल जाते हैं। आंसू में पानी की मात्रा बहुत अधिक होती है। यह पानी कोर्निया को गिला रखता है। कोर्निया को सांस लेने के लिए आक्सीज़न की आवश्यकता होती है। कोर्निया या पुतली रक्त से आक्सीज़न प्राप्त नहीं करता। यह हवा में से सीधी आक्सीजन लेता है। हवा के बीच की आक्सीजन आंसुओं के पानी में घुलती रहती है। कोर्निया पानी में घुली हुई आक्सीज़न को सोखता है। 
आंख के झपकने से मिट्टी के कण, धुआं तथा अन्य कण बाहर निकल जाते हैं। आंसूओं में लाईसोम पाया जाता है। जो सूक्ष्म जीवों को मारता है। कोर्निया को गिला रखने, उसकी सफाई और लाग के रोगों से बचाने के लिए आंखों को झपकते हैं।

-करनैल सिंह रामगढ़
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