क्रिकेट के तीनों फार्मेट्स का बादशाह बना भारत

भारत बनाम इंग्लैंड शृंखला आरंभ होने से पहले अनिल कुंबले ने भविष्यवाणी की थी कि भारत 4-1 से सीरीज जीतेगा। वही हुआ। इससे भी दिलचस्प तथ्य यह रहा कि 112 साल के इतिहास में चौथी बार यह हुआ कि पांच मैचों की श्रृंखला में एक टीम ने पहला टेस्ट हारने के बाद सीरीज 4-1 से जीता। बहरहाल, पिछले दो वर्षों से इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैकुलम व कप्तान बेन स्टोक्स ने अपनी बाजबॉल (पढ़ें आक्रामक) थ्योरी से क्रिकेट के सबसे पुराने व श्रेष्ठ फॉर्मेट (यानी टेस्ट) को आकर्षक व पुर्नजीवित करने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले रखी थी, इसलिए जब दो सबसे अच्छी टीमों के बीच आज के आधुनिक युग में पांच टेस्ट्स की दुर्लभ श्रृंखला आयोजन की घोषणा हुई, तो मनोरंजक व कांटे की टक्कर की उम्मीद थी। लेकिन क्या ऐसा देखने को मिला? नहीं। 
भारत ने अपने स्किल व अनुभव की मदद से क्लासिकल क्रिकेट खेलते हुए बाजबॉल को शिकस्त दे दी। सारे मैच इतने एकतरफा हुए कि कोई भी पांचवें दिन तक नहीं पहुंचा यानी कांटे की कोई टक्कर नहीं हुई। जहां तक मनोरंजन की बात है, तो वह धर्मशाला टेस्ट के तीसरे दिन ही उस समय देखने को मिला जब इंग्लैंड पारी से हार की कगार पर था और जो रूट व शुएब बशीर संघर्ष कर रहे थे, तब सरफराज खान ने बशीर से कहा, ‘जल्दी मार-मूर के (अपनी पारी) खत्म कर, पहाड़ों पर बर्फ गिर रही है, वह देखने चलेंगे।’ बशीर बोल्ड आउट हो गये और फिर भी डीआरएस की अपील करने लगे, जिससे रूट सहित सबकी हंसी छूट गई। इंग्लैंड पर इस शानदार कामयाबी के बाद अब भारत ने क्रिकेट के तीनों फोर्मेट्स (टेस्ट, एकदिवसीय व टी20) में आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है। भारत अब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्लूटीसी) की स्टैंडिंग में भी टॉप पर है, जिससे उसके लगातार तीसरी बार डब्लूटीसी के फाइनल में पहुंचने की संभावना बढ़ गई है। भारत के इस समय 122 रेटिंग पॉइंट्स हैं, जोकि ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट रैंकिंग से पांच पॉइंट्स अधिक हैं और 111 रेटिंग पॉइंट्स के साथ इंग्लैंड तीसरे स्थान पर है। 
भारत बनाम इंग्लैंड श्रृंखला भले ही धमाकेदार न रही हो, लेकिन इसमें पिछले रिकार्ड्स टूटने व नये रिकार्ड्स बनने का सिलसिला गजब का रहा। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि एक श्रृंखला में छक्कों का शतक लगा। इस सीरीज में रिकॉर्ड 102 छक्के लगे, जबकि इससे पहले 74 छक्कों का रिकॉर्ड था, जो इंग्लैंड में खेली गई 2023 एशेज सीरीज़ में लगे थे। भारत की तरफ से 72 छक्के लगे और यह भी इस लिहाज से नया रिकॉर्ड है कि पहली बार किसी टीम ने एक टेस्ट सीरीज में 50 या उससे अधिक छक्के लगाये हैं। हालांकि जसप्रीत बुमराह व मुहम्मद सिराज की रिवर्स स्विंग ने भी समय-समय पर कमाल दिखाया, लेकिन भारत की इस शानदार जीत में स्पिनर्स रविचन्द्रन अश्विन, कुलदीप यादव व रविन्द्र जडेजा का विशेष योगदान रहा। अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के