अपने बच्चों को मोटापे से बचाइये

बच्चों में मोटापा एक भयंकर समस्या का कारण बन गया है। आजकल का रहन-सहन, खानपान और नये प्रकार के भोजन में रूचि बच्चों की सेहत पर तबाही मचा रही है। इस समस्या के कई कारण हैं और इससे बच्चों में कई प्रकार की बीमारियां पाई जा रही हैं। अब बच्चों को भी पतले होने के लिए अस्पतालों में तथा हेल्थ क्लबों में भर्ती किया जा रहा है। शिशु अवस्था में ही गलत खानपान की आदतें पड़ जाती हैं। ज्यादा दूध, मक्खन व अण्डे कितना नुकसान पहुंचाते हैं, यह तो बाद में पता चलता है। अमरीका में की गयी एक खोज के अनुसार ज्यादा से ज्यादा लोग जो मोटापे का शिकार होते हैं और जिन्हें दिल की बीमारी होती है, वे बचपन से ही मोटापे का शिकार होते हैं।
आजकल के रहन सहन का तरीका भी मोटापे को बढ़ाता है। आजकल के बच्चे कहीं खेलने नहीं जाते। इसके कई कारण हैं। शहरों में खेलने की जगहों की कमी, छोटे-छोटे मकान और फिर पढ़ाई के मारे बच्चों को तो खाली समय तो मिलता ही नहीं। स्कूल से आकर बच्चे गृहकार्य में व्यस्त हो जाते हैं। तकरीबन 2-3 घण्टे काम करने के बाद जब उन्हें खाली समय मिलता है तो वे खेलना चाहते हैं-लेकिन वे खेलने कहां जाएं?
खुले बगीचे तो दिखाई ही नहीं देते और घरों के नीचे मैदान तो हैं ही नहीं इसलिए खाली समय में बच्चे टेलीविज़न देखते रहते हैं। इससे उनके शरीर पर बुरा असर होता है। कहीं खेलना नहीं, शरीर के किसी भी अंग का व्यायाम नहीं हो पाता। ऐसे में उनका शरीर फूलता ही रहेगा। टेलीविज़न के अलावा अब अधिक से अधिक बच्चे कम्प्यूटर में रूचि लेने लगे हैं। कई घण्टे लगातार बैठे रहने से उनका क्या व्यायाम होगा?
इस सब से यह बात साफ पता लगती है कि इस भयानक अवस्था का कारण हम ही हैं। अगर हम थोड़ा-सा समय सही खाने पर दें और थोड़ी-सी देर के लिए अपने बच्चों के साथ खेलें और उन्हें खेलने की आदत डालें तो बहुत-सी समस्यायें दूर हो सकती हैं। हर समय घर में गाजर, मूली, फल ज्यादा रखें। शीतल पेय पदार्थ, तली हुई चीजें और वेफर इत्यादि कम रखें। इस तरह बच्चों को अच्छी चीजें खाने की आदत पड़ जाएगी। 
अपनी सोच बदलें। बच्चों को घी, मक्खन और चर्बीदार व तली हुई चीजें न दें। बच्चों को प्रोत्साहित करें कि वे सैर करने जाएं, खेलें और अपना कुछ समय व्यायाम में बितायें। कभी भी बच्चों को खाने से न रोकें परन्तु उन्हें सम्पूर्ण आहार खाने की आदत डालें। यदि हम उन्हें अच्छे व स्वादिष्ट तरीके से सही आहार खिलाएं और सेहत की ओर जागृत करें तो यह भयानक स्थिति रोकी जा सकती है। (स्वास्थ्य दर्पण)