बीजेपी नारी शक्ति को विकसित भारत की शक्ति बना रही है - पीएम मोदी 

बारासात, उत्तर 24 परगना (पश्चिम बंगाल), 6 मार्च - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "ये विशाल कार्यक्रम इस बात का साक्षी है कि बीजेपी कैसे नारी शक्ति को विकसित भारत की शक्ति बना रहा है। 9 जनवरी को भाजपा ने देश में 'नारीशक्ति वंदन अभियान' शुरू किया था, इस दौरान देश भर में लाखों स्वयं सहायता समूहों से संवाद किया गया। आज यहां पश्चिम बंगाल में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी बहनों का इतना विराट सम्मेलन हो रहा है। मैंने वर्षों तक संगठन में काम किया है।  इसलिए मुझे पता है कि इतना बड़ा राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित करना हो, देश भर में 19-20 हजार स्थानों पर महिला समूह एक कार्यक्रम में जुड़े हों, ये हिंदुस्तान के सार्वजनिक जीवन की सबसे बड़ी घटना है। यहां आने से पहले मैं कोलकाता में एक कार्यक्रम में था। वहां मैंने भारत सरकार की अनेक विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया। आज एक साथ कोलकाता मेट्रो, पुणे मेट्रो, कोच्चि मेट्रो, आगरा मेट्रो और नमो भारत ट्रेन से जुड़े नए रूट्स का विस्तार हुआ है। देश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को आधुनिक बनाना भारत सरकार की प्राथमिकता है। आज कोलकाता की मेट्रो इस बात की भी गवाह है कि भाजपा सरकार कितनी तेजी से काम करती है। 2014 से पहले के 40 वर्षों में कोलकाता मेट्रो का सिर्फ 28 किमी रूट बना था। जबकि भाजपा सरकार के बीते 10 साल में कोलकाता मेट्रो का 31 किमी और विस्तार हो चुका है। ऐसे काम को देखकर पूरा देश, प.बंगाल और हर माता-बहन कह रही है कि अबकी बार 400 पार, अबकी बार NDA सरकार 400 पार। मेरे देश की बहनें...  यही तो मोदी का परिवार हैं।  मोदी के शरीर का कण-कण और जीवन का क्षण-क्षण इसी परिवार के लिए समर्पित है।  जब मोदी को कोई कष्ट होता है - तो यही माताएं-बहनें-बेटियां कवच बनकर खड़ी हो जाती हैं। केंद्र में एनडीए की सरकार की वापसी देख अब इंडी गठबंधन के सारे नेता बौखला गए है इसलिए अब वे मोदी को गालियां देना शुरू कर दिया है। वे आजकल मेरे परिवार के बारे में पूछ रहे हैं। वे कह रहे हैं कि मेरा खुद का परिवार नहीं है इसलिए मैं 'परिवारवाद' के खिलाफ बात कर रहा हूं। ये लोग मेरे परिवार के बारे में जानना चाहते हैं। मैं चाहता हूं कि ये 'परिवारवादी' हमारी सभा के साक्षी बनें और समझें कि यहां मौजूद सभी लोग मेरा परिवार है। मैं बहुत छोटी आयु में घर छोड़कर, एक झोला लेकर चल पड़ा था।  देश के कोने-कोने में भटक रहा था, कुछ खोज रहा था।  मेरी जेब में कभी एक पैसा नहीं रहता था। लेकिन देशवासियों को जानकर गर्व होगा कि मेरा देश, मेरे देश की माताएं बहनें और मेरे देश का हर परिवार कैसा है!  जेब में एक पैसा नहीं होता था और न ही मैं भाषा जानता था, लेकिन कोई न कोई परिवार, कोई न कोई बहन मुझसे पूछ लेते थे कि भाई कुछ खाना खाएं हो या नहीं। आज मैं देशवासियों को बता रहा हूं कि वर्षों तक मैं बिना एक पैसे के कंधे पर झोला लेकर घूमता रहा, लेकिन मैं एक दिन भी भूखा नहीं रहा इसीलिए मैं कहता हूं कि ये 140 करोड़ देशवासी ही मेरा परिवार है।'