बाद अब इंग्लैंड के विरुद्ध भी 100 से अधिक विकेट ले लिए हैं, जोकि एक भारतीय रिकॉर्ड है। अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ 24 टेस्ट्स में 27.72 की औसत से 114 विकेट लिए हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध उन्होंने 22 टेस्ट्स में 28.36 की औसत से 114 विकेट लिए हैं। इस तरह अश्विन ने अपने ही भारतीय रिकॉर्ड की बराबरी की है। अश्विन पहले भारतीय गेंदबाज हैं जिन्होंने किसी भी प्रतिद्वंदी टीम के विरुद्ध घर पर विकेट लेने का शतक लगाया है। भारत में उन्होंने इंग्लैंड के विरुद्ध 18 टेस्ट खेले हैं, जिसमें उन्होंने 27.00 की औसत से 100 विकेट लिए हैं। धर्मशाला में अपने कॅरियर का 100वां टेस्ट खेलते हुए 36वीं बार एक पारी में पांच विकेट लिए, जोकि भारतीय रिकॉर्ड है। गौरतलब है कि अनिल कुंबले (619 टेस्ट विकेट) के बाद अश्विन दूसरे ऐसे भारतीय गेंदबाज हैं, जिन्होंने 500 से अधिक टेस्ट विकेट लिए हैं। 
यह श्रृंखला सलामी बैटर यशस्वी जायसवाल की धमाकेदार बल्लेबाजी के लिए भी याद रखी जायेगी। उन्होंने दो दोहरे शतकों के साथ नौ पारियों में 89.00 की औसत से कुल 712 रन बनाये, जोकि इंग्लैंड के विरुद्ध किसी भी भारतीय बैटर का रिकॉर्ड है। इससे पहले यह रिकॉर्ड विराट कोहली के पास था जिन्होंने 2016-17 में 8 पारियों में 109.16 की औसत से इंग्लैंड के विरुद्ध कुल 655 रन बनाये थे। जायसवाल एकमात्र लेफ्ट-हैंड भारतीय बैटर हैं जिन्होंने एक टेस्ट सीरीज में 700 या उससे अधिक रन बनाये हैं। वैसे सीरीज में सबसे अधिक रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड डॉन ब्रैडमैन (139.14 की औसत से 974 रन इंग्लैंड के विरुद्ध) का और भारतीय रिकॉर्ड सुनील गावस्कर (154.8 की औसत से 774 रन विरुद्ध वेस्टइंडीज) का है। धर्मशाला टेस्ट में जब जेम्स एंडरसन ने कुलदीप यादव को आउट किया तो यह उनका टेस्ट क्रिकेट में 700वां विकेट था। इस मकाम तक पहुंचने वाले वह एकमात्र तेज गेंदबाज हैं, जबकि उनसे अधिक टेस्ट विकेट केवल स्पिनर्स के हैं- शेन वार्न (708) व एम मुरलीधरन (800) ग्लेन मैकग्राथ का ख्याल है कि एंडरसन ने जो हासिल किया है, वह कोई दूसरा तेज गेंदबाज कभी हासिल नहीं कर सकेगा। 
भारत के विरुद्ध एंडरसन के 39 टेस्ट में 149 विकेट 25.47 की औसत से हैं। इंग्लैंड के स्पिनर बशीर ने भी सबको प्रभावित किया और वह इंग्लैंड के पहले ऐसे गेंदबाज बने जिन्होंने 21 साल का होने से पहले टेस्ट्स में दो बार पारी में पांच विकेट लेने का श्रेय प्राप्त किया- रांची में 5/119 व धर्मशाला में 5/173। भारत ने यह टेस्ट सीरीज अपने दिग्गज खिलाड़ियों जैसे विराट कोहली व मुहम्मद शमी के बिना खेली। केएल राहुल शुरुआती दो टेस्ट खेलकर चोट के कारण बाहर हो गये थे। इससे पांच नये लड़कों- रजत पाटीदार, ध्रूव जुरेल, देवदत्त पदिक्कल, सरफराज खान व आकाश दीप अपना पहला टेस्ट खेलने का अवसर मिला। इनमें रजत को छोड़कर सभी ने प्रभावित किया, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि भारत का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर