शादी का निमंत्रण कार्ड

बंटी चूहे की अगले माह की बीस अप्रैल को शादी थी। बंटी बहुत खुश था। बंटी अपनी शादी की तैयारी में लगा हुआ था। बंटी ने अपनी शादी का निमंत्रण कार्ड अपने दोस्त चंदू शेर, मोनू भालू, चंदे हिरन, छोटू खरगोश, लम्बू जिराफ, पलटू बंदर, नटकू, स्याही, मोटू हाथी और टनटन चीता को दे चुका था। कुछ और बचे दोस्तों को भी देना रह गया था।  एक रोज़ पलटू बंदर की भेंट मीन मीन बिल्ली से हो गई। मीन मीन बिल्ली पलटू बंदर से उसका हाल चाल पूछने लगी। तभी पलटू बंदर बोला मीन मीन बहन हालचाल बाद में मिलना तो पूछ लेना मैं सीटी मॉल जा रहा हूं अपने लिए शेरवानी खरीदनी है। 
क्या तुम्हारी शादी है जो शेरवानी खरीदने जा रहे हो? मेरी नहीं मेरे दोस्त बंटी चूहे की है। क्या तुम्हें बंटी ने अपनी शादी का निमंत्रण कार्ड नहीं दिया है? नहीं तो। मीन मीन कह कर चुप हो गई। 
पलटू बात काट कर आगे बढ़ गया। और सीटी माल की ओर जाने लगा। एक रोज़ मीन मीन की भेंट छोटू खरगोश से हो गई और पूछ पड़ी छोटू भाई क्या तुम्हें भी बंटू चूहे की शादी का निमंत्रण कार्ड मिला है? हमें तो एक सप्ताह हो गया मिले हुए। लगता है तुम्हें नहीं मिला है तभी पूछ रही हो। वैसे तो बंटी ने सारे चंपक वन में रहने वाले जानवरों को अपनी शादी का निमंत्रण कार्ड दिया है। एक तुम्ही हो जिसे नहीं मिला है। यह तो बहुत दु:ख की बात है जो तुम्हे शादी का निमंत्रण कार्ड नहीं मिला है इतना कह कर छोटू खरगोश अपने घर की ओर चल दिया।  एक रोज बंटी चूहा बाज़ार से अपने लिए ढेर सारे कपड़े खरीद कर घर अपनी कार से आ रहा था। कार उसका ड्राइवर बिट्टू बंदर चला रहा था। दोनाें रास्ते में बातें करते आ रहे थे। तभी बिट्टू बंदर पूछ पड़ा बंटी भाई आप अपनी शादी में मीनमीन बिल्ली को नहीं ले जाएंगे? 
यह तुमसे किसने कहा नहीं ले जाउंगा?  मेरे बड़े भाई पलटू ने हमें बताया था। उसने हमसे कहा कि अभी तक बंटी ने मीनमीन बिल्ली को अपनी शादी का निमंत्रण कार्ड नहीं दिया है। क्या यह सच है? सुना है मीनमीन बिल्ली मारे शरम से तीन दिन से अपने घर से बाहर नहीं निकल रही है। 
अरे यह तो हमसे बड़ी भूल हो गई मैंने सचमुच मीनमीन को शादी का निमंत्रण कार्ड नहीं दिया है। तुम अभी गाड़ी ले कर मीनमीन के घर चलो उसे हम निमंत्रण कार्ड देकर घर चलेंगे। 
बिट्टू बंदर कार लेकर मीनमीन के घर की ओर चल दिया। बिट्टू ने कार को मीनमीन के घर सामने ले जाकर रोक दी। बंटी कार में रखी शादी का निमंत्रण कार्ड लेकर कार से नीचे उतर कर सीधे मीनमीन बिल्ली के घर में जा पहुंचा। 
नमस्ते मीनमीन मौसी। मुझसे बहुत बड़ी भूल हो गई। मैं तुम्हें अपनी शादी का निमंत्रण कार्ड देना भूल गया था। वह तो अच्छा हुआ कि हमारे कार ड्राइवर बिट्टू बंदर ने हमे बता दिया वर्ना भूल ही जाता। लो यह शादी का निमंत्रण कार्ड। इतना कहकर बंटी ने कार्ड को मीनमीन मौसी के हाथ में देकर बोला मौसी अब मैं चलता हूं घर पर बहुत काम है। इतना कह कर बंटी कार में जाकर बैठ गया और घर की ओर चल दिया। 
शादी का निमंत्रण कार्ड पाकर मीनमीन खुशी से फूली नहीं समाई। शादी के दिन बंटी चूहा शेरवानी सूट में ऐसा लग रहा था जैसे कोई राजकुमार हो। बग्गी पर बैठा बंटी मंद-मंद मुस्कुरा रहा था। कहीं डीजे कहीं ढोल नगारे कहीं शहनाई कहीं तासा ऐसे बज रहा था कि जैसे किसी राजा की बारात जा रही हो। 
बंटी के सारे दोस्त खूब नाच गा रहे थे। और नोटों को हवा में उछाल कर लूटा रहे थे। बंटी की शादी बड़ी धूमधाम से सम्पन्न हुई। सारे बारातियों की खूब आदर सत्कार हुई। बंटी अपनी पत्नी के रूप राजकुमारी जैसी सुन्दर मीनू चूहिया को पाकर खुशी से फूला नहीं समाया। बंटी चूहे की शादी की कई दिनों तक चंपक वन में चर्चा होती रही। 
 

(सुमन सागर)