आश्वथ कौशिक ने ग्रैंडमास्टर पर हासिल की रिकॉर्ड जीत

रिकॉर्ड तो होते ही हैं टूटने के लिए। यह वाक्य इस साल फरवरी में शतरंज संसार में सर चढ़कर बोला। अब तक हम यही सुनते आ रहे थे कि क्लासिक टूर्नामैंट गेम में एक ग्रैंडमास्टर को पराजित करने वाला सबसे कम आयु का खिलाड़ी एवंडर लिआंग था, जिसने नौ साल से कम की उम्र में यह कारनामा कर दिखाया था। लेकिन इस फरवरी में सर्बिया के लियोनिड इवानोविच ने 8 साल व 11 माह की आयु में बुल्गारिया के ग्रैंडमास्टर मिलको पोपचेव को हराकर इस संदर्भ में नया रिकॉर्ड स्थापित किया। लियोनिड इवानोविच अपने कीर्तिमान का जश्न मना ही रहे थे कि मात्र एक सप्ताह के भीतर आश्वथ कौशिक ने उनका भी रिकॉर्ड तोड़ दिया और वह क्लासिक गेम में एक ग्रैंडमास्टर को शिकस्त देने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गये हैं।
गौरतलब है कि ग्रैंडमास्टर की उपाधि विश्व के सर्वश्रेष्ठ शतरंज खिलाड़ियों को दी जाती है। वर्ल्ड चेस फेडरेशन ने यह टाइटल अब तक सिर्फ 2,100 खिलाड़ियों को ही दी है, जिसमें से भारत में 84 ग्रैंडमास्टर हुए हैं। विश्व चैंपियन के बाद ग्रैंडमास्टर उच्चतम टाइटल है। आश्वत कौशिक 8 साल व 7 माह के हैं यानी वह लियोनिड इवानोविच से चार माह छोटे हैं। आश्वथ कौशिक ने स्विट्जरलैंड में इतिहास रचते हुए बर्गडोरर्फर स्टडथोस ओपन क्लासिकल शतरंज प्रतियोगिता में पोलैंड के 37-वर्षीय ग्रैंडमास्टर जसेक स्टॉप को हराया। भारत में जन्मा यह नन्हा चमत्कार सिंगापुर में रहता है। अपनी जीत के बाद आश्वत कौशिक ने बताया, ‘मुझे बहुत अच्छा व आश्चर्यजनक लगा। मुझे अपने खेल पर गर्व है विशेषकर इसलिए कि एक समय गेम में मेरी पोजीशन अच्छी नहीं थी, लेकिन मैं खराब स्थिति से भी बाहर निकलने में सफल रहा।’
आश्वथ कौशिक के पिता श्रीराम कौशिक और उनकी माता में से कोई भी शतरंज नहीं खेलता है। आश्वत ने चार साल की आयु में शतरंज के नियम सीख लिए थे। अपने दादा-दादी के साथ शतरंज खेलकर वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं। वह दिन में सात घंटे शतरंज की प्रैक्टिस करते हैं और अपने पुराने चेस प्रोग्राम पर हजारों पजल हल करते हैं। उनके पिता के अनुसार आश्वत की फोटोग्राफिक मेमोरी है, वह जटिल पजल को विजुअली हल कर देते हैं। उन्होंने बिना बोर्ड का इस्तेमाल किये ग्रैंडमास्टर जैकब आगार्ड की पूरी ग्रैंडमास्टर सीरीज हाल ही में हल कर दी थी। आश्वत कौशिक अब तक ग्लोबली अनेक प्रतियोगिताएं खेल चुके हैं और 2022 में वह वर्ल्ड अंडर-8 रैपिड चैंपियन थे। वह अपनी शुरुआती सफलता पर ही बैठे नहीं रहना चाहते बल्कि विश्व चैंपियन बनने तक अपना सफर जारी रखना चाहते हैं। वह 2000 की चेस प्लेयर रेटिंग भी हासिल करना चाहते हैं, जिसके वह बहुत करीब पहुंच चुके हैं। स्टॉप पर जीत के बाद उन्हें 84 रेटिंग पॉइंट्स मिले हैं।
ग्रैंडमास्टर स्टॉप पर आश्वथ कौशिक की जीत न केवल उनकी असाधारण प्रतिभा का सबूत है बल्कि शतरंज में उनकी संभावना का भी संकेत देती है। इतनी कम आयु में लचीलेपन व योजना बनाने की काबलियत प्रदर्शित करना निश्चितरूप से आश्चर्यजनक है। गेम में उन्हें कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने बाजी पलट दी और जीत हासिल की। यह भी हैरत की बात है कि आश्वत कौशिक के परिवार में प्रतिस्पर्धात्मक स्पोर्ट्स की परम्परा नहीं है और फिर भी वह नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। इसलिए उनके पिता के लिए आश्वत की यात्रा हर दिन एक नई ‘खोज’ है। ऐसा प्रतीत होता है कि वह शतरंज ईश्वरीय वरदान के रूप में मिला है, जिसे उन्होंने अपने दादा-दादी के साथ हंसी मजाक में खेलकर सुधारा और अब वह असाधारण पथ पर निकल पड़े हैं, जहां वह नित नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।
क्लासिकल शतरंज में एक ग्रैंडमास्टर को बोर्ड पर हराना वास्तव में परीकथा जैसा है। जो लोग शतरंज खेलते हैं या इसका शौक रखते हैं वह ही इस उपलब्धि के महत्व को समझ सकते हैं। हालांकि पिछले सात वर्षों से आश्वथ कौशिक अपने परिवार के साथ सिंगापुर में रह रहे हैं, लेकिन वह भारत के ही नागरिक हैं। बर्गडोरफेर स्टडथोस ओपन में आश्वथ कौशिक का स्थान 12वां रहा। फिर भी उन्होंने शतरंज इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है और वह दुनियाभर के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं। उनकी कहानी बताती है कि अगर आप में प्रतिभा है और उस पर कड़ी मेहनत करने की हिम्मत भी है तो आसमान तक संभावनाओं और उम्मीदों के द्वार आपके लिए खुले हुए हैं।
दुनिया की नज़र आश्वथ कौशिक पर उस समय पड़ी थी जब वह मात्र 6 साल के थे। 2022 में उन्होंने ईस्टर्न एशियन यूथ चैंपियनशिप में ट्रिपल गोल्ड (ब्लिट्ज, रैपिड व क्लासिक) जीता था। उसी साल वह वर्ल्ड अंडर-8 रैपिड चैंपियन भी बने, जबकि वह उच्चतम आयु सीमा से दो वर्ष कम थे। सिंगापुर चेस फेडरेशन के सीईओ ग्रैंडमास्टर केविन गोह का कहना है, ‘पिता जबरदस्त समर्थन देता है, बेटा समर्पित है, स्कूल रियायत देता है और यकीनन उसकी प्रतिभा प्राकृतिक है। हमें इस लड़के को लेकर बहुत उम्मीदें हैं। बस बढ़ती उम्र के साथ उसकी दिलचस्पी किसी अन्य चीज में न हो जाये।’

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर