युद्ध के साये में ‘ओपेनहाइमर’ को मिले सात ऑस्कर

ऑस्कर का 96वां सत्र जहां इसलिए याद रखा जायेगा कि बायोग्राफिकल फिल्म ‘ओपेनहाइमर’ अपने 13 नॉमिनेशंस में से सात में पुरस्कार प्राप्त करने में सफल रही, वहीं यह भी इतिहास बन गया है कि डॉल्बी थिएटर, जहां इस साल के अकादमी अवार्ड्स का आयोजन हो रहा था, के अंदर और बाहर ग्लोबल राजनीति पर प्रभावी वक्तव्य दर्ज किये गये और सैंकड़ों मील दूर युद्ध के धमाकों के बीच यूक्रेन ने अपने पहले ऑस्कर का जश्न मनाया। अकादमी अवार्ड्स का ‘इन मेमोरियम’ (जो गुजर गये उनकी याद में) सेगमेंट किसी हॉलीवुड स्टार से शुरू नहीं हुआ बल्कि रूस के विपक्षी नेता अलेक्सई नवलनी, जिनका पिछले महीने रूस की जेल में संदिग्ध स्थितियों में निधन हो गया था, पर बनी ‘नवलनी’ डाक्यूमेंट्री (जिसे 2022 में ऑस्कर मिला था) की क्लिप से हुआ, जिसमें वह कह रहे थे, ‘अगर वह मेरी हत्या करने का फैसला करते हैं, तो इसका अर्थ यह है कि हम बहुत अधिक ताकतवर हो गये हैं।’ साथ ही स्क्रीन पर नवलनी का यह बयान भी लिखा हुआ था- ‘बुराई की जीत के लिए एकमात्र आवश्यकता यह है कि अच्छे लोग कुछ न करें।’ 
शायद बुराई को पराजित करने के लिए डॉल्बी थिएटर के बाहर ‘अच्छे लोग’, हजारों की तादाद में, गाज़ा में बच्चों की हत्या का विरोध करते हुए फिलिस्तीन में युद्धविराम की मांग कर रहे थे। इन प्रदर्शनकारियों में कुछ सेलेब्रिटीज भी शामिल हो गये और शांति की अपील करने लगे। बिली एलिश और मार्क रुफलो ने रेड पिंस पहनकर युद्धविराम की मांग की। यह उल्लेखनीय अपवाद था, क्योंकि इस अवार्ड्स मौसम में अनेक स्टार्स ने गाज़ा की चिंताजनक स्थिति पर कुछ बोलने से संकोच किया है। सोमवार (11 मार्च 2024) की सुबह जब रूस के ड्रोन खरकीव व ओडेसा क्षेत्रों में बमबारी कर रहे थे, तभी इस शोर के बीच यूक्रेन ने यह खबर भी सुनी कि उसने अपना पहला ऑस्कर जीता है। यह काले बादलों में से खुशी की एक हल्की सी किरण थी, जिसका जश्न मनना लाज़मी था। मस्तीस्लाव चेरनोव की ’20 डेज इन मारीयूपोल’ को सर्वश्रेष्ठ डाक्यूमेंट्री से सम्मानित किया गया है। 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला शुरू किया था, तब के हालात का यह एक एपी पत्रकार का भयावह फर्स्ट-पर्सन अकाउंट है। चेरनोव के लिए यह खट्टीमीठी उपलब्धि रही। उन्होंने कहा, ‘यह यूक्रेन के इतिहास में पहला ऑस्कर है और मैं इस सम्मान के लिए शुक्रगुजार हूं। इस मंच पर मैं संभवत: पहला निर्देशक होऊंगा जो यह कह रहा है कि काश मैं यह फिल्म न बनाता। काश! रूस यूक्रेन पर कभी हमला ही न करता।’ चेरनोव के नेतृत्व में एपी की टीम रूस का हमला शुरू होने से एक घंटा पहले तटवर्तीय शहर मारीयूपोल पहुंच गयी थी और 20 दिन बाद, वह वहां काम करने वाले अंतिम पत्रकार थे। उनके डिस्पैच से मालूम हुआ कि नागरिकों, मैटरनिटी हॉस्पिटल आदि पर बम बरसाये जा रहे थे, नतीजतन सामूहिक कब्रें खोदी जा रही थीं। यह इतना भयावह मंजर था कि रूस के राष्ट्रपति वी जेलेंसकी चाहते हैं कि दुनिया कभी मारीयूपोल के हॉरर को न भूले।
