अगर चाहते हैं बच्चों की हाइट बढ़ाना

बच्चों की कद काठी अधिकतर वंशानुगत होती है पर विशेष ध्यान देकर हम हाइट बढ़ाने में उनकी मदद कर सकते हैं। वैसे हर बच्चे की विकास दर अलग होती है फिर भी माता-पिता होने के नाते हमें प्रयास करना चाहिए। आइए जानें अपने बच्चों की दिनचर्या में क्या बदलाव लाएं ताकि उनका कद लंबा हो सके।
कद बढ़ने की भी एक उम्र होती है जैसे प्रथम वर्ष तक बच्चे का कद अधिक नहीं बढ़ता। 7-8 वर्ष तक बच्चे के विकास की गति धीमी होती है। लड़कियां 8 वर्ष से 13 वर्ष तक की उम्र में तेजी से बढ़ती हैं और लड़के 10 से 15 वर्ष तक की उम्र में तेजी से बढ़ते हैं। वैसे बच्चों की लंबाई 18 से 20 वर्ष तक थोड़ी-थोड़ी बढ़ती रहती है। 
बच्चों की लंबाई में ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन का भी काफी योगदान होता है। यह हार्मोन पिटयूटरी ग्लैंड से निकलता है। 
कुछ आदतें, जिनका बदलाव जीवन शैली में ज़रूरी
बढ़ते बच्चों को कम से कम 10 से 12 घंटे तक नींद ज़रूरी होती है। बच्चों को रात्रि में जल्दी सुलाने की आदत डालें ताकि बच्चे का उचित विकास हो सके।
बच्चे के आहार में प्रोटीन की मात्र अधिक रखें। बच्चों को दूध, दूध से बने उत्पाद बींस, राजमां, काले चले, सोयाबीन दें। आहार में आयरन, कैल्शियम, विटामिंस की भी सही मात्र का ध्यान रखें। नियमित रूप से बच्चों को फल, हरी सब्जियां, दूध और दूध से बने उत्पाद दें। 
बच्चों का टीवी, कंप्यूटर, टैबलेट, मोबाइल आदि से दूर रखें ताकि वे एक स्थान पर बैठ कर समय बर्बाद न करें। 
उन्हें बाहर खेलने के लिए उत्साहित करें ताकि उनका शारीरिक व मानसिक विकास उचित रूप से हो सके। बच्चों को बाहर साइकिल चलाने, फुटबाल बास्केटबाल, बैडमिंटन, स्किपिंग करने के लिए भेजें ताकि बच्चे चुस्त बने रहें और मोटे भी न हों। 
बच्चों को स्टेऊचिंग व हैंगिग व्यायाम नियमित करवाएं ताकि हड्डियों का संपूर्ण विकास हो। ताड़ासन, चक्रासन, सूर्य नमस्कार जैसे आसन बच्चों के कद बढ़ाने में मदद करते हैं। 
बच्चों को गेहूं की चपाती व ब्राउन ब्रेड खाने को दें। बच्चों को धूप में खेलने, बैठने को कहें ताकि उन्हें विटामिन डी मिल सके। विटामिन डी मांसपेशियों के विकास के लिए ज़रूरी है। 
जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ भी दें, यह भी विकास में सहायक होता है। मूंगफली, कद्दू आदि खाने को दें।
बच्चों का इम्यून सिस्टम स्ट्रांग बना रहे, इसके लिए बच्चों को विटामिन सी से भरपूर फल दें। इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर बच्चा बार-बार बीमार पड़ता है जिससे बच्चे का विकास बाधित होता है। अगर इम्यून सिस्टम स्ट्रांग हो तो बच्चे का विकास उचित होता है।
बच्चों के बॉडी पाश्चर पर भी ध्यान दें ताकि वे सीधे खड़े हों, सीधे बैंठे। कमर झुका कर न चलें, न बैठें, न खड़े हों। रीढ़ की हड्डी सीधी रहने से विकास ठीक होता है। 

(स्वास्थ्य दर्पण)