जब बच्चा हो जाए डायरिया का शिकार

देखने में तो यह साधारण सी बात है कि बच्चे को दस्त हो गये मगर यह कोई अच्छी स्थिति नहीं है। वैसे भी दिन में 4-5 बार दस्त जाना कोई साधारण बात नहीं है। 7-8 दस्त हों जायें तो स्थिति काफी गंभीर हो जाती है। शरीर की हालत काफी नाजुक हो जाती है। इससे शरीर में डीहाइडे्रशन हो जाता है यानी शरीर में पानी की कमी इतनी हो जाती है कि पाचन और रक्त संचार की प्रक्रिया भी सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पाती है। अधिक दस्त तो सभी के लिए खतरनाक हो सकते हैं लेकिन बच्चों के केस में स्थिति अधिक भयावह हो जाती है।
बच्चों को ऐसी अवस्था में बेहद देखभाल की आवश्यकता होती है। सबसे पहले तो बच्चे के आस-पास का वातावरण स्वच्छ रखें। यदि उसे बार-बार दस्त आयें तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जायें। बिना डॉक्टर की सलाह के उसे कोई दवाई न दें। नवजात शिशुओं के साथ तो बेहद ही सावधानी बरतनी चाहिए। यदि उनके साथ दो दिन तक ऐसी स्थिति बनी रही तो समझें कि मामला बेहद गंभीर है। ऐसी स्थिति में उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जायें।
कई स्थितियां आपके सामने आ सकती हैं इसलिए जान लें कि अपने बच्चे को आप डॉक्टर के पास कब ले जायें। यदि काले रंग का मल आये, यदि 24 घंटे बाद भी बच्चे की स्थिति में कोई सुधार न हो, बुखार बहुत तेज़ हो जाए, बच्चे का गला और जुबान सूखी हो, पेट और गाल अंदर की तरफ धंसे दिखाई दें। 
ड्रीहाइडे्रशन से कैसे निपटें 
 पानी को उबालकर पीने के लिए प्रयोग करें। ओआरएस का घोल दें। चीनी और नमक मिला पानी थोड़ी-थोड़ी देर में पिलाती रहें। बीमार को जूस, सूप, मूंग दाल की पतली खिचड़ी एवं दही खाने को दें। 
(स्वास्थ्य दर्पण)