‘ओपेनहाइमर’ भी युद्ध व राजनीति से संबंधित फिल्म है। यह जूलियस रोबर्ट ओपेनहाइमर (1904-1967) के जीवन पर आधारित है, जो एक सैद्धांतिक भौतिकविद और अमरीका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में भौतिकशास्त्र के प्रोफेसर थे और परमाणु बम के जनक के रूप में अधिक विख्यात हैं। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान वह परमाणु बम के निर्माण के लिए आरंभ की गई मेनहट्टन परियोजना के वैज्ञानिक निर्देशक थे। ओपेनहाइमर एक जटिल व्यक्ति थे। वह सब कुछ नष्ट करने वाला परमाणु बम बनाते हैं और फिर जब हिरोशिमा व नागासाकी को उसी बम से बर्बाद कर दिया जाता है, तो उन्हें अपनी ईजाद पर दु:ख भी होता है। फिल्म में ओपेनहाइमर के इस एहसास को दर्शाया गया है कि उनकी रचना हर ज्ञात चीज को नष्ट कर सकती है, जिससे भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ओपेनहाइमर व अल्बर्ट आइंस्टीन का अंतिम सीन इस दुखद सत्य को उजागर करता है कि ओपेनहाइमर की आत्म-केंद्रित खोज और अहंकार के कारण दुनिया का विनाश हुआ है। 
‘ओपेनहाइमर’ को सात ऑस्कर से सम्मानित किया गया, जिनमें सर्वश्रेष्ठ फिल्म व क्रिस्टोफर नोलन को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के पुरस्कार भी शामिल हैं। नोलन का यह पहला ऑस्कर है। इसी फिल्म के लिए सिलियन मर्फी (सर्वश्रेष्ठ एक्टर), रोबर्ट डाउनी जूनियर (सर्वश्रेष्ठ सपोर्टिंग एक्टर), होयते वान होयतेमा (सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी), जेनिफर लेम (सर्वश्रेष्ठ सम्पादन) को भी अपने करियर के पहले ऑस्कर मिले। ‘ओपेनहाइमर’ को सातवां ऑस्कर सर्वश्रेष्ठ ओरिजिनल स्कोर के लिए मिला है। इस बार के ऑस्कर में एक अन्य फिल्म जिसका बोलबाला रहा, वह थी ‘पुअर थिंग्स’। इसके लिए एमा स्टोन को सर्वश्रेष्ठ एक्ट्रेस के पुरस्कार से सम्मानित किया गया और उनके अतिरिक्त इस फिल्म को प्रोडक्शन डिजाइन, मेकअप व कोस्टियूम डिजाइन के लिए भी ऑस्कर मिले। सर्वश्रेष्ठ सपोर्टिंग एक्ट्रेस का ऑस्कर डीजे रैन्डोल्फ को ‘द होल्डओवर्स’ के लिए मिला। 
पिछले साल सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म ‘बार्बी’ को मात्र एक ऑस्कर मिला- बिली एलिश व उनके भाई फिनअस को सर्वश्रेष्ठ ओरिजिनल गीत लिखने के लिए। इंग्लैंड की ‘द जोन ऑफ इंटरेस्ट’ सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फिल्म रही। दस नॉमिनेशन के बावजूद ‘किलर्स ऑफ द फ्लावर मून’ को एक भी ऑस्कर नहीं मिला। भारत की डॉक्यूमेंट्री ‘टू किल ए टाइगर’ को हालांकि प्रियंका चोपड़ा बैक कर रही थीं, लेकिन वह यूक्रेन की डॉक्यूमेंट्री से हार गई। कुल मिलाकर इस बार के ऑस्कर पर ग्लोबल राजनीति व युद्ध की छाया रही, इसलिए यह आश्चर्य नहीं है कि अमरीका की स्थानीय राजनीति भी इसमें प्रवेश कर ही गई। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जिम्मी किम्मेल की आलोचना करते हुए पोस्ट किया, ‘ऑस्कर में क्या जिम्मी किम्मेल से भी खराब संचालक कभी आया है?’ समारोह में ट्रम्प की पोस्ट को पढ़ते हुए किम्मेल ने चुटकी ली- इतनी देर रात तक जाग रहे हो, क्या जेल का समय पूरा हो गया?

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